Mahant Narendra Giri death: पढ़िये महंत नरेंद्र गिरी का पूरा सुसाइड नोट, अपने किन करीबियों को जिम्मेदार ठहरा मांगी कौन सी सजा

मैं महंत नरेंद्र गिरि वैसे तो यह 13 सितंबर 2021 को आत्महत्या करने जा रहा था, लेकिन हिम्मत नहीं कर पाया, आज जब हरिद्वार से सूचना मिली कि एक-दो दिन में आनंद गिरी कंप्यूटर के माध्यम से मोबाइल से किसी लड़की या महिला की मेरी फोटो लगाकर गलत काम करते हुए फोटो वायरल कर देगा...

Update: 2021-09-21 15:23 GMT

(महंत नरेंद्र गिरी ने 20 सितंबर को कर ली थी कथित आत्महत्या)

Mahant Narendra Giri death Case, जनज्वार। आज मीडिया में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के सचिव 70 वर्षीय महंत नरेंद्र गिरी की आत्महत्या सनसनी बनी हुयी है। उनका शव फांसी के फंदे से झूलता हुआ बरामद किया गया था, जिसके बाद उनके हाथों से लिखा सुसाइड नोट भी मिला है। अपने सुसाइड नोट में उन्होंने आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी का तीन बार जिक्र किया और इन्हीं अपने तीनों करीबियों को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

आत्महत्या का सबसे बड़ा कारण एक महिला से जोड़कर उनका वीडियो वायरल किए जाने का धमकी मानी जा रही है, जिसके चलते उन्होंने अपने लिए मौत चुनी।

आइये पढ़ते हैं महंत नरेंद्र देव गिरी का पूरा सुसाइड नोट

मेरा समाधि गद्दी में गुरुजी के बगल में किंतु पेड़ के पास दिया जाए। दूसरा मैं दुखी होकर आत्महत्या करने का निर्णय लेकर आत्महत्या करने जा रहा हूं।

मेरी मौत की जिम्मेदार आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी संदीप तिवारी पुत्र आद्या प्रसाद तिवारी की होगी। प्रयागराज के सभी पुलिस अधिकारी एवं प्रशासनिक अधिकारियों से अनुरोध करता हूं। मेरे आत्महत्या की जिम्मेदार उपरोक्त लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाए जिससे मेरी आत्महत्या को शांति मिले।

Mahant Narendra Giri Death Case: लग्जरी लाइफ जीने का शौकीन आनंद गिरी कौन है, जानिए पूरी हिस्ट्री

बलवीर गिरी मठ मंदिर का व्यवस्था प्रयास करना, जिस तरह से मैंने किया। इसी तरह से करना। आशुतोष गिरी, नीतीश गिरी एवं गद्दी की सभी महात्मा बलवीर का सहयोग करना। परम पूज्य महंत हरगोविंद पुरी से निवेदन है कि गद्दी का महंत बलवीर गिरोह को बनाना। महंत रवींद्र पूरी जी सजावट आपने हमेशा साथ दिया। मेरे मरने के बाद बलवीर गिरी का ध्यान दीजिएगा। सभी को मेरा- ओम नमो नारायण।

UP News : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का फंदे से लटका मिला शव,संपति के विवाद को लेकर चर्चा में था अखाड़ा परिषद

मैं महंत नरेंद्र गिरि वैसे तो यह 13 सितंबर 2021 को आत्महत्या करने जा रहा था, लेकिन हिम्मत नहीं कर पाया। आज जब हरिद्वार से सूचना मिली कि एक-दो दिन में आनंद गिरी कंप्यूटर के माध्यम से मोबाइल से किसी लड़की या महिला की मेरी फोटो लगाकर गलत काम करते हुए फोटो वायरल कर देगा।

मैंने सोचा कहां तक सफाई दूंगा एक बार तो बदनाम हो जाऊंगा। मैं जिस पद पर हूं वह गरिमामयी पद है। सच्चाई तथा लोगों के बाद में चल रहा है, लेकिन मैं तो बदनाम हो जाऊंगा। इसीलिए मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं जिसकी जिम्मेदारी आनंद गिरि, आद्या तिवारी एवं उसका लड़का संदीप तिवारी की होगी।

Mahant Narendra Giri Death में बड़ा खुलासा : नरेंद्र देव गिरी ने महिला के साथ संबंध बनाते वीडियो वायरल के डर से की आत्महत्या

मैं महंत नरेंद्र गिरि आज मेरा मन आनंद गिरी के कारण विचलित हो गया। हरिद्वार से ऐसी सूचना मिली थी आनंद गिरि कंप्यूटर के माध्यम से एक लड़की के साथ मेरी फोटो जोड़कर गलत काम करते हुए बदनाम करेगा आनंदपुरी कर रहना है। महाराज यानी मैं, कहां तक सफाई देते रहेंगे। मैं जिस सम्मान के साथ जी रहा हूं अगर मेरी बदनामी हो गई तो मैं समाज में कैसे रहूंगा। इस अच्छा मर जाना ही ठीक है। आज मैं आत्महत्या कर रहा हूं। जिसकी पूरी जिम्मेदारी आनंद गिरि आद्या तिवारी जो पहले पुजारी वह उनको मैंने नियुक्त किया। और संदीप तिवारी आद्या तिवारी के पुत्र हैं।

