UP News : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का फंदे से लटका मिला शव,संपति के विवाद को लेकर चर्चा में था अखाड़ा परिषद
(मृत पाए गए महंत नरेंद्र गिरी, मठ में पहुंचे श्रद्धालु)
UP News जनज्वार। सोमवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bhartiya AKhara Parishad) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उनका शव अल्लापुर में बांघबरी गद्दी मठ (Banghbari Gaddi Mutt) के कमरे में फंदे से लटका मिला है। कल ही गिरी से आशीर्वाद लेने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) उनके मठ पर पहुंचे थे। पिछले कई माह से संपति को लेकर चल रहे विवाद के चलते मठ चर्चा में बना हुआ था। नरेंद्र गिरि को समाजवादी पार्टी के काफी नजदीक माना जाता था। मौत की खबर मिलते ही पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंच कर मामले की जांच शुरू कर दिए हैं।
आइजी रेंज केपी सिंह ने बताया कि वह मौके पर पहुंच गए हैं। फिलहाल यह फांसी लगाकर आत्महत्या का मामला लग रहा है। फोरेंसिक टीम को घटनास्थल पर बुलाया गया है। मठ पर बड़ी संख्या में भक्त और श्रद्धालु भी पहुंच गए हैं।
संपति को लेकर चल रहा था विवाद
संगम तट स्थित लेटे हनुमान मंदिर (Hanuman Temple) के महंत स्वामी नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य चर्चित योग गुरू आनंद गिरि (Anand Giri) के बीच पिछले दिनों विवाद सुर्खियों में रहा है। आनंद गिरि को अखाड़ा परिषद तथा मठ बाघंबरी गद्दी के पदाधिकारी के पद से निष्कासित कर दिया गया था। तब दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप भी किए थे। कहा जाता है कि जमीन घोटाले के एक मामले को लेकर महंत महेंद्र गिरि ने आनंद गिरि को निरंजनी अखाड़ा से बाहर का रास्ता दिखा दिया। तमाम साधु संत ने महंत नरेंद्र गिरि का समर्थन किया था। नरेंद्र गिरि ने कहा था कि आनंद गिरि माफी मांगे तब उनके बारे में कुछ सोचा जा सकता है। बाद में आनंद गिरि ने माफी मांग ली थी। हालांकि कहा जाता है कि उनका निष्कासन वापस नहीं किया गया।
विवाद के समय स्वामी आनंद गिरि ने आरोप लगाया था कि अखाड़ा से जुड़ा आशीष गिरि नामक सख्श की स्वभाविक मौत नहीं थी। 2019 में हुई निरंजनी अखाडे के पूर्व सचिव महंत आशीष गिरि की संदिग्ध मौत हो गयी थी। योग गुरु स्वामी आनंद गिरि और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के बीच इस मामले को लेकर तब खूब आरोप प्रत्यारोप सामने आए थे। तब आनंद गिरि ने आरोप लगाया था कि जमीन घोटाला (Land Scam) करके अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष स्वामी नरेंद्र गिरि ने ऐसा माहौल बनाया कि महंत आशीष गिरि की लाश कमरे में मिली।
उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को पत्र लिखकर मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की थी। आनंद गिरि से विवाद की वजह तब मठ बाघंबरी गद्दी की जमीन पर आनंद गिरि के नाम से पेट्रोल पंप था। महंत नरेंद्र गिरि का आरोप था कि आनंद गिरि यहां पेट्रोल पंप खोलना चाहते थे।
स्वामी नरेंद्र गिरि के मौत की खबर से हर कोई है स्तब्ध
महंत नरेंद्र गिरि पिछले करीब दो दशक से साधु संतों के बीच अहम स्थान रखते थे। प्रयागराज आगमन पर बडे़ नेता हों या फिर आला पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी, वे महंत से आशीर्वाद लेने और लेटे हनुमान जी का दर्शन करने जरूर जाते रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद सहित अन्य मंत्री और सांसद तथा विधायक मंदिर और बांघबरी मठ पहुंचते रहे हैं। रविवार को भी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने मंदिर जाकर महंत से आशीर्वाद लिया था।
पिछले दिनों डीजीपी मुकुल गोयल (DGP Mukul Goel) भी मंदिर में दर्शन पूजन करने गए थे। घटना के बाद से मठ के लोगों से पुलिस पूछताछ कर रही है। मठ में उनका शव फंदे से लटका मिला है। पहली नजर में पुलिस इसे खुदकुशी मान रही है। इसके पहले आठ जुलाई को जब महंत महेंद्र गिरि लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर प्रयागराज लौट रहे थे तब उनकी इनोवा गाड़ी का एक्सीडेंट लखनऊ-सुलतानपुर हाइवे पर हो गया था। इसमें अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत गिरि और महामंत्री महंत हरि गिरि बाल-बाल बचे थे।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जताया शोक
स्वामी नरेंद्र गिरि का समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से जुड़ाव रहा है। बाघंबरी गद्दी मठ और संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर के प्रबंधन का दायित्व भी मंहत नरेंद्र गिरि के जिम्मे था। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने ट्वीट करते हुए उनके निधन को अपूर्णीय क्षति बताया है। कहा कि ईश्वर पुण्य आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व उनके अनुयायियों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।