दिल्ली : जंतर-मंतर पर भड़काऊ नारेबाजी के आरोपी पिंकी चौधरी ने किया सरेंडर, समर्थकों के साथ पहुंचा

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पिंकी चौधरी को गिरफ्तारी से अंतिम राहत देने से इनकार कर दिया था। इससे पहले इसी महीने की शुरुआत में एख सत्र अदालत ने चौधरी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी...

Update: 2021-08-31 12:25 GMT

जनज्वार। दिल्ली के जंतर-मंतर पर रैली के दौरान भड़काऊ नारेबाजी के मामले में आरोपी हिंदू रक्षा दल के प्रमुख पिंकी चौधरी ने दोपहर ढाई बजे दिल्ली के मंदिर मार्ग पर सरेंडर कर दिया। पिंकी चौधरी के साथ उसके समर्थकों की भीड़ भी दिखाई दी। वहीं दिल्ली पुलिस इस मामले में पिंकी चौधरी (Pinky chaudhary) को लंबे समय से ढूंढ रही थी।

भूपेंद्र तोमर (Bhupendra Tomar) उर्फ पिंकी चौधरी ने सोमवार 30 अगस्त को ऑनलाइन आकर एक वीडियो में दावा किया था कि मंगलवार को दिल्ली पुलिस के सामने सरेंडर करेंगे। वीडियो में उन्होंने दावा किया था कि वह अपनी बात पर कायम हैं। पिंकी चौधरी कहता है, मैं और मेरे संगठन के किसी भी कार्यकर्ता ने जंतर मंतर पर कुछ गलत नहीं किया। मैं अदालत का सम्मान करता हूं। मैं 31 अगस्त को करीब दोपहर 12 कनॉट प्लेस थाने में सरेंडर करुंगा और पुलिस का सहयोग करूंगा।

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इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पिंकी चौधरी को गिरफ्तारी से अंतिम राहत देने से इनकार कर दिया था। इससे पहले इसी महीने की शुरुआत में एख सत्र अदालत ने चौधरी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। 

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इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पिंकी चौधरी को गिरफ्तारी से अंतिम राहत देने से इनकार कर दिया था। इससे पहले इसी महीने की शुरुआत में एख सत्र अदालत ने चौधरी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। 

जेएनयू (JNU) परिसर में पांच जनवरी 2020 को छात्रों पर अज्ञात हमलावरों द्वारा हमले की जिम्मेदारी लेकर सुर्खियों में आए दक्षिणपंथी संगठन हिंदू रक्षा दल चर्चाओं में आया था। इस बार मामला 8 अगस्त को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान एक समुदाय विशेष के खिलाफ नफरत फैलानी वाली नारेबाजी और एक वीडियो से जुड़ा है।

इस मामले में पहले दिल्ली की कनॉट प्लेस थाना पुलिस ने भड़काऊ नारेबाजी से संबंधित व अन्य धाराओं में कई दक्षिणपंथी संगठनों के लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। 

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उसने गिरफ्तारी से बचने के लिए दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। इस याचिका को अदालत ने कड़ी टिप्पणी करते हुए खारिज कर दिया। अदालत ने कड़े शब्दों में यहां तक कह दिया कि हम तालिबानी राज्य नहीं हैं। इस देश में कानून का राज ही शासन को चलाने वाला पवित्र सिद्धांत है।

अगर बात करें हिंदू रक्षा दल (Hindu Raksha Dal) की तो इसे चौधरी ने जुलाई 2013 में बनाया था। इसके दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में करीब एक लाख पंजीकृत सदस्य बताए जाते हैं। ये लव जिहाद, गौ रक्षा और हिंदुओं से जुड़े दूसरे मामलों में अपना दखल देता है। हिंदू रक्षा दल बनाने से पहले पिंकी चौधरी बजरंग दल से जुड़ा हुआ था।

हिंदू रक्षा दल के प्रवक्ता संकेत कटारा ने बताया था कि जंतर मंतर वाले मामले में कोई मामला नहीं बनता है। निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी गई है। वहां अपना पक्ष रखकर जमानत का अनुरोध किया जाएगा।   

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बता दें कि 'भारत बचाओ आंदोलन' के बैनर तले 8 अगस्त को कार्यक्रम किया गया। यह कार्यक्रम पूर्व भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने किया था। भारत बचाओ आंदोलन के तहत 5 कानून की मांग की गई थी- समान शिक्षा, समान नागरिकता, घुसपैठ नियंत्रण, धर्मांतरण नियंत्रण, जनसंख्या नियंत्रण।" कार्यक्रम में ही कुछ लोगों ने समुदाय विशेष के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। 

अश्विनी उपाध्याय ने बताया था कि इस कार्यक्रम में सरकार से मांग की गई कि आजादी 75वीं वर्षगांठ से पहले सभी अंग्रेजी कानून खत्म कर नया कानून बनाया जाए। मैं सुबह 11 बजे मंच पर पहुंचा था और भीड़ बढ़ने के कारण 12 बजे कार्यक्रम समाप्त हो गया और मैं तुरंत वहां से चला गया।

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