Caste Census: सुशील मोदी बोले-राज्य कराएं जातिगत जनगणना, राजद पर भी बोला हमला, 'एक कॉलम जोड़ देने से नहीं हो जाएगा'

Sushil Modi on Caste Census: मोदी ने राजद पर हमला करते हुए कहा कि वे लोग कहते हैं कि केवल एक कॉलम जोड़ दें ,केवल एक कॉलम जोड़ देने से नहीं होगा, यह डिजिटल तरीके से गणना की जानी है..

Update: 2021-09-30 08:54 GMT

(बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने राज्यों को जातिगत जनगणना करने की सलाह दे दी है)

Sushil Modi on Caste Census: (जनज्वार)। जातीय जनगणना को लेकर मचे बवाल के बीच केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने साफ कर दिया है कि फिलहाल जाति आधारित जनगणना नहीं की जाएगी। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा (Affidavit) देकर कह दिया है कि जाति आधारित जनगणना में कई तरह की दिक्कतें हैं।

इस बीच बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री व राज्य सभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Modi) ने भी इसे लेकर बड़ा बयान दिया है। सुशील मोदी ने कहा है कि राज्य अगर चाहें तो अपने स्तर पर जातिगत जनगणना करा लें। बुधवार को एक कार्यक्रम में बिहार पहुंचे सुशील मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार (Modi Government) ने सुप्रीम कोर्ट में जो एफीडेविट दिया है, उसमें साफ-साफ बताया है कि यह व्यावहारिक नहीं है कि केंद्र सरकार इसको कराए, इस बार की जनगणना हैंडहेल्ड डिवाइस या डिजिटल तरीके से होने वाली है।

सुशील मोदी ने कहा, "जनगणना की पूरी तैयारी तीन साल पहले हो जाती है। उसका मैनुअल छप चुका है। उसका टाइम टेबल बन चुका है, ट्रेनिंग का काम पूरा हो चुका है।"

मोदी ने राजद पर हमला करते हुए कहा कि राजद के लोग कहते हैं कि केवल एक कॉलम जोड़ दें। यह केवल एक कॉलम जोड़ देने का सवाल नहीं है। यह केवल एक कॉलम जोड़ देने से नहीं होगा। यह डिजिटल तरीके (Digitaly) से गणना की जानी है। अनुसूचित जाति और जनजाति (SC and ST) की गणना इसलिए होती है कि लोकसभा- विधानसभा में जो आरक्षण मिला हुआ है, वह तय है, इसलिए उनका गणना कराना आवश्यक है।

बुधवार को बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी का यह बयान सामने आया है। पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने साफ तौर पर कहा है कि केंद्र सरकार के लिए जातीय जनगणना कराना संभव नहीं लेकिन यदि राज्य सरकार चाहे तो इसे करा सकती है।

वहीं आरजेडी (RJD) पर हमला बोलते हुए कहा कि राजद के जो लोग कहते है कि बस एक कॉलम जोड़ देना है। लेकिन उन्हें यह मालूम नहीं कि एक कॉलम को जोड़ने से कुछ नहीं होगा। क्योंकि इस बार देश में जनगणना डिजिटल तरीके से होगी।

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व बीजेपी के सांसद सुशील कुमार मोदी बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर पटना में आयोजित पखवारा में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में शामिल होने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने यह सर्वेक्षण कराया था लेकिन आज तक वह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हो पाई है।

उन्होंने कहा कि उड़ीसा की सरकार भी इसकी तैयारी में जुटी हुई है। सुशील मोदी ने कहा कि यदि कोई राज्य सरकार जातीय जनगणना कराना चाहे तो स्वतंत्र हैं। क्यों कि केंद ने अपनी असमर्थता जाहिर कर दी है।

सुशील मोदी ने कहा कि 2011 में जब आर्थिक जातीय जनगणना की गयी थी तब 46 लाख जातियों की सूचना मिली। जबकि इस देश में मुश्किल से आठ हजार जातियां होगी। इसलिए केंद्र सरकार ने कहा कि जनगणना की पूरी तैयारी हो चुकी है।

इस अंतिम समय में पिछड़े वर्गों की जनगणना कराना केंद्र सरकार के लिए संभव नहीं। लेकिन यदि कोई राज्य जातिगत जनगणना कराना चाहे तो करा सकती है। जिस प्रकार तेलंगाना और कर्नाटक ने कराया था।

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