कृषि अध्यादेश पर मोदी सरकार को झटका, विरोध में केंद्रीय मंत्री ने दे दिया इस्तीफा

इस्तीफे की जानकारी हरसिमरत कौर बादल ने ट्वीट कर दी, अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा 'मैंने किसान विरोधी अध्यादेशों और कानून के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। किसानों के साथ उनकी बेटी और बहन के रूप में खड़े होने का गर्व है...

Update: 2020-09-17 16:21 GMT

कृषि अध्यादेश के विरोध में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने दे दिया इस्तीफा (File photo)

जनज्वार कृषि से संबंधित अध्यादेश लाने वाली केंद्र की मोदी सरकार को एक बड़ा झटका लगा है। केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। बीजेपी की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल अध्यादेश का विरोध कर रही है। देशभर में किसान और उनके संगठन पहले ही इसके विरोध में खड़े होकर आंदोलन कर रहे हैं। कृषि अध्यादेश को लेकर ज्यादातर राजनीतिक दल भी किसानों के समर्थन में हैं। 

इससे पहले आज 17 सितंबर गुरुवार को जब बिल को लोकसभा में पेश किया गया था तो शिरोमणि अकाली दल के सांसद सुखबीर सिंह बादल ने इसका विरोध किया था। उन्होंने सरकार को बड़ा झटका देते हुए कह दिया था कि हरसिमरत कौर बादल मंत्रीपद से इस्तीफा देंगी। हरसिमरत कौर बादल केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग मंत्री थीं।  


इस्तीफे की जानकारी हरसिमरत कौर बादल ने ट्वीट कर दी। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा 'मैंने किसान विरोधी अध्यादेशों और कानून के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। किसानों के साथ उनकी बेटी और बहन के रूप में खड़े होने का गर्व है।'

इससे पहले पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा था कि शिरोमणि अकाली दल की सदस्य और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल सरकार से इस्तीफा देंगी। हमने ये फैसला बिल के विरोध में लिया है।

सुखबीर सिंह बादल ने कहा था कि हम इस बिल का विरोध करते हैं। इससे 20 लाख किसानों पर असर पड़ेगा। आजादी के बाद हर राज्य ने अपनी योजना बनाई। पंजाब की सरकार ने पिछले 50 साल खेती को लेकर कई काम किए। पंजाब में किसान खेती को अपना बच्चा समझता है। पंजाब अपना पानी देशवासी को कुर्बान कर देता है।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसी मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को एनडीए गठबंधन छोड़ने की चुनौती दी थी। गुरुवार को एक बयान जारी करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि बादल परिवार अब भी सरकार के साथ चिपके हुए हैं, जबकि मोदी सरकार किसानों के खिलाफ बिल ला रही है। ऐसे में शिरोमणि अकाली दल के नौटंकी से पंजाब के किसानों का नुकसान वापस नहीं होगा, जो उन्होंने पहले किया है। 

कृषि अध्यादेश को लेकर ज्यादातर राजनीतिक दल किसानों के समर्थन में हैं। कांग्रेस और पंजाब सरकार किसानों के साथ है। शिरोमणि अकाली दल भी इस मसले पर केंद्र सरकार के खिलाफ खड़ी है। एनडीए का हिस्सा होने के बावजूद अकाली दल ने कृषि अध्यादेशों से जुड़े बिल पर सरकार का विरोध करने का ऐलान किया है।  

इससे पहले गुरुवार को कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य विधेयक, 2020 और कृषक कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 को लोकसभा में पेश किया गया। कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विधेयक के फायदे गिनाए और बताया कि ये किसानों के लाभ के लिए हैं।


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