Unnao Case: उन्नाव की दलित बेटी मामले में निर्भया की वकील सीमा समृद्धि कुशवाहा की एंट्री, बोलीं- फांसी से कम कुछ नहीं
Unnao Case: इन्होंने नाम लिया है राजोल का और उस गुमशुदगी की रिपोर्ट में भी यह नाम मेंशन है। उसके बावजूद इन्होंने जो रिपोर्ट लिखी गुमशुदगी की लिखी। यह कहते रहे कि तुम्हारी बेटी कहीं भाग गई होगी आ जाएगी...
Unnao Case: यूपी के उन्नाव में दलित लड़की की रेप और हत्याकांड मामले में दिल्ली की निर्भया (Delhi Nirbhaya Case) की अधिवक्ता सीमा समृद्धि कुशवाहा (Seema Samriddhi Kuswaha) की एंट्री हो गई है। बीती 11 फरवरी को दलित युवती का दफ्न शव पूर्व सपा राज्य मंत्री स्व. फतेह बहादुर सिंह के आश्रम के पास गड्ढे में बरामद किया गया। आरोपी मंत्रीपुत्र रजोल उर्फ राजू सिंह है।
पुलिस प्रशासन ने बीते शुक्रवार को बड़ी गहमागहमी के बाद युवती के शव का चंदनघाट में अंतिम संस्कार करवाया। जिसके बाद से राजनीतिक गलियारों में लगातार हलचल तेज है। शनिवार दोपहर कांग्रेस नेता पीएल पुनिया पीड़िता के घर पहुंचे थे और मां से मुलाकात की थी। देर रात निर्भया कांड का केस लड़ने वाली वरिष्ठ अधिवक्ता व बसपा (BSP) की राष्ट्रीय प्रवक्ता सीमा समृद्धि कुशवाहा उन्नाव (Unnao Case) पहुंचीं। एसपी से मुलाकात की। घटना को लेकर स्टेटस जाना। इसके साथ ही पीड़िता की मां से उन्होंने घटना की जानकारी ली। साथ ही इस केस को लड़ने का भी वादा किया है।
बसपा राष्ट्रीय प्रवक्ता सीमा कुशवाहा ने पीडिता के परिजनों से मुलाकात कर ढांढ़स बंधाया इस दौरान मां के दर्द को सुनते हुए अधिवक्ता भावुक हो गईं। करीब एक घंटे तक पूरे मामले की सिलसिलेवार जानकारी की। परिवार से मिलने के बाद अधिवक्ता ने एसपी उन्नाव दिनेश त्रिपाठी के कैम्प कार्यलय में जाकर बातचीत की और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई, साथ ही दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के स्टेटस की जानकारी भी ली।
मीडिया से बातचीत में क्या कहा?
सीमा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अभी हमारी एसपी से मुलाकात हुई है। पूरा केस मैंने डिस्कस किया है। इसमें दो तीन चीजें बहुत इंपॉर्टेंट थी मेरा यही सवाल था कि अब तक कितने पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया। क्योंकि पुलिस की इसमें शुरू से मिलीभगत है। जितना मैंने पेपर देखा, बिटिया की मां मेरे साथ है। पहले दिन जब इन्होंने 8 दिसंबर जब रिटेनमें लिख कर दिया कि हमारी बिटिया को किसी ने किडनैप किया है। सीधे इन्होंने नाम लिया है राजोल का और उस गुमशुदगी की रिपोर्ट में भी यह नाम मेंशन है। उसके बावजूद इन्होंने जो रिपोर्ट लिखी गुमशुदगी की लिखी। यह कहते रहे कि तुम्हारी बेटी कहीं भाग गई होगी आ जाएगी।
मां चीख चीख कर बता रही है कि यह जो है यहां पर EX मिनिस्टर समाजवादी पार्टी के रह चुके उनका बेटा राजोल है। हमारी बेटी का अपहरण किया है फिर भी इन लोगों ने गिरफ्तार नहीं किया। फिर यह मां भटकती रही। यहां पर जो सीओ है उनके पास जाती रही, सीओ साहब उनको भगाते रहे। अभी तक सीओ का सस्पेंशन क्यों नहीं हुआ पर यह इनकी मां का भी कहना है। अभी एसपी से बात करके आई हूं। सीओ का भी सस्पेंस हमें चाहिए। पहली बात दूसरा जो आपने सस्पेंड किया है। एसपी आकर मीडिया को एक प्रेस रिलीज करके बताएं कि हमने अभी तक क्या-क्या कार्रवाई की है।
शुरुआत से जिस दिन FIR दर्ज हुई आपको इमीडीएटली एक्शन लेना चाहिए। जो SC-ST एक्ट कहता है। यह गरीब परिवार है। काशीराम कॉलोनी आवास योजना है। उसके अंतर्गत ही रहती हैं मैं देख कर आई हूं वहां नालिया बह रही हैं कैसे रहने के लिए गंदगी में सरकार ने मजबूर कर रखा है। जो इन्हें कंपनसेशन दिया जाता है अभी कम से कम अगर यह एसपी आवास आ रही कोर्ट कचहरी जाना है इनके पास पैसे तो होते केस लड़ने के लिए वह भी नहीं है। इन्होंने जो एक इंपॉर्टेंट डिमांड की है जिसमें परिवार का आरोप कि हमारी बिटिया का पोस्टमार्टम रिपोर्ट कह रही है कि 46 दिन पहले मर्डर हुआ है, दफनाया गया है। बिटिया को जब किडनैप किया गया 60 से ज्यादा दिन हो गए इतने दिन हमारी बिटिया कहां थी? वह किस हालात में थी? क्या उसे मारा नहीं गया होगा? क्या उसके साथ रेप नहीं किया गया होगा?
मां ने तो यह भी बताया है बिटिया जब रजोल की दुकान पर काम करती थी तो इस व्यक्ति ने इसके साथ रेप किया। लेकिन इन्होंने शर्म की वजह से नहीं बताया कि हमारी कोई सुनवाई नहीं होगी। जो मां शर्म से नहीं बता रही थी वह सारी चीजें खुलकर सामने आ गई है। दूसरा मां का कहना है जब यह चीज नहीं आ रही है की डेड बॉडी कब की है, बिटिया को मारा कब गया है? या 40 दिन पहले अगर मर्डर हुआ उसे दफना दिया गया तो बॉडी अभी तक डी-कंपोज कैसे नहीं हुई, इतने पावरफुल लोग हैं। वह लोग जो पैनल बैठ रहा है, पोस्टमार्टम करने वाला उसको भी यह लोग अपने अकॉर्डिंग रिपोर्ट बनवाने की कोशिश कर रहे हैं। परिवार की डिमांड है कि लखनऊ पीजीआई से एक टीम रिइन्वेस्टिगेशन जो है दोबारा से इसका पोस्टमार्टम किया जाए। परिवार के पास में सुविधाएं नहीं है कि कैसे करके यह आगे अपना मुकदमा लड़ेंगी। उनको यह फैसिलिटी दी जाए, अन्य धाराएं बढ़ाई जाए।
एसपी साहब से मेरी बात हुई है, अभी तक जो FIR है परिवार के पास उसने किडनैपिंग की धाराएं लगी हुई हैं। 11 तारीख को बिटिया की डेड बॉडी मिली उसमें कौन-कौन सी धाराएं लगाई? वैसे SP ने बताया है कि हमने धाराएं 302/34 IPC में 201 बढ़ाई है। जैसे मैं और बेटियों के लिए लड़ती हूं, इस बिटिया की मां को हमने चीखते देखा इसीलिए मैं यहां पर आई हूं इनको मैं पूरा सपोर्ट करूंगी। लीगल इन की हेल्प करूंगी। क्योंकि जितना मेरे हाथ में है मैं एक एडवोकेट हूं, इनकी बिटिया को न्याय दिलाने की कोशिश करूंगी और हमारी यह कोशिश रहेगी कि जिस तरीके से इस बिटिया के साथ अत्याचार किया है उसको दफना दिया उसका मर्डर करके इन लोगों को मैं फांसी की सजा करवाऊंगी। बिल्कुल मैं सपोर्ट करूंगी। यहां पर जो लोकल मेरे काउंसिल होंगे, उत्तर प्रदेश में जो प्रोविजन है। विदाउट लोकल काउंसिल हम खड़े नहीं होंगे। मैं दिल्ली में वकालत करती हूं मैं इस केस को हैंडल करूंगी।
इनपुट : अजय कुमार, उन्नाव