अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद शेर से मेमना बना हिंदू रक्षा दल का पिंकी चौधरी
(भूपेंद्र तोमर उर्फ पिंकी चौधरी)
नई दिल्ली। जेएनयू परिसर में पांच जनवरी 2020 को छात्रों पर अज्ञात हमलावरों द्वारा हमले की जिम्मेदारी लेकर सुर्खियों में आए दक्षिणपंथी संगठन हिंदू रक्षा दल का प्रमुख भूपेंद्र तोमर उर्फ पिंकी चौधरी एक बार फिर चर्चाओं में है। हालांकि इस बार उस पर पुलिस व कानून का शिकंजा काफी कसा हुआ नजर आ रहा है।
इस बार मामला जंतर मंतर पर आठ अगस्त को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान समुदाय विशेष के खिलाफ नफरत फैलाने वाली नारेबाजी और एक वीडियो से जुड़ा है। जिसमें पिंकी चौधरी बेहद आपत्तिजनक बयान दे रहा है। ये उसके लिए नई बात नहीं है लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती।
इस मामले में दिल्ली की कनॉट प्लेस थाना पुलिस ने भड़काऊ नारेबाजी से संबंधित व अन्य धाराओं में कई दक्षिणपंथी संगठनों के लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इनमें पिंकी चौधरी भी शामिल है जिस पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
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उसने गिरफ्तारी से बचने के लिए दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। इस याचिका को अदालत ने कड़ी टिप्पणी करते हुए खारिज कर दिया। अदालत ने कड़े शब्दों में यहां तक कह दिया कि हम तालिबानी राज्य नहीं हैं। इस देश में कानून का राज ही शासन को चलाने वाला पवित्र सिद्धांत है।
निचली अदालत से राहत न मिलने के बाद पिंकी चौधरी के पास अभी कई कानूनी उपाय हैं जिसका वह अपने बचाव में प्रयोग करेगा। वहीं दूसरी ओर दिल्ली पुलिस उसे जल्द से जल्द से गिरफ्तार करने की कोशिश करेगी। इस मामले में पुलिस अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय समेत कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। हालांकि उपाध्याय को अदालत से जमानत मिल चुकी है।
वहीं दूसरी ओर पिंकी चौधरी के सिर पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। वैसे अगर देखा जाए तो विवादों से पिंकी चौधरी का पुराना नाता है। हालांकि उसका नाम जनवरी 2020 में उस समय अचानक चर्चाओं में आ गया जब उसने जेएनयू हमले की जिम्मेदारी लेते हुए वीडियो जारी कर दिया था।
उस वीडियो में पिंकी चौधरी ने कथित तौर पर कहा था कि वह जेएनयू हमले की जिम्मेदारी लेता है। जेएनयू छात्रों व शिक्षकों पर हमला इसलिए किया गया क्योंकि वहां पर राष्ट्र एवं हिंदू विरोधी गतिविधियां हो रही थीं। उसने अपने वीडियो में जेएनयू को वामपंथियों का हब बताया था। उसने कहा था कि ऐसे हब बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।
हालांकि जेएनयू के मामले में दिल्ली पुलिस कुछ खास नहीं कर पाई। वहीं कई जानकारों ने यहां तक कहा कि पिंकी चौधरी ने ये वीडियो बनाकर जिम्मेदारी खुद को लाइमलाइट में लाने के लिए ली। हालांकि ट्विटर पर इसे लोगों ने दिल्ली पुलिस के काम को आसान करने वाला बताया था।
अगर बात करें हिंदू रक्षा दल की तो इसे चौधरी ने जुलाई 2013 में बनाया था। इसके दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में करीब एक लाख पंजीकृत सदस्य बताए जाते हैं। ये लव जिहाद, गौ रक्षा और हिंदुओं से जुड़े दूसरे मामलों में अपना दखल देता है। हिंदू रक्षा दल बनाने से पहले पिंकी चौधरी बजरंग दल से जुड़ा हुआ था।
हिंदू रक्षा दल के प्रवक्ता संकेत कटारा ने बताया कि जंतर मंतर वाले मामले में कोई मामला नहीं बनता है। निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी गई है। वहां अपना पक्ष रखकर जमानत का अनुरोध किया जाएगा।