Online Food Delivery : कस्टमर ने SWIGGY के मुस्लिम डिलीवरी बॉय से खाना लेने से किया इनकार, कार्ति चिदंबरम ने जताया ऐतराज
Online Food Delivery : 2019 में जोमैटो के साथ ऐसा हुआ था जब एक कस्टमर ने मुस्लिम डिलीवरी बॉय से खाना लेने से इनकार कर दिया था।
Online Food Delivery : एक बार फिर धर्म ( Religion ) के आधार पर एक ग्राहक ने स्विग्गी ( SWIGGY ) से खाना लेने से इनकार कर दिया है। इस बार अंतर केवल यह है कि ग्राहक ने ऑर्डर बुक करते समय ही यह बता दिया कि मुस्लिम डिलीवरी बॉय ( DELIVERY BOY JOBS ) के हाथों ऑर्डर न भेजें। यह मामला तेलंगाना ( Telangana ) की राजधानी हैदराबाद ( Hyderabad ) में फूड ऐप स्विग्गी ( Food App SWIGGY ) के जरिए सामने आया है। ऑर्डर का स्क्रिनशॉट वायरल होने के बाद से यह मुद्दा फिर से चर्चा में है। सोशल मीडिया पर लोग इसको लेकर तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं। अधिकांश लोग यह पूछ रहे है कि क्या धर्म के आधार पर खाने में भेद करना उचित है?
खाने का कोई धर्म नहीं होता
दरअसल, तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद ( Hyderabad ) में एक कस्टमर ने अपने ऑर्डर के साथ स्विग्गी से रिक्वेस्ट की है कि मुस्लिम व्यक्ति के हाथ से खाना न भेजें। कस्टमर के मुताबिक किसी हिंदू डिलीवरी ( DELIVERY BOY JOBS ) से ही उनका ऑर्डर भेजा जाए। कस्टमर की इस रिक्वेस्ट का एक स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर लोग इसका काफी विरोध कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि खाने का कोई धर्म नहीं होता है।
यह घटना 29 अगस्त के दोपहर का है। हैदराबाद के महादेवपुरी में एक कस्टमर ने अपने घर से 3 किलोमीटर एक दुकान से खाना ऑर्डर किया। इसी ऑर्डर के स्पेशल इंस्ट्रक्शन में कस्टमर ने लिखा. डॉंट वांट अ मुस्लिम डिलीवरी बॉय।
कार्ति ने लिखा - क्या कंपनियां गिग वर्कर्स की सुरक्षा के लिए उठाएगी कदम
कस्टमर का ये रिक्वेस्ट सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम के बेटे व लोकसभा सांसद कार्ति चिदंबरम ( Karti Chidambaram )ने आपत्ति जताई है। कार्ति चिदंबरम ने स्विग्गी को टैग करते हुए ट्वीट किया - प्लेटफॉर्म कंपनियां यह बैठे-बैठे नहीं देख सकतीं, क्योंकि गिग वर्कर्स को धर्म के नाम पर इस तरह की कट्टरता का सामना करना पड़ता है। ऐसी कंपनियां गिग वर्कर्स के अधिकारों की रक्षा के लिए क्या कार्रवाई करेंगी?
हम तो सबको खाना पहुंचाते हैं, चाहे वो कोई भी क्यों न हो
स्विग्गी के स्क्रीनशॉट को गिग वर्कर्स के एक संगठन के प्रमुख शाइक सलाउद्दीन ने सोशल मीडिया पर डाला है। उन्होंने ैस्विग्गी से अपील की है कि ऐसे कस्टमर्स के खिलाफ एक्शन लिया जाए, जो खाने-पीने की चीजों में धर्म देखते हैं। उन्होंने लिखा हम डिलीवरी वर्कर यहां सभी को खाना पहुंचाने के लिए हैं, चाहे वह हिंदू हो, या मुस्लिम, ईसाई या सिख हों। स्विग्ग्ी को टैग करते हुए उन्होंने लिखा - मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना। हालांकि, स्विग्गी की ओर से इसपर कोई प्रतिक्रिया अभी तक नहीं आई है।
3 साल पहले भी सामने आया था ऐसा मामला, जोमैटो के स्टैंड की लोगों की थी तारीफ
Online Food Delivery : बता दें कि यह कोई पहला ऐसा मौका नहीं है, जब इस तरह फूड ऐप में इस तरह की धार्मिक भावनाओं को आहत किया गया। इससे पहले 2019 में एक कस्टमर ने जोमैटो से खाना ऑर्डर किया लेकिन जब डिलीवरी बॉय खाना लेकर आया, तो कस्टमर ने उससे धर्म पूछा। जब डिलीवरी बॉय ने बताया कि वो मुस्लिम हैं, तो उसने खाना लेने से इनकार कर दिया था।कस्टमर के इस व्यवहार के बाद स्विग्गी ने उसके सारे ऑर्डर लेने से मना कर दिया था। जोमैटो के स्टैंड लेने पर उसकी ऑनलाइन काफी प्रशंसा हुई थी। राइडर बदलने के कस्टमर की अपील के जवाब में कंपनी ने ट्वीट किया था, खाने का कोई धर्म नहीं होता, यह एक धर्म है।