Karnataka News: कॉलेज में लड़कियों के हिजाब पहनने पर प्रतिबंध, मंत्री ने कहा-स्कूल और कॉलेज धर्म का पालन करने की जगह नहीं

Karnataka News: उडुपी स्थित एक कॉलेज के अधिकारियों और जिला अधिकारियों द्वारा छात्रों को एक अल्टीमेटम दिया गया, जिसमें लिखा गया कि ड्रेस कोड का पालन करें और एक शिक्षा प्राप्त करें, या फिर घर जाएं और अपनी पसंद से पहनें...

Update: 2022-01-20 14:30 GMT

कर्नाटक में बढ़ता जा रहा है हिजाब का विवाद

Karnataka News: कर्नाटक के कॉलेजों में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने से पैदा हुआ विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। उडुपी जिले के एक सरकारी कॉलेज की मुस्लिम छात्राएं के हिजाब पहनने पर रोक लगा दी गई है। छात्राओं की मांग है कि उन्हें कक्षाओं के दौरान हिजाब पहनने की इजाजत दी जाए। हिजाब को लेकर कॉलेज प्रबंधन और इन छात्राओं के बीच खींचतान लगभग तीन सप्ताह से जारी है। वहीं, राज्य के मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि स्कूल-कॉलेज में हिजाब पहनना अनुशासनहीनता है। मंत्री ने कहा कि शिक्षण संस्थान धर्म पालन की जगह नहीं है।

कॉलेज ने मुस्लिम छात्राओं के दिया अल्टीमेटम

एनडीटीवी के रिपोर्ट के अनुसार, उडुपी स्थित एक कॉलेज के अधिकारियों और जिला अधिकारियों द्वारा छात्रों को एक अल्टीमेटम दिया गया, जिसके एक दिन बाद यह पूरा विवाद शुरू हुआ है। कॉलेज द्वारा दिए गए इस अल्टीमेटम में लिखा गया कि ड्रेस कोड का पालन करें और एक शिक्षा प्राप्त करें, या फिर घर जाएं और अपनी पसंद से पहनें। कॉलेज के इस आदेश के बाद गुरुवार 20 जनवरी की सुबह इन छात्राओं ने कॉलेज के गेट पर तख्तियों के साथ विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना है कि कॉलेज में हिजाब पहनने से रोकना उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। छात्राओं ने कहा कि बिना हिजाब में पुरुष लेक्चरर्स के सामने बैठने पर वे असहज महसूस करती हैं। जबकि उनकी सीनियर्स को क्लासरूम में हिजाब पहनने की इजाजत थी।

छात्रों का उर्दू में बात करना भी मना

प्रदर्शनकारी छात्राओं में से एक ने बताया, "हम हिजाब पहनकर कॉलेज आए थे। हालांकि, हमें एक बार फिर कक्षाओं में जाने से रोक दिया गया है।" छात्रा के अनुसार, "हमें हिजाब पहन कर क्लास में आने पर 20 दिनों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। हम न्याय चाहते हैं।" वहीं, एक अन्य छात्रा मुस्कान जैनब ने कहा, "संविधान हमें हिजाब पहनने का अधिकार देता है, कॉलेज इसे क्यों रोक रहा है?" छात्रा आलिया ने कहा कि, "कॉलेज में धार्मिक भेदभाव है। हम 'सलाम' नहीं कह सकते। सरकारी कॉलेज होने के बावजूद उर्दू में बात नहीं कर सकते। आलिया ने बताया कि कॉलेज के नियम और शर्तें हिजाब पहनने का कोई संदर्भ नहीं देती हैं। वे ऐसा क्यों कर रहे हैं जैसे हम कोई अपराध कर रहे हैं? हम केवल एक स्कार्फ मांग रहे हैं।

मंत्री ने हिजाब को बताया अनुशासनहीनता

वहीं, एनडीटीवी के अनुसार, राज्य के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा "स्कूल-कॉलेज में हिजाब पहनना 'अनुशासनहीनता' है। स्कूल और कॉलेज धर्म का पालन करने की जगह नहीं हैं।" उनके इस बयान के बाद से ही मुस्लिम छात्रों का विरोध प्रदर्शन और तेज हो गया। मंत्री नागेश ने कहा कि "कुछ लोग 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं।" कुछ लोगों से उनका मतलब पीएफआई से जुड़े कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया के लोगों से है जो इन छात्रों का समर्थन कर रहे हैं। हालांकि छात्रों ने आज सीएफआई से किसी भी तरह के संबंध होने से इनकार किया है।

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