DDU News Today: शासन के रोक के बाद भी 213 केंद्रों पर हो रही परीक्षा,कोरोना प्रोटोकाल का हर तरफ उल्लंघन
DDU News Today: कोरोना के कहर को देखते हुए यूपी चुनाव में आयोग रैली व सभाओं लिए अनुमति देने को तैयार नहीं है। राज्य के सभी शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय समेत कई ने परीक्षा स्थगित कर दी है।
जितेंद्र उपाध्याय की रिपोर्ट
DDU News Today: कोरोना के कहर को देखते हुए यूपी चुनाव में आयोग रैली व सभाओं लिए अनुमति देने को तैयार नहीं है। राज्य के सभी शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय समेत कई ने परीक्षा स्थगित कर दी है। इन सबके बीच दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा चल रही है। जिसमें कोरोना प्रोटोकाल के अनुपालन का आदेश बेमतलब साबित हो रहा है।
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय एवं संबद्ध महाविद्यालयों में परीक्षाओं को देखते हुए कोरोना महामारी को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने एडवाइजरी जारी किया है। इसके अलावा परीक्षा जल्द संपन्न कराने के लिए 23 जनवरी व अवकाश के दिन भी परीक्षा कराई जा रही है।
परीक्षा के दौरान प्रत्येक परीक्षार्थी, कक्ष परिप्रेक्षक तथा केंद्राध्यक्ष को परीक्षा के समय मास्क पहना अनिवार्य है। परीक्षा केंद्र पर सैनिटाइजर की व्यवस्था अनिवार्य रूप से होगी, छात्र स्वयं भी सैनिटाइजर रख सकते हैं। प्रत्येक परीक्षा के पूर्व परीक्षा कक्ष सैनेटाइज कराने को कहा गया है। सभी परीक्षा केंद्र पर केंद्राध्यक्ष को हाथ धोने के लिए साबुन व पानी की व्यवस्था करना अनिवार्य है।
कोरोना प्रोटोकाल का हो रहा उल्लंघन
शिक्षक संगठनों के एतराज जताने के बाद भी विश्वविद्यालय की परीक्षा आखिरकार प्रारंभ हो गई। हाल यह है कि कोरोना पॉजिटिव छात्र हो या सर्दी, जुकाम से पीडि़त छात्र, सभी को एक ही कमरे में बैठाकर परीक्षा कराई जा रही है। जिसके चलते अन्य छात्रों में भी संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है। परीक्षा केंद्र पर छात्रों के साथ कक्ष निरीक्षकों-कर्मचारियों आदि को भी शारीरिक दूरी बरतने का आदेश धरातल पर लागू होते नहीं दिख रहा है।शिक्षक व छात्र नेताओं ने जनबुझकर मौत की ओर ढकेलने का इसे प्रयास बताया है। परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों की थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य रूप से करने को कहा गया है। छात्रों को केंद्र पर परीक्षा से एक घंटा पूर्व आने व स्वास्थ्य आदि का परीक्षण करने के आदेश की हकिकत यह है कि अधिकांश महाविद्यालयों में इसका अनुपालन नहीं हो पा रहा है।
नब्बे फीसदी वित्तविहीन महाविद्यालयों में हो रही परीक्षा
गोरखपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध 213 महाविद्यालयों में परीक्षाएं चल रही है। जिनमें से तकरीबन 90 फीसद से अधिक महाविद्यालय वित्तविहीन मान्यता वाले हैं। जहां शिक्षकों के अलावा अन्य सामग्री तक की उपलब्धता मानक के अनुसार न होने की शिकायत आम बात है। ऐसे में इन केंद्रों पर थर्मल स्कैनिंग से लेकर आपस में दो गज की दूरी बनाने के आदेश लागू नहीं हो पा रहे हैं।
सीसीटीवी रिकार्डिंग का आदेश हुआ यहां बेमतलब
