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खबर पर मुहर: अटकलों को लगा विराम, कल्याणपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने खुशी दुबे की मां को बनाया उम्मीदवार
(कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ खुशी दुबे की मां गायत्री तिवारी)
Kanpur Breaking: हमारी खबर पर एक बार फिर मुहर लगी है। बीते दिनों जनज्वार ने कानपुर के बिकरू कांड की पीड़िता नाबालिग खुशी दुबे (Khushi Dubey) की मां को लेकर एक खबर प्रकाशित की थी। हमने बताया था कि कानपुर की कल्याणपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस जेल में बंद बेगुनाह खुशी दुबे की मां गायत्री तिवारी को टिकट दे सकती है। जिसपर आज मुहर लग गई है।
आज शनिवार 29 जनवरी को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने की दिन से चल रही अटकलों को विराम देते हुए गायत्री तिवारी (Gayatri Tiwari) की उम्मीदवारी पर मुहर लगा दी है। इस बात की जनज्वार को पुष्टि भी करवाई जा चुकी है। आपको बता दें कि कानपुर में गायत्री तिवारी की उम्मीदवारी को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा गरम थी। तमाम उम्मीदवार उनको प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर विरोध भी जता रहे थे।
'मैं ब्राह्मण हूँ' महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दुर्गेश मणि त्रिपाठी (Durgesh Mani Tripathi) ने जनज्वार संवाददाता को फोन कर बेटी खुशी दुबे की मां गायत्री तिवारी की टिकट कन्फर्म होने की जानकारी दी है। बताते चलें कि दुर्गेश मणि कानपुर में वह पहले सख्श रहे हैं जिन्होने शुरू से लेकर अंत तक इस परिवार के कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया है। खुद खुशी की मां गायत्री भी इस बात को सार्वजनितक तौर पर स्वीकार करती हैं।
इससे पहले राजनीतिक पार्टियों के बीच ब्राह्मण बेटी खुशी की मां को चुनाव लड़ाने की होड़ मची थी। कांग्रेस जहां उन्हें कल्याणपुर से टिकट देना चाह रही हैं वहीं सपा उन्हें गोविंद नगर से मैदान में उतारने की तैयारी में लगी थी। कांग्रेस दिल्ली में तो सपा उन्हें लखनऊ में पार्टी की सदस्यता दिलाने की तैयारी कर रही थी। बहरहाल आज सभी अटकलों को विराम देते हुए कांग्रेस ने गायत्री की उम्मीदवारी पर अंतिम मुहर लगा दी है।
बिकरू कांड की बेगुनाह और जेल में बंद खुशी की मां गायत्री तिवारी (Gayatri Tiwari) पनकी रतनपुर में रहती हैं। कुछ दिन पहले कांग्रेस के पदाधिकारी गायत्री से उनके आवास पर मिले थे। उन्हें कल्याणपुर से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया गया था। सोमवार को दिल्ली ले जाकर पार्टी की सदस्यता दिलायी जानी थी इससे पहले सपा ने उन्हें विश्वास में लेकर गोविंदनगर से चुनाव लड़ाने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन बाद में सपा ने अपने पुराने कार्यकर्ता सम्राट विकास को गोविंदनगर सीट से प्रत्याशी बना दिया था।
दरअसल राजनीतिक पार्टियों का मानना है कि बिकरू कांड में आरोपित बनाई गई गायत्री तिवारी की बेटी को पुलिस ने निर्दोष होने के बावजूद भी फंसा दिया। बिकरू कांड के बाद हुई इस घटना से ब्राह्मण नाराज हैं ऐसे में गायत्री तिवारी के साथ लोगों की संवेदनाएं होंगी जो पार्टी को चुनाव में फायदा दिला सकती है।
क्या था बिकरू कांड?
गौरतलब है कि, बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे ने दो जुलाई 2020 की आधी रात अपने गैंग के साथ डीएसपी और एसओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। हत्याकांड के बाद पुलिस ने विकास व उसके भांजे अमर दुबे समेत छह लोगों का इनकाउंटर किया था जबकि 45 आरोपित जेल में हैं। घटना से ठीक सात दिन पहले अमर दुबे की शादी गायत्री तिवारी की बेटी से हुई थी। बिकरू कांड के बाद पुलिस ने अमर दुबे की पत्नी को भी आरोपित बना दिया था जो अभी भी जेल में है। गायत्री का मानना है कि उनकी बेटी को फर्जी फंसाया गया है जिसके बाद राजनीतिक पार्टियों ने उन्हे इंसाफ दिलाने का आश्वासन दिया था। लेकिन उन्हें आज तक इंसाफ नहीं मिला।