हाथरस में लड़की की लाश रात में जलाने पर योगी सरकार ने कोर्ट को हलफनामा देकर बताई वजह

यूपी सरकार का कहना है कि अयोध्या-बाबरी केस में आए फैसले की संवेदनशीलता और कोरोना के मद्देनजर परिवार की मंजूरी से पीड़िता का रात में अंतिम संस्कार किया गया था....

Update: 2020-10-06 07:19 GMT

रात के अंधेरे में पुलिस के घेर में हाथरस पीड़ित के अंतिम संस्कार की तसवीर।

जनज्वार, लखनऊ। यूपी के हाथरस गैंगरेप मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। पेश किए गए हलफनामे में यूपी सरकार ने विपक्ष पर जातीय दंगा फैलाने का आरोप लगाया है। यूपी सरकार के हलफनामे में दावा किया गया है कि श्परिवार से मंजूरी के बाद और हिंसा से बचने के लिए आधी रात में पीड़िता का अंतिम संस्कार करना पड़ा था।

अपने द्वारा पेश किए गए हलफनामे में यूपी सरकार ने अयोध्या-बाबरी केस के कारण जिलों को हाई अलर्ट पर रखने और कोरोना की वजह से भीड़ न इकट्ठा होने देने का भी जिक्र किया है। यूपी सरकार का कहना है कि अयोध्या-बाबरी केस में आए फैसले की संवेदनशीलता और कोरोना के मद्देनजर परिवार की मंजूरी से पीड़िता का रात में अंतिम संस्कार किया गया था।

हलफनामे में सरकार का कहना है कि 14 सितंबर को सूचना मिलने पर पुलिस ने मामला दर्ज करके तत्काल कदम उठाया था। हलफनामे में सरकार की तरफ से कहा गया है कि इस मुद्दे का उपयोग करते हुए जातीय और सांप्रदायिक दंगों को भड़काने के लिए राजनीतिक दलों के कुछ वर्ग, सोशल मीडिया सहित प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया ने जानबूझकर और सुनियोजित प्रयास किए।

राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे के माध्यम से कहा है कि हाथरस में लड़की के साथ कथित बलात्कार और हमले की सीबीआई जांच के निर्देश देने चाहिए। सरकार ने कहा कि हालांकि वो मामले की निष्पक्ष जांच कर सकती है लेकिन निहित स्वार्थ निष्पक्ष जांच को पटरी से उतारने के मकसद से प्रयास कर रहे हैं।

रात में शव जलाने की वजह

यूपी सरकार अपने हलफनामे में आधी रात के बाद पीड़िता की अंत्येष्टि करने की वजह भी बताई है। उसके अनुसार खुफिया एजेंसियों के पास इनपुट थे कि इस मुद्दे को लेकर सुबह बड़े स्तर पर हिंसा कराने की तैयारी की जा रही है। अगर सुबह तक इंतजार करते तो स्थिति अनियंत्रित हो सकती थी जिसके चलते परिवार की मंजूरी लेकर रात में ही अंतिम संस्कार करवा देना पड़ा।

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