महान नरेंद्र गिरी 25 लाख रुपए आदित्य मिश्रा से एवं 25 लाख रुपए शैलेंद्र सिंह से चेक से मांगता हूं।

मैं महंत नरेंद्र गिरि मठ बाघंबरी गद्दी बड़े हनुमान मंदिर लेटे हुए वर्तमान में अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अपने होशो हवास में बगैर किसी दबाव में मैं यह पत्र लिख रहा हूं। जब से आनंद गिरि ने मेरे ऊपर असत्य मिथ्या मनगढ़ंत आरोप लगाया तब से मैं मानसिक दबाव में जी रहा हूं। जब भी मैं एकांत में रहता हूं। मर जाने की इच्छा होती है। आनंद गिरि आद्या प्रसाद तिवारी उनका लड़का संदीप मिलकर मेरे साथ विश्वासघात किया है।

सोशल मीडिया व फेसबुक एवं समाचार पत्रों में आनंद गिरि ने मेरे चरित के ऊपर मनगढ़ंत आरोप लगाया।

Mahant Narendra Giri Death: महंत गिरी को आखिर किस वीडियो के जरिये किया जा रहा था ब्लैकमेल, जाँच में जुटी पुलिस

मैं मरने जा रहा हूं, सत्य बोलूंगा। मेरा घर से कोई संबंध नहीं है। मैंने एक भी पैसा घर पर नहीं दिया। मैंने एक मंदिर एवं मठ में लगाया। 2004 में मैं महंत बना। 2009 से पहले अभी जो मठ एवं मंदिर का विकास किया सभी भक्त जानते हैं। आनंद गिरी द्वारा जो भी आरोप लगाया गया। उससे मेरी एवं मेरे मठ मंदिर की बदनामी हुई। मैं बहुत आहत हूं। मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं और मरने की संपूर्ण जिम्मेदारी जो मंदिर के पुजारी हैं। अध्यापक तिवारी का बेटा संदीप तिवारी भी की भी होगी। मैं समाज में हमेशा शान से जिया लेकिन आनंद गिरि मुझे गलत तरीके से बदनाम किया। बलबीर गिरी मेरी समाधि पार्क में नींबू के पेड़ के पास दिया जाए। यही मेरी अंतिम इच्छा है धनंजय विद्यार्थी मेरे कमरे की बलवीर गिरी महाराज को देना।

प्रिय बलबीर गिरी ओम नमो नारायण।

Mahant Narendra Giri case: ‌हिरासत में लिए गए आनंद गिरी, किया था दावा- लिखना-पढ़ना नहीं जानते थे गुरुजी तो कैसे लिखा सुसाइड नोट

मैंने तुम्हारे नाम एक रजिस्ट्री व वसीयत की है। जिसमें मेरे ब्रह्मलीन मरने के बाद हो जाने की बात तुम बड़े हनुमान मंदिर एवं मठ बाघंबरी गद्दी के महंत बनोगे। सब से मेरा एक अनुरोध है मेरी सेवा में लगे विद्यार्थी जैसे मिथिलेश पांडे, रामकृष्ण पांडे, मनीष शुक्ला, विवेक कुमार मिश्रा, अभिषेक कुमार मिश्रा, उज्जवल त्रिवेदी, प्रज्वल द्विवेदी, अभय द्विवेदी, निर्भय द्विवेदी, सुमित तिवारी का ध्यान देना। जिस तरह से मेरे समय में मैं रहा हूं उसी तरह से तुम्हारे समय में रहेंगे। इन सभी का ध्यान देना।

Narendra Giri Death News: नरेंद्र देव गिरी का विवादों से रहा है पुराना रिश्ता, जानिए किस—किस महंत से था गिरी का गहरा विवाद

उपरोक्त सभी जिनका मैंने नाम लिया है। तुम लोग भी बलवीर गिरी महाराज का सम्मान करना। जिस तरह से तरीके से हमारा सेवा की एवं मठ सेवा ही उसी तरीके से बलवीर गिरी महाराज एवं मठ मंदिर की सेवा करना। वैसे हमें सभी विद्यार्थी प्रिय हैं लेकिन मनीष शुक्ला, शिवांश मिश्रा, अभिषेक मिश्रा मेरे अति प्रिय हैं। कोरोना काल में जब मुझे कोरोनावायरस हुआ तो सेवा सुमित तिवारी ने की। मंदिर में फाफा पुल की दुकान मैंने सुमित तिवारी को किरायानामा रजिस्टर्ड किया है। मिथिलेश पांडे को इंपीरियल की दुकान किराए पर दी है। मनीष शुक्ला, विवेक मिश्रा, अभिषेक को दुकान में देकर लड्डू की दुकान किराए में दी है।

Tags:    

Similar News