उत्तर प्रदेश सरकार ने हड़ताल पर फिर लगाई पाबंदी, अब अगले 6 महीने तक हड़ताल नहीं कर सकेंगे सरकारी कर्मचारी
आपको बता दें कि पिछले वर्ष भी बिजली विभाग में निजीकरण के ख़िलाफ़ विभाग के सरकारी कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी थी। जिसको देखते हुये उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में एस्मा लागू कर दिया था।
जनज्वार ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों द्वारा की जाने वाली हड़ताल पर एक बार फिर से पाबंदी लगा दी है। किसी भी सरकारी विभाग के कर्मचारी अब 6 महीने तक हड़ताल नहीं कर सकेंगे। सरकार ने पिछले वर्ष 25 नवंबर 2020 को भी 6 महीने के लिए एस्मा लागू कर हड़ताल पर पाबंदी लगा दी थी। जिसे अब फिर 6 महीने के लिये बढ़ा दिया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम (ESMA) 1966 के तहत ऐसा किया है। राज्य में एस्मा लगाये जाने के बाद अब सरकारी कर्मचारी कम से कम 6 महीने तक हड़ताल नहीं कर सकेंगे। राज्यपाल ने इसकी मंजूरी भी दे दी है।
अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंघल (कार्मिक) के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सरकार ने फिलहाल 6 महीने के लिए एस्मा लगाया है। जरूरत पड़ने पर इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। वही हालात ठीक होते देख इसे 6 महीने से पहले वापस भी लिया जा सकता है।
कई विभाग कर रहे थे हड़ताल पर जाने की तैयारी-
बताया जा रहा है कि प्रदेश में सरकारी विभाग के कर्मचारी अपनी माँगो को लेकर हड़ताल की तैयारी कर रहे थे। एस्मा लागू होने के बाद से यूपी सरकार के अधीन सभी लोकसेवा निगम, प्राधिकरण समेत सभी सरकारी विभाग पर यह आदेश लागू हो गया है। आपको बता दें कि पिछले वर्ष बिजली विभाग में निजीकरण के ख़िलाफ़ विभाग के सरकारी कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी थी। जिसको देखते हुये उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में एस्मा लागू कर दिया था। वर्तमान में अपनी माँगो को लेकर ऊर्जा व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी हड़ताल की तैयारी कर रहे थे। जिसको देखते हुये उत्तर प्रदेश सरकार ने 6 महीने के लिये फिर से एस्मा लागू कर दिया है।
हड़ताल करने वालों पर अब होगी कानूनी कार्यवाही
अब यदि कर्मचारी हड़ताल करेंगे तो उन पर कार्यवाही हो जाएगी। यदि किसी सरकारी कर्मचारी की ओर से इस एक्ट का उल्लंघन किया जाता है तो सरकार उन हड़ताली को बिना वारंट के गिरफ्तार कर कानूनी कार्यवाही कर सकती है। इस दौरान अति आवश्यक कर्मचारियों को सरकार के निर्देशों का पालन करना होगा। यदि वे आदेशों का उल्लंघन करेंगे तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
क्या है एस्मा कानून-
एस्मा भारतीय संसद द्वारा पारित अधिनियम है जिसे 1966 में लागू किया गया था। केंद्र सरकार अथवा किसी राज्य सरकार द्वारा यह कानून अधिकतम 6 महीने के लिए लगाया जा सकता ह। कानून का उल्लंघन करने वाले किसी भी कर्मचारी को बिना वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है। संकट की घड़ी में कर्मचारियों की हड़ताल को रोकने के लिए यह कानून बनाया गया था। इस कानून के लागू होने के बाद यदि कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो उनका यह कदम अवैध और दंडनीय की श्रेणी में आता है। एस्मा लागू करने से पहले कर्मचारियों को समाचार पत्रों तथा अन्य माध्यमों से इसके बारे में सूचित किया जाना जरूरी है।
उत्तर प्रदेश में एस्मा लगाये जाने पर सोशल मीडिया यूजर मोहित सिंह कुशवाहा टिप्पणी करते हुये कहते है-
उत्तर प्रदेश के कोरोना वॉरियर्स को योगी सरकार ने दिया ESMA कानून का तोहफा। अब चुनाव तक अगर किसी ने चूँ चपाट की तो सीधा जेल में डाल के सम्मान किया जाएगा।