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शिक्षा

गौहर रजा और अपूर्वानंद को ABVP ने कहा देशद्रोही तो अंधविश्वास के खिलाफ वेबीनार में विश्वविद्यालय ने लगाया अड़ंगा

Janjwar Desk
29 July 2021 10:37 PM IST
गौहर रजा और अपूर्वानंद को ABVP ने कहा देशद्रोही तो अंधविश्वास के खिलाफ वेबीनार में विश्वविद्यालय ने लगाया अड़ंगा
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(ABVP ने प्रो.अपूर्वानन्द और गौहर राजा को देशद्रोही बताते हुए सागर यूनिवर्सिटी के VC को पत्र लिखा था)

ABVP ने वेबिनार के स्पीकर बनाए गए गौहर राजा और प्रो. अपूर्वानन्द के बारे में शिकायत करते हुए लिखा था कि दोनों देश विरोधी मानसिकता रखते हैं और राष्ट्रविरोधी क्रियाकलापों में संलिप्त हैं..

जनज्वार। मध्य प्रदेश के सागर स्थित डॉ हरि सिंह गौड़ विश्वविद्यालय में अंधविश्वास पर आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय वेबिनार के आयोजन में इसलिए अड़ंगा लग गया है, क्योंकि सेमिनार के दो मुख्य वक्ताओं को एक छात्र संगठन ने 'देशद्रोही' बताते हुए इसकी लिखित शिकायत कर दी। मामला विश्वविद्यालय के एंथ्रोपोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित किए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का है। 30 जुलाई को आयोजित होने जा रहे वेबिनार का विषय 'कल्चरल ऐंड लिंगिस्टिक हर्ड्ल्स इन एचीवमेंट ऑफ साइंटिफिक टेंपर' यानि 'वैज्ञानिक सोच की उपलब्धि में सांस्कृतिक और भाषाई बाधाएं' हैै।


एबीवीपी ने की है शिकायत

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सागर जिला के संयोजक श्रीराम रिछारिया ने बीते 22 जुलाई को कुलपति को पत्र लिखकर इस वेबिनार के कुछ स्पीकर्स पर देशद्रोह जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। संगठन ने वेबिनार के स्पीकर बनाए गए गौहर राजा और प्रो. अपूर्वानन्द के बारे में शिकायत करते हुए लिखा था कि दोनों देश विरोधी मानसिकता रखते हैं और राष्ट्रविरोधी क्रियाकलापों में संलिप्त हैं।

ABVP ने लिखा कि प्रो. अपूर्वानन्द पर दिल्ली दंगों में संलिप्तता का संदेह है और इसे लेकर उनका मोबाइल फोन की जांच और उनसे पूछताछ की गई थी। जबकि गौहर राजा द्वारा आतंकी अफजल गुरु के लिए कविता लिखी गई थी। पत्र में यह चेतावनी दी गई थी कि अगर ये दोनों वेबिनार में शामिल होते हैं तो आंदोलन किया जाएगा और इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।


विश्वविद्यालय ने क्या दिया निर्देश

सागर विश्वविद्यालय के एंथ्रोपोलॉजी विभाग के तत्वावधान में आयोजित होने जा रहे इस वेबिनार के कन्वेनर एंथ्रोपोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ राजेश के. गौतम हैं। वेबिनार के महज एक दिन पहले विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार द्वारा उन्हें निदेशित किया गया कि वे केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सेक्रेट्री से इसके आयोजन के लिए अनुमति प्राप्त करें।

पत्र में उन्हें चेतावनी भी दी गई है कि अगर वे सेक्रेट्री की बिना अनुमति प्राप्त किए वेबिनार का आयोजन करते हैं तो विश्वविद्यालय प्रशासन इसके लिए उत्तरदायी नहीं होगा। साथ ही अगर कोई अप्रिय स्थिति उतपन्न होती है तो इसके कन्वेनर ही एकमात्र जिम्मेदार होंगे। रजिस्ट्रार ने अपने इस निर्देश में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के एक गाइडलाइन का हवाला दिया है।


पुलिस प्रशासन ने क्या कहा

मिली जानकारी के अनुसार, इससे पहले सागर जिले के पुलिस अधीक्षक ने कुलपति को एक पत्र लिखा। इस पत्र में कहा गया है कि इस वेबिनार के संबन्ध में कतिपय संगठनों द्वारा ज्ञापन प्रस्तुत किए गए हैं जिनमे वेबिनार में सम्मिलित होनेवाले स्पीकर्स की पूर्व देश विद्रोही मानसिकता और जातिगत विद्वेष संबन्धी वक्तव्यों के पूर्व इतिहास का उल्लेख करते हुए वेबिनार में भारतीय संस्कृति, परंपरा, जाति व्यवस्था व बहुसंख्यक समाज के धार्मिक उपासना के तरीकों के संबन्ध में टीका टिप्पणी करने की संभावना एवं परिणामस्वरूप जातिगत एवं सामाजिक समरसता प्रभावित होने की आशंका व्यक्त की गई है।

एसपी ने कहा है कि ऐसे में उपयुक्त प्रतीत होता है कि आयोजन के पूर्व वेबिनार में चर्चा की जानेवाली विषयवस्तु एवं उसमें प्रदर्शित किए जानेवाले विचारों के संबन्ध में पूर्व से एक सहमति बना ली जाय। इसके उपरांत भी अगर किसी स्पीकर द्वारा ऐसा कृत्य किया जाता है जिसके सार्वजनिक प्रचार या प्रकाशन से किसी वर्ग या समुदाय द्वारा या किसी दूसरे वर्ग या समुदाय के प्रति आक्रोश प्रकट करने की स्थिति बने तो इसका उत्तरदायित्व आयोजकों का होगा तथा आईपीसी की धारा 505 के तहत दण्डनीय होगा।

वैसे विश्वविद्यालय से जुड़े सूत्र बताते हैं कि अंततः कुलपति द्वारा आयोजक को वेबिनार के आयोजन की अनुमति दे दी गई है। हालांकि इससे पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को वेबिनार के विषय, वक्ताओं आदि से संबंधित पूरी जानकारी मेल के माध्यम से भेजने का निर्देश आयोजक को दिया गया है।

गौहर रजा क्या कहते हैं...

मेरा सवाल सागर के पुलिस अधीक्षक से सिर्फ इतना है कि उनको जाहिल और हिंसावादी लोगों की भावनाओं की चिंता है, लेकिन पढ़े—लिखे विद्वानों और अकादमिक जनों की क्यों नहीं है? उनका प्रशासकीय कर्तव्य देश के जागरूक और साइंटिफिक टेंपर वाले लोगों के साथ खड़ा होना है या ​फिर जाहिल, पाखंडी, अंधविश्वासी और हिंसावादी लोगों के साथ खड़े होने से पूरा होता है। लेकिन मध्यप्रदेश के सागर जिले के पुलिस अधीक्षक सागर विश्वविद्यालय के वीसी को धमकी देते हैं और कहते हैं मुकदमा दर्ज करेंगे। वरिष्ठ वैज्ञानिक और शायर गौहर रजा विश्व​विद्यालय का शुक्रिया करते हुए कहते हैं, कमसे कम वीसी ने अब तक हमें कार्यक्रम से बाहर नहीं किया है। देखते हैं वह हमारे बोलने तक अपने संकल्प पर कायम रहती हैं या नहीं।

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