Sagar University: इंटरनेशनल वेबिनार में गतिरोध का मामला हाईकोर्ट पहुंचा, विश्वविद्यालय और पुलिस प्रशासन को नोटिस जारी

Sagar Univsity: सेमिनार के मुख्य आयोजक प्रो. राजेश कुमार गौतम ने इसे लेकर जबलपुर उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी। उन्होंने बताया है कि याचिका पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट द्वारा प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया गया है..

Update: 2021-09-24 17:23 GMT

(ABVP ने प्रो.अपूर्वानन्द और गौहर राजा को देशद्रोही बताते हुए सागर यूनिवर्सिटी के VC को पत्र लिखा था)

Sagar University: (जनज्वार)। मध्य प्रदेश के सागर यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल वेबिनार के आयोजन के मौके पर हुई घटनाओं का मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया है। सेमिनार के मुख्य आयोजक प्रो. राजेश कुमार गौतम ने इसे लेकर जबलपुर उच्च न्यायालय (Jabalpur Highcourt) में एक याचिका दायर की थी। उन्होंने बताया है कि याचिका पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट द्वारा प्रतिवादियों को नोटिस जारी (Notice issued) किया गया है।

प्रो. गौतम द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय वेबिनार (International Webinar) के सम्बन्ध में सागर पुलिस अधीक्षक के पत्र पर संज्ञान लेते हुये पुलिस अधीक्षक सागर, विश्वविद्यालय प्रशासन और अन्य प्रतिवादियो को यह नाटिस जारी किया गया है।

सागर यूनिवर्सिटी में आयोजित होनेवाले वेबिनार के मुख्य अयोजक प्रो. राजेश कुमार गौतम, विभागाध्यक्ष मानव विज्ञान ने उच्च न्यायलय जबलपुर में याचिका संख्या- WP19668/2021 दायर किया था। उसकी सुनवाई करते हुये न्यायामूर्ति संजय द्विवेदी ने प्रतिवादियों को तीन सप्ताह में जबाब देने हेतु नोटिस जारी किया है।

बता दें कि मानव विज्ञान विभाग (Human Science Department), डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय तथा मोंटक्लेयर स्टेट यूनिवर्सिटी (Montclair State University), न्यू जर्सी, यूएसए के संयुक्त तत्वाधान में ''वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास में सांस्कृतिक एवं भाषायी अवरोध'' विषयक वेबिनार आयोजित होना था। यह वेबिनार  30 एवं 31 जुलाई 2021 को आयोजित किया जाना था। लेकिन 22 जुलाई 2021 को एबीवीपी ने एक ज्ञापन सौंपा। वक्ताओं में प्रो. अपूर्वानन्द और गौहर रजा आदि शामिल थे।

ABVP ने इस ज्ञापन में आरोप लगाया था कि वेबिनार के लिए आमंत्रित कतिपय संबोधनकर्ता विभिन्न मामलों के आरोपित हैं। कुछ पर देशद्रोह जैसे गंभीर आरोप हैं। उन लोगों को बुलाने का विरोध करते हुए ABVP द्वारा विश्वविद्यालय को सम्मेलन को बाधित करने की चेतावनी दी गई थी। ABVP द्वारा कहा गया था कि वेबिनार में कतिपय लोगों को आमंत्रित न किया जाय। संगठन द्वारा जिला पुलिस प्रशासन (District Police Administration) को भी एतत्सम्बन्धी ज्ञापन दिया गया था।

इसके बाद 29 जुलाई 2021 को सागर के पुलिस अधीक्षक द्वारा कुलपति को एक पत्र लिखा गया था। पत्र में कहा गया था कि वेबीनार में सम्मिलित होने वाले वक्ताओं की पूर्व की देश विरोधी मानसिकता एवं जातिगत विद्वेष संबंधी वक्तव्यों के पूर्व इतिहास का उल्लेख करते हुए कतिपय संगठनों द्वारा एक ज्ञापन प्रस्तुत किया गया है।

ज्ञापन में कहा गया है कि वेबीनार में भारतीय संस्कृति,परंपरा, जाति व्यवस्था और बहुसंख्यक समाज के धार्मिक उपासना के तौर तरीकों के संबंध में टीका टिप्पणी करने की संभावना एवं परिणाम स्वरूप् जातिगत व सामाजिक समरसता प्रभावित होने की आशंका है।

पुलिस अधीक्षक के पत्र में कहा गया था कि सामाजिक समरसता और कानून व्यवस्था को देखते हुए प्रतीत होता है कि वेबीनार आयोजन के पूर्व वेबीनार में चर्चा की जाने वाली विषयवस्तु एवं उसमें प्रदर्शित किए जाने वाले विचारों के संबंध में एक सहमति बना ली जाए। ताकि किसी धर्म, जाति, क्षेत्र, समुदाय के यक्तियों को आहत करने संबंधी किसी प्रकार का दृष्टांत सिद्धांतों और कथन वेबीनार की चर्चा का विषय नहीं बने।

इसके बाद भी अगर किसी वक्ता द्वारा ऐसा कोई कृत्य किया जाता है, जिसके सार्वजनिक प्रचार और प्रकाशन से किसी वर्ग या समुदाय या किसी दूसरे वर्ग या समुदाय के प्रति आक्रोश प्रकट करने की स्थितियां बने, तो इसका उत्तरदायित्व वेबीनार आयोजकों का सामूहिक रूप से किया गया कृत्य मानकर आईपीसी की धारा 505 दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा।

आयोजक डॉ गौतम ने कहा, "30 जुलाई 2021 को, रजिस्ट्रार ने वेबिनार को संबंधित फोरम से मंजूरी मिलने तक स्थगित करने के लिए पत्र जारी किया।  इन तमाम प्रशासनिक एवं राजनैतिक प्रतिरोधो एवं दबाब के चलते इस अंतर्राष्ट्रीय बेबीनार से इसके आयोजको ने अपने आप को अलग कर लिया एवं मानव विज्ञान विभाग, डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय को एक अपूर्णीय क्षति हुयी।"

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