कोरोना का टीका नहीं लगवाया तो नहीं मिलेगा राशन, वैक्सीन लगवाने के बाद दलित की मौत
मृतक की पत्नी ने स्वास्थ्य विभाग और गांव की आशा पर गंभीर आरोप लगाए है, मृतक लालमणि की पत्नी मीरा देवी की माने तो गांव की आशा ने कोविड का इंजेक्शन लगवाने के लिए दबाव डाला था....
मिर्जापुर से संतोष देव गिरी की रिपोर्ट
जनज्वार ब्यूरो। मिर्जापुर जिले में एक व्यक्ति को कोरोना का टीका लगाए जाने के बाद उसकी मौत का मामला सामने आया है। लोगों को कोरोना से बचाने के लिए पूरे देश में वैक्सीनेशन का कार्य जोरों पर चल रहा है। आज मिर्जापुर जिले के लोगों को उस समय करारा झटका लगा, जब एक व्यक्ति की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। मृतक की पत्नी ने मौत का कारण कोरोना के टीके को बताया है।
मृतक की पत्नी मीरा देवी के अनुसार मड़िहान थाना क्षेत्र के बहुती बरसैता गांव निवासी लालमणि (39) और उसकी पत्नी ने गत सोमवार के दोपहर बहुती स्थित स्वास्थ्य केंद्र पर कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाया था। जिसके बाद से लालमणि की हालत बिगड़ने लगी। बुद्धवार की सुबह लालमणि को लेकर उनकी पत्नी जिला अस्पताल पहुंची, जहां लगभग 10.30 बजे लालमणि की मृत्यु हो गयी। जिसके बाद अस्पताल के बाहर मृतक की पत्नी मीरा देवी बेसुध होकर रोने लगी।
मीडिया से बात करते हुए मीरा देवी ने बताया कि उनके पति लालमणि बिल्कुल स्वस्थ्य थे, उन्हें कोई बीमारी नहीं थी, लेकिन सोमवार को जब से वैक्सीन लगी तब से उनकी हालत बिगड़ती चली गई। बुधवार की सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी से बात की गई तब पता चला कि वे घटना से अनजान हैं। उन्होंने वैक्सीनेशन इंचार्ज से बात करने की सलाह दी।
क्सीनेशन इंचार्ज डा. एम.के. श्रीवास्तव ने कोविड वैक्सीनेशन से हुई मौत को एक सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा अगर वैक्सीन के कारण मौत हुई होती तो वैक्सीन लेने के दिन ही हो जाती। मरीज खुद चलकर अस्पताल आया है इसलिए ये नहीं हो सकता कि वैक्सीनेशन से उसकी मौत हुई हो। किसी अन्य वजह से अगर मौत हुई है तो उसकी जांच की जा रही है। फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा हैं, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की असली वजह को स्पष्ट किया जा सकेगा।
दलित मृतक की पत्नी ने गांव की आशा पर लगाए गंभीर आरोप
मृतक की पत्नी ने स्वास्थ्य विभाग और गांव की आशा पर गंभीर आरोप लगाए है। मृतक लालमणि की पत्नी मीरा देवी की माने तो गांव की आशा ने कोविड का इंजेक्शन लगवाने के लिए दबाव डाला था, चेतावनी दी थी कि यदि कोविड का इंजेक्शन नहीं लगवाया तो तुम्हें राशन नहीं मिलेगा। जिला अस्पताल परिसर में पति की मौत के बाद बिलखते हुए पत्नी ने "जनज्वार" को बताया कि उसके पति की उम्र 40 साल से कम है। ऐसे में उसके पति कोरोना का टीका लगवाना नहीं चाहते थे। गांव की आशा के दबाव के आगे उन्हें मजबूर होना पड़ा।
मृतक की पत्नी ने बताया कि गांव की आशा ने अपनी बेटी को उसके घर भेजकर चेतावनी दी थी अगर इंजेक्शन नहीं लगवाया तो तुम लोगों को मिलने वाले राशन से वंचित कर दिया जाएगा। ऐसे में मजबूरन उन्हें कोविड का इंजेक्शन लगवाना पड़ा। पति की मौत के बाद बिलखती पत्नी के साथ ही मौके पर मौजूद गांव की अन्य महिलाओं ने भी पीड़िता के आरोप का समर्थन किया है।
लालमणि की मौत से गांव में दहशत का माहौल है। अन्य लोग भी कोविड का इंजेक्शन लगवाने के बाद से अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित दिखे। कुछ ने टीका लेने के बाद से बुखार तथा गला सूखने जैसी समस्याओं को बताया है।वहीं 3 बजे से पहले ही हॉस्पिटल पर ताला लटकता दिखा अस्पताल से सारे स्वास्थ्यकर्मी नदारद दिखे।
सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए दावे तो खूब करती है, लेकिन इसकी हकीकत ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों को देखने पर सामने आ जाती है। बुधवार को "जन ज्वार" की टीम जब दोपहर बाद तकरीबन 3 बजे स्वास्थ्य केंद्र बहुती पहुंची तो केंद्र पर ताला लटक रहा था, यहां तक कि कोई कर्मचारी भी केंद्र पर मौजूद नहीं था। जिससे कुछ जानकारी हासिल की जा सके। ऐसे में आसानी से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि गांव में कोई दुर्घटना होने पर आपातकालीन स्थिति उत्पन्न हो जाए तो गांव के लोग बेसहारा नज़र आते हैं।