Lakhimpur Kheri Violence : सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को फिर लगाई फटकार, सुनवाई टालने की मांग भी खारिज
Lakhimpur Kheri Violence: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri Violence) में हुई हिंसा के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक बार फिर उत्तरप्रदेश की योगी सरकार को फटकार लगाई है।
Lakhimpur Kheri Violence: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri Violence) में हुई हिंसा के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक बार फिर उत्तरप्रदेश की योगी सरकार को फटकार लगाई है।
मामले में सुनवाई करते हुए बुधवार, 20 अक्टूबर को शीर्ष न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार (Yogi Government) की ओर से पेश हुए वकील हरीश साल्वे (Harish Salwe) को कहा कि कोर्ट ने कल देर रात तक स्टेटस रिपोर्ट दायर किए जाने का इंतजार किया लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
शीर्ष न्यायालय ने कहा कि हमें अब स्टेटस रिपोर्ट मिली है। कोर्ट ने यूपी सरकार की ओर से सुनवाई को शुक्रवार तक टालने की मांग को भी खारिज कर दिया।
इससे पहले वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट में बताया कि सील बंद लिफाफे में स्टेटस रिपोर्ट (Status report) शीर्ष न्यायालय को सौंप दी गई है। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हमने कल देर रात तक रिपोर्ट दायर किए जाने का इंतजार किया लेकिन रिपोर्ट अब सौंपी गई है।
सीजेआई (Chief Justice of India) ने कहा, "इतनी देर से रिपोर्ट सौंपेंगे तो हम इसे कैसे पढ़ेंगे? कम-से-कम एक दिन पहले दायर करनी चाहिए।" इसपर यूपी सरकार ने कोर्ट से शुक्रवार तक का समय मांगा।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि यूपी सरकार ने अभी तक इस मामले में और लोगों से पूछताछ क्यों नहीं की। सीजेआई ने कहा, "आपने अब तक 164 में से 44 गवाहों से पूछताछ की, और लोगों से क्यों नहीं।" हालांकि, इसपर साल्वे ने जवाब दिया कि प्रक्रिया जारी है और सभी मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
बता दें कि रविवार, 3 अक्टूबर, 2021 को उत्तर प्रदेश (Uttarpradesh) के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy CM Keshav Prasad Maurya) के लखीमपुर दौरे से पहले किसानों के प्रदर्शन के दौरान तीन अक्तूबर को भड़की हिंसा में आठ लोग मारे गए थे। किसानों का आरोप है कि घटना में एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया जो तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।
बाद में कथित तौर पर भाजपा के दो कार्यकर्ताओं (BJP Workers) और एक चालक को पीट-पीटकर मार डाला गया था, जबकि हिंसा के दौरान एक स्थानीय पत्रकार (Local Journalist killed) की भी जान चली गई। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा और अन्य के खिलाफ हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है।
इससे दो वकीलों ने उच्चतम न्यायालय को पत्र लिखकर शीर्ष अदालत की निगरानी में इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने का अनुरोध किया था। वकीलों ने पत्र को जनहित याचिका के तौर पर लेने का भी अनुरोध किया था।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Khiri) में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र ने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर कथित तौर पर गाड़ी चढ़ा दी। ये किसान डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य का विरोध कर रहे थे।इस घटना में 8 लोगों की मौत हो गई।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र (Ajay Mishra Teni) और UP के डिप्टी CM केशव मौर्य एक कार्यक्रम के लिए लखीमपुर खीरी पहुंचे थे। जब इसकी जानकारी कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को लगी, तो वे हेलिपैड पर पहुंच गए। किसानों ने हेलिपैड पर कब्जा कर लिया था।
इसके बाद, सड़क के रास्ते मिश्र और मौर्य का काफिला तिकोनिया चौराहे से गुजरा, तो किसान उन्हें काले झंडे दिखाने दौड़ पड़े। इसी दौरान भारी बवाल हो गया और इन सबके बीच हुई हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई।