UP Election 2022 : न लाखों का फंड न भीड़ जुटाने को सरकारी अमला, फिर अखिलेश की सभाओं में जुटती भीड़ क्या बदलाव की आहट है?

मोदी सहित गृहमंत्री शाह तक की रैली में लाखों का फंड जुटाया गया। बाकायदा सरकारी अमला इसके लिए मुस्तैद रहा। भीड़ को लाने के लिए बसों और तिकड़मों की व्यवस्था की जा रही...

Update: 2021-11-14 01:47 GMT

(योगी के गढ़ में अखिलेश की रैली में उमड़ा जनसैलाब)

UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में महज मुश्किल-मुश्किल 4 माह का समय शेष है। भारतीय जनता पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी है। तय-तोड़ कर जीतोड़ मेहनत की जा रही। मोदी सहित गृहमंत्री शाह तक की रैली में लाखों का फंड जुटाया गया। बाकायदा सरकारी अमला इसके लिए मुस्तैद रहा। भीड़ को लाने के लिए बसों और तिकड़मों की व्यवस्था की जा रही। वहीं अखिलेश यादव की सभाओं में बिन बुलाए लोग पहुँच रहे।

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गौरतलब है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की कल आजमगढ़ में रैली थी। जिलाधिकारी आजमगढ़ की तरफ से पीडब्ल्यूडी को बाकायदा पत्र लिखकर 40 लाख रूपये फंड जुटाने का आदेश दिया गया था। ताकि शाह की सभा में भारी भीड़ को मैनेज किया जा सके। और तो और कल आजमगढ़ में शाह व योगी आदित्यनाथ के होर्डिंग्स तक को फाड़ दिया गया। हालांकि, किसने फाड़ा यह रहस्य है?

पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट किया है, 'मैं @yadavakhilesh जी से एक सवाल पूछना चाहता हूँ। ना SSP और DM आपके लिए लोग इकट्ठा कर रहे हैं, ना परिवहन मंत्रालय बसें भेज रहा है, ना आपने प्रधानों को टारगेट दिया है, ना 500-500 रु भिजवाए हैं, फिर ऐसा जनसैलाब योगी जी के गढ़ में कैसे उमड़ गया? ये कैसी साजिश कर रहे हैं आप?'

आपको बता दें कि शनिवार 13 नवंबर को अखिलेश यादव की गोरखपुर में एक जनसभा थी। गोरखपुर योगी आदित्यनाथ का गढ़ माना जाता है। लेकिन वहां अखिलेश के लिए जो जनसैलाब उमड़ा वह अदभुत था। रैली में पैर रखने तक की जगह भी नजर नहीं आ रही थी। यह सब तब है जब अखिलेश विपक्ष में बैठे हैं। यह तमाम बातें दर्शाती हैं की अब सूबे की जनता छल-पाखंड और नफरत की राजनीति को त्यागने का मन बना रही है।

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