Janjwar Exclusive: चुनाव से पहले ही साजिश का शिकार हुई बिकरु वाली खुशी दुबे की माँ, हुआ यह बड़ा खेल?
Janjwar Exclusive: कांग्रेस की तरफ से टिकट मिलने और तमाम प्रयास किये जाने के बाद अब यह कन्फर्म किया जा चुका है कि गायत्री इस विधानसभा में चुनाव लड़ सकने के लिए अयोग्य हैं...
Janjwar Exclusive: कानपुर की कल्याणपुर विधानसभा सीट से कल जेल में बन्द ब्राह्मण बेटी खुशी दुबे की माँ को टिकट मिल चुकी है। लेकिन उनके चुनाव न लड़ पाने की विरोधियों द्वारा की गई साजिश भी सफल हो गई है। ताजा इनपुट है कि खुशी की माँ गायत्री तिवारी का वोटर लिस्ट से नाम ही साफ करवा दिया गया है।
हालांकि, यह जानकारी जनज्वार के पास कल ही आ गई थी। लेकिन इस जानकारी को फिलहाल उजागर न करने के लिए भी हमसे गुजारिश की गई थी। लेकिन गायत्री तिवारी को कांग्रेस की तरफ से टिकट मिलने और तमाम प्रयास किये जाने के बाद अब यह कन्फर्म किया जा चुका है कि गायत्री इस विधानसभा में चुनाव लड़ सकने के लिए अयोग्य हैं।
इस पूरे प्रकरण में 'मैं ब्राह्मण हूँ' के राष्ट्रीय अध्यक्ष व अधिवक्ता दुर्गेेेश मणि त्रिपाठी ने जनज्वार को बताया कि हमनें अपील की थी। हमारी अपील का असर भी हुआ। दो प्रमुख पार्टियों ने हमें टिकट आफर किये। सबसे मुखर होकर और सबसे ईमानदारी से अगर कोई सामने आया तो वो थी प्रियंका गांधी। उन्होंने न केवल कल्याणपुर सीट से खुशी दुबे की माँ को टिकट दी बल्कि, उसकी पूरी कानूनी सहायता भी देने का वचन दिया।
लेकिन प्रियंका के इस फैसले के बाद कल्याणपुर कांग्रेस के कुछ नेता अपनी टिकट कटने के डर से बगावत करने लगे। पूरे समय वो छुटभैया नेता खुशी दुबे के नाम पर राजनीति कर रहे थे। पर जब उसकी माँ की टिकट हुई तो वो खुशी और उसके परिवार के बारे में षड्यंत्र करने लगे, उल्टा सीधा अनर्गल आरोप लगवाने लगे। दुर्भाग्य से वो भी ब्राह्मण हैं। जल्दी ही उसका नाम उजागर करेंगे।
दुर्गेश ने आगे कहा, विषम परिस्थितियों में प्रियंका जी ने हम ब्राह्मणों के इस संघर्ष को सही मानते हुए हमें जो सम्मान दिया उसके लिए उनका धन्यवाद, चुनाव लड़ना 'मैं ब्राह्मण हूँ' महासभा की प्राथमिकता नहीं है। बल्कि हमने ये साबित कर दिया है कि हमारी लड़ाई जायज है।
वोटर लिस्ट से गायब हुआ नाम
जनज्वार को मिली जानकारी के मुताबिक गायत्री तिवारी का नाम उनकी परिवार की वोटर लिस्ट से कटवा दिया गया है। सूत्रों की माने तो यह खेल 20 तारीख के आस पास ही किया गया है। वोटर लिस्ट में गायत्री के पति व उनकी बड़ी बेटी का नाम यथावत दर्ज है लेकिन गायत्री का नाम अब नहीं है। वहीं, अब यह नाम जुड़वाया भी नहीं जा सकता। बताया जा रहा कि अब खुशी के बजाए किसी अन्य को चुनाव लड़वाया जाएगा। क्योंकि परिवार के अन्य व्यक्तियों ने चुनाव लड़ने से इनकार किया है।