योगी के MLC ने खोली योगी की पोल, कहा- बंधुआ मजदूरी को बढ़ावा देने जैसा है, सरकार की संविदा नीति

भारतीय जनता पार्टी के विधान परिषद सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखा। उन्होंने समूह 'ख' व समूह 'ग' की सेवा नियमावली में बदलाव कर पांच साल तक संविदा पर तैनाती के प्रस्ताव को निरस्त करने की मांग की है।

Update: 2020-09-17 08:11 GMT

जनज्वार। उत्तर प्रदेश 'ख' व समूह 'ग' की भर्ती प्रक्रिया में बड़े बदलाव करने जा रही है। प्रस्तावित व्यवस्था में चयन के बाद शुरुआती पांच वर्ष तक कर्मियों को संविदा के आधार पर नियुक्त किया जाएगा।

इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी के विधान परिषद सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखा। उन्होंने समूह 'ख' व समूह 'ग' की सेवा नियमावली में बदलाव कर पांच साल तक संविदा पर तैनाती के प्रस्ताव को निरस्त करने की मांग की है।

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उन्होंने पत्र में कहा है कि इस नई सेवा नियमावली के लागू होने से सरकार और पार्टी की छवि को नुकसान होगा। इस प्रस्ताव को लेकर आम जनता, खासतौर पर युवा वर्ग में काफी नाराजगी दिख रही है। उन्होंने साफ किया है कि इस मामले में वह नौजवानों के साथ रहेंगे।



देवेंद्र प्रताप ने कहा कि नई प्रस्तावित सेवा नियमावली लागू होने से सरकारी सेवाओं में नियुक्त होने वाले नौजवानों का शोषण और कदाचार बढ़ेगा। नवनियुक्त कर्मचारी 5 साल के लिए अधिकारियों के बंधुआ मजदूर हो जाएंगे और अधिकारी वर्ग नई सेवा नियमावली को तरह-तरह से शोषण करने का औजार बना सकती है।

सिंह ने कहा है कि पांच वर्षो पर संविदा पर तैनाती के दौरान हर 6 माह पर कार्यालयाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष और शासन के अधिकारियों द्वारा मिजरेबल को परफार्मेस इंडिकेटर के जरिए इनके कार्यो का मूल्याकंन किया जाएगा।

संविदा कर्मचारी को नियमित होने के लिए इस मूल्याकंन में हर साल कम से कम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे और किसी भी दो छमाही में 60 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त करने वाले संविदाकर्मी को सेवा से वंचित कर दिया जाएगा।

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