मुख्यमंत्री शिवराज को मिला ठंडा खाना तो कलेक्टर ने निलंबित कर दिया फूड इंस्पेक्टर को
यहां जनता को खाना मिले न मिले लेकिन अगर नेता जी का खाना ठंढा भी गया तो उसका गुनाह माफी योग्य नहीं रह जाता...
जनज्वार ब्यूरो, इंदौर। हाथी के दाँत खाने के और दिखाने के कुछ और। यह जुमला भारतीय जनता पार्टी की एमपी शिवराज सरकार पर बिल्कुल फिट बैठता है। बीजेपी वाले खत्म करने आए थे वीआईपी कल्चर को और खुद वीआईपी लिस्ट से बाहर नहीं होना चाहते। 6 बजे पैक करवाया खाना 9 बजे के बाद खाया जाएगा तो ठंडा नहीं क्या होगा। गरीब को खाने को दो वक्त की रोटी नहीं है। बेरोजगार आंदोलन कर रहा है। किसान जगह-जगह आज धरना दे रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक दिन भी गर्म खाना खाए बगैर नहीं रह सकते।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कुछ दिन पहले इंदौर के दौरे पर थे। इंदौर दौरे के दौरान सीएम निर्धारित समय से लेट पहुंचे थे। साथ ही मौसम भी खराब था। इसलिए उन्हें सड़क के रास्ते भोपाल लौटना पड़ा। देर होने की वजह से सीएम ने गाड़ी में खाना रखने के आदेश दिए थे, जिसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर खाद्य निरीक्षक ने सीएम के लिए खाना पैक करवाया और गाड़ी में रखवा दिया।
अब इस खाने में लापरवाही की बात ये उठी कि सीएम के लिए खाना पैक करवाने में प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया है। सीएम के लिए गर्म खाने का प्रोटोकाल होता है, जिसकी नाराजगी सीएम ने खाने का पैकेट खोलने के बाद व्यक्त की थी, क्योंकि खाना बिलकुल ठंडा था। साथ ही रोटियां ठंडी होकर सूख चुकी थी। इसके बाद सीएम ने इसके लिए कलेक्टर से आंख दिखाई, जिसके चलते कलेक्टर मनीष सिंह ने सीएम की शिकायत पर खाद्य निरीक्षक मनीष स्वामी को निलंबित कर दिया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इंदौर में कई विकास योजनाओं के शुभारंभ के लिए आए थे। उस दिन उन्हें शाम 6 बजे इंदौर पहुंचना था लेकिन वह पहुँचे रात को 8 बजे। लगातार कार्यक्रमों की वजह से उन्हें खाना खाने का मौका नहीं मिला। साथ ही मौसम खराब होने की वजह से सीएम को सड़क मार्ग से भोपाल लौटना था। उन्होंने खाना पैक करवा कर अपनी गाड़ी में रखवाने के निर्देश दिए थे। खाद्य अधिकारी ने शाम 6 बजे ही खाना पैक करवा दिया। सीएम रात 9 बजे इंदौर से निकले तब तक पैक किया हुआ खाना ठंडा हो गया और रोटियां हार्ड हो गई जिस पर सीएम नाराज हो गए।
खाद्य अधिकारी मनीष स्वामी जो इंदौर में 10 साल से जमे हुए थे, चलते कर दिए गे। कलेक्टर मनीष सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि प्रोटोकॉल के तहत जिस गुणवत्ता वाला खाना होना चाहिए था, उसमें चूक हुई है। इसलिए मनीष स्वामी पर कार्रवाई की गई है। फिलहाल सीएम की नाराजगी के बाद खाद्य निरीक्षक मनीष स्वामी को निलंबित कर दिया गया है।
दो- चार गाड़ीयों से लाल बत्ती हटाने से ये लोग सोचते है जनता मूर्ख है। चीख-चीखकर वीआईपी कल्चर हटाने की बात करने वाले भाजपाई मानसिकता से ही वीआईपी हैं। कभी आसाराम के लिए अपनी जरूरी यात्रा रद्द कर बुलावे पर पहुँचने वाले शिवराज के दिमाग की मानसिकता अंग्रेजियत शासन से भी गई गुजरी है। इस सरकार में एक शिवराज ही नहीं बल्कि तमाम ऐसे नेता हैं जो जनता की आंख में नमक झोंककर राज कर रहे हैं।