चुनावों से पहले उत्तराखंडियों की आवाज उठाने के लिए 1UK टीम आई सामने, सोशल मीडिया पर चलाया पोस्टर अभियान

1UK टीम का कहना है कि जो विधायक उत्तराखंड और यहां के लोगों को गालियां देता है वो ना ही उत्तराखंड का विधायक हो सकता है और ना ही कभी उत्तराखंड के हितों के लिए सोच सकता है इसलिए हमने ऐसे विधायक से उत्तराखंड के हित के लिए आवाज उठाने का निवेदन नहीं किया....

Update: 2020-09-29 09:31 GMT

जनज्वार। उत्तराखण्ड विधानसभा से पहले 1UK टीम द्वारा सभी विधायकों के फोटो और विधानसभा के साथ पोस्टर बनाए गए हैं, जो आजकल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

पोस्टरों के माध्यम से जनता के मुद्दे अपने विधायकों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया पर 1UK टीम सक्रियता से काम कर रही है। विधायकों से मांग की जा रही है कि वह विधानसभा में उत्तराखंड और पहाड़ के हितों के लिए जरूरी मुद्दों को उठाए और इन पर जल्दी ही कार्यवाही हो।

1UK टीम द्वारा 70 विधायकों में से 69 विधायकों के ही पोस्टर बनाए गए हैं और उनसे ही इन सभी प्रश्नों को विधानसभा में उठाने कि मांग की गई है। टीम ने मात्र विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन का पोस्टर नहीं बनाया है और ना ही उनसे किसी प्रकार का निवेदन किया गया है कि वह इन प्रश्नों को विधानसभा में उठाए।

इस बारे में 1UK टीम का कहना है कि जो विधायक उत्तराखंड और यहां के लोगों को गालियां देता है वो ना ही उत्तराखंड का विधायक हो सकता है और ना ही कभी उत्तराखंड के हितों के लिए सोच सकता है इसलिए हमने ऐसे विधायक से उत्तराखंड के हित के लिए आवाज उठाने का निवेदन नहीं किया।

1UK टीम की मांगें —

1. मूल निवासी वर्ष 1950 किया जाए और इसके आधार पर 80% आरक्षण केवल उत्तराखंडी मूल निवासियों को मिले।

2. एक परिवार से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी मिले जैसे सिक्किम में मिलती है।

3. हिमांचल प्रदेश जैसा भू-कानून हो, जहाँ अन्य राज्यों से आये व्यक्ति केवल लीज पर ही भूमि ले सकें और भूमि पर अधिकार मूल निवासियों का ही हो।

4. वर्ष 1994 में उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान हुए नरसंहार एवं महिलाओं के सामूहिक बलात्कार के न्याय हेतु SIT गठन करवाने पर उत्तराखंड सरकार तुरंत कार्यवाही करे।

1UK टीम के संस्थापक दिनेश सिंह बिष्ट का कहना है कि हम संवैधानिक रूप से अपनी मांगों को प्रत्येक विधायक, मंत्री या मुख्यमंत्री जी के समक्ष विभिन्न माध्यमों से लगातार उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनको मौजूदा सरकार से आशा है कि जल्द-से-जल्द इन मांगों पर एक बिल विधानसभा में पास कराया जाएगा, लेकिन इसके लिए 2022 के चुनावों की प्रतीक्षा नहीं होनी चाहिए। उत्तराखंड सरकार इसकी घोषणा कर सकती है और फिर मौजूदा या अगले विधानसभा सत्र में इस बिल को पास कराया जा सकता है। ऐसा ना करने की स्थिति में 1UK टीम अपनी दूसरी योजना के साथ आगे बढ़ेगी।

Tags:    

Similar News