कोरोना प्रोटकाल के अनुपालन पर नजर रखने व नकलविहीन परीक्षा कराने के मकसद से सभी केंद्रों का सीसीटीवी के माध्यम से शासन के निर्देशानुसार आनलाइन मानिटरिंग करने का आदेश जारी किया गया है। अनुचित साधन प्रयोग पर नियंत्रण करने, परीक्षा में शुचिता, पारदर्शिता एवं शांति व्यवस्था के दृष्टिगत परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा कराने वाले कक्षों में, सबल कक्ष (स्ट्रांग रूम) में वायस रिकार्डर युक्त सीसीटीवी कैमरा एवं डीवीआर के साथ राउटर लगा होना एवं परीक्षा के समय सीसीटीवी कैमरे को सुचारू रूप से चालू रखना अनिवार्य किया गया है। यह रिकार्डिंग कम से कम 60 दिन तक सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा। मुख्य प्रवेश द्वार पर सीसीटीवी कैमरा आवश्यक है। परीक्षा केंद्रों में स्थापित सीसीटीवी कैमरों के डीवीआर का विवरण लिंक के माध्यम से 21 जनवरी की शाम तक विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराने को कहा गया था,पर 213 में से मात्र 177 परीक्षा केंद्रों का ही विवरण प्राप्त हुआ है। गोविवि प्रशासन के मुताबिक विवरण न उपलब्ध कराने वाले केंद्रों पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है। जबकि तकनीकी कारणों से इसका अनुपालन कराने सक्षम न होने वाले महाविद्यालयों की संख्या बड़ी है।
अव्यवस्था का एक आलम यह भी है कि परीक्षा में शामिल हो रहे विद्यार्थियों ने पंजीकरण फार्म में जिन विषयों का चयन किया है तथा प्रवेश पत्र में जिन विषयों का उल्लेख है, उन्हें उसी विषय की परीक्षा देने का मौका मिलने की बात कही गई। यदि किसी विद्यार्थी ने अपना विषय गलत भरा है तो उसे प्राचार्य द्वारा अग्रसारित प्रार्थना पत्र द्वारा परीक्षा नियंत्रक से विषय परिवर्तन का अनुरोध करना होगा। लेकिन कई ऐसे विद्यार्थी भी है जो सुधार के लिए भटकते रहे, पर निराकरण नहीं हुआ।
इन सबके बीच हिंदी विभाग के प्रोफेसर कमलेश गुप्ता ने अपना सत्याग्रह जारी रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारा कोई धरना व प्रदर्शन नहीं है। कुलपति के अत्याचार के खिलाफ हम सत्याग्रह कर रहे हैं। यह सत्याग्रह अब कुलपति के अलावा कुलाधिपति के पीआरओ को भी हटाने तक जारी रहेगा। जिससे की कुलपति के कारनामों की निष्पक्ष जांच कराई जा सके। उन्होंने बिना पढ़ाई के कोरोनाकाल में परीक्षा कराने की आलोचना करते हुए कहा कि छात्रों व शिक्षकों के जिंदगी से खिलवाड़ करने की यह कोशिश है। इसका खमियाजा कुलपति को भी भुगतनी पड़ेगी।
सेमेस्टर परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाने की मांग
एनएसयूआइ के कार्यकर्ताओं ने 21 जनवरी को सेमेस्टर परीक्षा की तिथि को आगे बढ़ाने की मांग को लेकर गोरखपुर विश्वविद्यालय मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने छात्रावास के चीफ वार्डन एवं परीक्षा समन्वय अधिकारी प्रो.एसके सिंह को एक ज्ञापन सौंपा। प्रो.सिंह ने मामले को कुलपति तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। एनएसयूआइ के आदित्य शुक्ल ने कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते लखनऊ विश्वविद्यालय की परीक्षाएं रद कर दी गई है। गोरखपुर विश्वविद्यालय में परीक्षा होने से छात्रों में संक्रमण फैलने का खतरा है। इस दौरान शशांक मिश्रा, ऋषभ सिंह, राजवीर सिंह, हर्ष तिवारी, आयुष गुप्ता, सिद्धांत जायसवाल, हरिकेश, हर्ष तथा अंकित आदि छात्र मौजूद रहे।