उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कानपुर में 95 टेनरी अनिश्चितकाल के लिए किए बंद

जल निगम के अधिकारियों ने क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सूचित किया कि वाजिदपुर स्टेशन से जुड़ीं टेनरियां घरेलू सीवर में अपने अपशिष्टों को बहा रही हैं जिसके कारण सीवेट ट्रीटमेंट प्लांट ओवरफ्लो है। टेनरी संचालकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, लेकिन ओवरफ्लो की समस्या बनी रही।

Update: 2021-03-27 03:30 GMT

कानपुर (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने कानपुर के जाजमऊ इलाके के 95 टेनरियों को तुरंत प्रभाव से अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का आदेश दिया है, क्योंकि पंपिंग स्टेशन नंबर 3 और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) ओवरफ्लो हो रहे हैं। यूपीपीसीबी ने इन सभी टेनरियों की बिजली और पानी की आपूर्ति को बंद करने का भी आदेश दिया है।

राज्य प्रदूषण नियंत्रण निकाय ने सभी टेनरियों के मालिकों को एक महीने के भीतर अपनी इकाइयों में सीसीटीवी कैमरे लगाने और अपनी अनुपालन रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी ने चार टीमों का गठन किया, जिसमें एक एडिशनल सिटी मजिस्ट्रेट और क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और कानपुर नगर आपूर्ति कंपनी के एक-एक इंजीनियर शामिल हैं। टीमों ने गुरुवार को लगभग एक दर्जन टेनरियों की बिजली डिस्कनेक्शन को सुपरवाइज किया।

जाजमऊ में लगभग 217 टेनरियां जिलाधिकारी द्वारा 31 जुलाई, 2020 को जारी किए गए 15-दिवसीय रोस्टर के अनुसार काम कर रही हैं। पम्पिंग स्टेशन से जुड़ी टेनरियां, महीने के पहले पखवाड़े में संचालित हो सकती हैं और दूसरे पखवाड़े में वाजिदपुर के पंपिंग स्टेशन से जुड़ी टेनरियां संचालित हो सकती हैं।

जल निगम के अधिकारियों ने क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सूचित किया कि वाजिदपुर स्टेशन से जुड़ीं टेनरियां घरेलू सीवर में अपने अपशिष्टों को बहा रही हैं जिसके कारण सीवेट ट्रीटमेंट प्लांट ओवरफ्लो है। टेनरी संचालकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, लेकिन ओवरफ्लो की समस्या बनी रही।

प्रदूषण अधिकारियों ने इसके बाद राज्य मुख्यालय और प्रशासनिक अधिकारियों को सूचित किया, जिसके बाद यूपीपीसीबी के मुख्य पर्यावरण अधिकारी अजय कुमार शर्मा ने वाजिदपुर पंपिंग स्टेशन से जुड़ी 95 टेनरियों को बंद करने का आदेश दिया। इस बीच, स्मॉल टेनर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी फिरोज आलम ने इस आदेश को 'मनमाना' करार दिया।

उन्होंने कहा, "अधिकारी हमारी बातों को भी नहीं सुनते हैं और बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया। सभी टेनरियों में फ्लो मीटर होते हैं जो मॉनिटरिंग के लिए सीपीसीबी सर्वर से जुड़े होते हैं। इसके अलावा, जाजमऊ क्षेत्र में कोई सीवर लाइन नहीं है। घरेलू अपशिष्ट पम्पिंग स्टेशन तक पहुंच गए और यह ओवरफ्लो का कारण बना। इसकी जांच होनी चाहिए।"

आरपीसीबी के इंजीनियर अनिल माथुर ने कहा, "फ्लो मीटर को बाईपास किया जा सकता है और ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिसके द्वारा 24 घंटे निगरानी की जा सके। समस्या एसटीपी के ओवरफ्लो की है और इसे रोकना होगा।"

Tags:    

Similar News