प्रशांत किशोर ने बढ़ाई कांग्रेस की चिंता, कहा - बीजेपी कई दशकों तक कहीं नहीं जाने वाली, राहुल गांधी इस बात को समझते ही नहीं
बीजेपी वाले भले जीतें या हार जाएं, लेकिन अब वह वैसी है जैसे कांग्रेस आजादी के बाद अपने शुरुआती 40 सालों में थी। बीजेपी कहीं नहीं जा रही हैं। एक बार आप राष्ट्रीय स्तर पर 30 प्रतिशत वोट हासिल कर लेते हैं तो आप इतनी जल्दी नहीं जाते।
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के लिए अपनी सफल चुनावी रणनीतियों से भारतीय जनता पार्टी का सपना तोड़ने वाले पेशेवर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक ऐसा बयान दिया जिसने कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है। वहीं उनका ये बयान बीजेपी के कानों को शहद से भी मीठे का अहसास कराने वाला है। पीके ने गोवा में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि बीजेपी 'कई दशकों' तक कहीं नहीं जाने वाली है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के साथ समस्या यह है कि वह इस बात को समझते ही नहीं हैं।
पीके ने कर दी दिल तोड़ने वाली बात
प्रशांत किशोर के कुछ समय पहले तक कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाएं थीं। कन्हैया कुमार की कांग्रेस में एंट्री और जिग्नेश मेवानी के पार्टी के साथ आने के पीछे भी पीके को ही माना जा रहा था। लेकिन उनके ताजा बयान से यह साफ हो चुका है कि कांग्रेस में उनकी संभावित एंट्री खटाई में पड़ गई है। वैसे भी जी—23 सहित पार्टी के कई नेता पीके को कांग्रेस में प्राथमिकता देने के मूड में नहीं हैं। प्रशांत किशोर यहीं नहीं रुके, उन्होंने यहां तक कह दिया कि लखीमपुर कांड का कांग्रेस को कोई लाभ नहीं मिलेगा। उनका ये बयान राहुल और प्रियंका गांधी का दिल तोड़ने वाली बात है।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि बीजेपी भारतीय राजनीति का केंद्र बनने जा रही है... वह भले जीतें या हार जाएं, लेकिन अब वह वैसी है जैसे कांग्रेस आजादी के बाद अपने शुरुआती 40 सालों में थी। बीजेपी कहीं नहीं जा रही हैं। एक बार आप राष्ट्रीय स्तर पर 30 प्रतिशत वोट हासिल कर लेते हैं तो आप इतनी जल्दी नहीं जाते।
राहुल जो सोचते हैं वो होने वाला नहीं है
इसलिए कांग्रेस के नेता कभी भी इस वहम में न रहें कि लोग नाराज हो रहे हैं और वे मोदी को उखाड़ फेंकेंगे। हो सकता है कि वे मोदी को उखाड़ फेंके, लेकिन बीजेपी कहीं नहीं जा रही। वह यही रहेगी...अगले कई दशकों तक रहेगी...। प्रशांत किशोर ने इससे आगे जो कुछ कहा उससे यह लगभग यह साफ हो गया है कि वह फिलहाल कांग्रेस में नहीं जा रहे हैं। पीके ने कहा कि दिक्कत शायद राहुल गांधी के ही साथ है। वह सोचते हैं कि बस कुछ वक्त की बात है, लोग उन्हें ( नरेंद्र मोदी ) को उखाड़ फेंकेंगे। यह नहीं होने वाला है। जबतक आप उनकी ( पीएम मोदी ) की ताकत को समझेंगे नहीं, मानेंगे नहीं, तबतक आप उन्हें काउंटर नहीं कर सकते। उन्हें कभी पराजित नहीं कर सकते।
समस्यसाएं कांग्रेस के भीतर है
इससे पहले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा था कि समस्याएं कांग्रेस के भीतर गहराई में हैं और लखीमपुर खीरी कांड से पार्टी पुनर्जीवित नहीं हो पाएगी। प्रशांत किशोर जाने-माने चुनाव रणनीतिकार हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की शानदार जीत का श्रेय उनकी रणनीतियों को भी दिया जाता है। ये बात अलग है कि उनकी बीजेपी से अनबन हो गई। उसके अगले साल ही 2015 में उन्होंने बिहार में जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन के लिए काम किया और चुनाव में इस महागठबंधन ने शानदार जीत भी हासिल की थी। जीत के बाद जेडीयू महागठबंधन को छोड़कर फिर से बीजेपी के साथ आ गई थी। हाल ही में पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की अगुआई में टीएमसी और तमिलनाडु में एमके स्टालिन की अगुआई में डीएमके की प्रचंड जीत के पीछे उनकी रणनीति काफी अहम मानी गई थी।