जानिए कौन हैं अंखी दास, जिन्होंने ने फेसबुक पर BJP के नफरती नेताओं पर नरमी का आरोप लगाया

अंखी दास ने दिल्‍ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उनका कहना है कि फेसबुक और ट्विटर पर कुछ लोग लगातार उन्‍हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। अंखी के मुताबिक उन पर गंदे-गंदे कमेंट भी किए जा रहे हैं।

Update: 2020-08-17 13:23 GMT

File photo

जनज्वार। अंखी दास ने दिल्‍ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उनका कहना है कि फेसबुक और ट्विटर पर कुछ लोग लगातार उन्‍हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। अंखी के मुताबिक उन पर गंदे-गंदे कमेंट भी किए जा रहे हैं। इसके अलावा भी उन्होंने कई आरोप लगाए हैं, लेकिन एक सवाल अभी भी उठ रहा है कि आखिर अंखी दास कौन हैं और अचानक से वो कहां से चर्चा में आ गईं।

अंखी दास मूलत: पश्चिम बंगाल की रहने वाली हैं। अंखी ने कोलकाता यूनिवर्सिटी के लोरेटो कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद वो दिल्ली आ गईं, जहां जेएनयू से उन्होंने इंटरनेशनल रिलेशन और पॉलिटिकल साइंस से मास्टर्स किया। उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक जैसे कई बड़े संस्थानों में काम किया है। मौजूदा वक्त में वो भारत और साउथ-सेंट्रल एशिया में फेसबुक की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर हैं। वो 2011 से इस पद की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी www.narendramodi.in नाम से अपनी एक निजी वेबसाइट भी चलाते हैं। इसमें कई लोग लेख लिखते रहते हैं। इन लेखकों में अंखी दास का भी नाम शामिल है। इसके अलावा इंडियन एक्सप्रेस और अमरीकी वेबसाइट हफिंग्टन पोस्ट के भारतीय एडिशन में भी अंखी के लेख छपते हैं। मुंबई हमले और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर उनके कई लेखों ने सुर्खियां बंटोरी हैं।

अमेरिकी अखबार 'द वॉल स्ट्रीट जर्नल' में प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बीजेपी के एक विधायक के हेट स्पीच वाले पोस्ट पर एक्शन लेने से अंखी दास ने अपनी टीम को रोका था। उन्होंने बीजेपी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई से कोरोबार को नुकसान की बात कही थी। इस रिपोर्ट को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि फेसबुक और व्हाट्सएप बीजेपी-आरएसएस के नियंत्रण में है। राहुल के आरोपों का जवाब देते हुए आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कैंब्रिज एनालिटिका की याद दिलाई।

फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा कि फेसबुक पर ऐसा कोई भी कंटेंट जोकि हिंसा को बढ़ावा देता है, लोगों के बीच नफरत फैलाता है, हम उसे प्रतिबंधित करते हैं, फिर चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल या संगठन से जुड़ा क्यों ना हो। उन्होंने कहा कि हमें इस बात का भी एहसास है कि इस तरह के कंटेंट को और अधिक मॉनिटर और ऑडिट करने की जरूरत है, हम इसे सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं।

Similar News