Almora News: उत्तराखंड में अय्याशी का अड्डा खोलने वाला प्रेमनाथ फंसा पॉक्सो एक्ट में, मां को जेल से छुड़ाने के नाम पर कर रहा था ब्लैकमेल
Almora News। पद और पैसे के बल पर अल्मोड़ा जिले में सरकारी जमीन पर कब्जा कर अपनी अय्याशियों को अंजाम देने के लिए ठिकाना बनाने वाले कुख्यात अधिकारी के खिलाफ अल्मोड़ा जिले में नाबालिग युवती के साथ छेड़छाड़ के मामले में पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है।
Almora News। पद और पैसे के बल पर अल्मोड़ा जिले में सरकारी जमीन पर कब्जा कर अपनी अय्याशियों को अंजाम देने के लिए ठिकाना बनाने वाले कुख्यात अधिकारी के खिलाफ अल्मोड़ा जिले में नाबालिग युवती के साथ छेड़छाड़ के मामले में पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह अधिकारी वर्तमान में दिल्ली में सचिव स्तर के पद पर तैनात है। पूर्व में भी इस अधिकारी के कई किस्से सामने आ चुके थे। लेकिन पद और पैसे के प्रभाव से वह सब मामले शॉर्ट आउट कर लिए गए थे। मुकदमा दर्ज होने के बाद गुस्साए तमाम लोग इस अधिकारी के अड्डे को ध्वस्त करने की मांग करते हुए इसके ठिकाने पर पहुंच गए। इस अय्याश अधिकारी के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश चरम पर है। यह अधिकारी भी भाजपा समर्थित बताया जा रहा है। अंकिता हत्याकांड के बाद इस अधिकारी की करतूतों का पर्दाफाश होने से जिले भर में सनसनी फ़ैल गई है। फिलहाल युवती के दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराने के बाद मामले की जांच की जा रही है।
पीड़ित युवती के मुताबिक दिल्ली में प्रशासनिक अधिकारी पद पर तैनात एवी प्रेमनाथ ने अपनी पत्नी के नाम अल्मोड़ा जिले के मजखाली स्थित डांडा-कांडा गांव में जमीन खरीद रखी है। यहां पर प्लीजेंट वैली फाउंडेशन स्कूल नाम का एक एनजीओ चलता है। प्रेमनाथ शुरू से ही उस पर गलत नजर रखता था। चार माह पूर्व प्लीजेंट वैली में उसने मेरा शोषण व उत्पीड़न किया। उसने जब पटवारी से शिकायत करने की कोशिश की तो पटवारी ने प्रेमनाथ से मिलीभगत होने के चलते मेरी रिपोर्ट ही दर्ज नहीं की। जिसके बाद उसने डीएम और एसएसपी से न्याय की गुहार लगाई तो मजबरी में राजस्व पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपित एवी प्रेमनाथ के खिलाफ आईपीसी की धारा 354, 66डी आईटी एक्ट व पॉक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद पीड़िता के स्वास्थ्य परीक्षण के बाद दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत उसके बयान दर्ज कराए गए हैं। तहसीलदार कुलदीप पांडे ने बताया कि जल्द ही पूरे मामले को रेगुलर पुलिस को सौंप दिया जाएगा।
बता दे कि आरोपी प्रेमनाथ दिल्ली सरकार में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी पद पर तैनात है। इसने तकनीकी कारणों से अपने नाम की जगह जो जमीन अपनी पत्नी के नाम से खरीदी थी, उसके आस पास की सैंकड़ों नाली सरकारी भूमि भी अपने पद के कारण कब्जा रखी है। इसी वजह से इसकी पत्नी पर जमीन कब्जाने सहित कई अन्य मामले पहले से दर्ज हैं। इससे पहले भी एवी प्रेमनाथ पर डांडा-कांडा गांव में अतिक्रमण व अवैध निर्माण का मामला चल रहा है। इस मामले में एसडीएम ने नोटिस भी जारी किया था। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी के नेतृत्व में इस प्रेमनाथ के काले कारनामों को उजागर करते हुए क्षेत्र में लंबा आंदोलन भी चल चुका है।
फिलहाल इस पूरे मामले को लेकर गांव में आक्रोश की लहर को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। मुकदमा दर्ज होने के बाद ग्रामीणों ने इसके ठिकाने का घेराव करते हुए देवभूमि में अय्याशी का अड्डा चलाने वाले इस कुख्यात अधिकारी की अविलंब गिरफ्तारी और नाबालिग के इस मुकदमें और उसकी बातों को गंभीरता से न लेने वाले राजस्व अधिकारियों को सस्पेंड कर उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। पहले से ही अंकिता हत्याकांड का मामले को लेकर उत्तराखंड में को लेकर उबलते उत्तराखंड में इस प्रशासनिक अधिकारी की इस हरकत से गांव में आक्रोश की लहर व्याप्त है।
मां को जेल से छुड़ाने के नाम पर ब्लैकमेल कर रहा था प्रेमनाथ
कुख्यात एवी प्रेमनाथ का शातिरपना देखकर आपको हिंदी फिल्मों के प्रेम चोपड़ा की याद आ जाए तो कोई बड़ी बात नहीं। एक नाबालिग युवती पर अपनी कामुक नजरे गड़ाए बैठे हवस के इस भेड़िए ने युवती पर दबाव बनाने के लिए उसकी मां तक को झूठे इल्जाम में जेल भिजवा दिया था। मां की जमानत के नाम पर ही यह प्रेमनाथ युवती पर दबाव बना रहा था। युवती की मां से इस प्रेमनाथ की मुलाकात तब हुई थी जब वह दिल्ली में चतुर्थ श्रेणी पद पर अस्थाई तौर काम कर रही थी, और इस प्रेमनाथ की पोस्टिंग उसी कार्यालय में हुई थी। इसके बाद जब यह अधिकारी दिल्ली सफाई आयोग गया तो प्रेमनाथ ने इस महिला की भी वहां दिसंबर 2019 को नौकरी लगवाकर अपने ऑफिस में अटैच कर लिया था। प्रेमनाथ ने जब अपनी पत्नी के नाम पर रानीखेत के टांड़ा कांड़ा मछखाली में जमीन खरीदी तो यहां प्लीजेंट वैली फाउंडेशन एनजीओ बनाकर आस पास की तमाम सरकारी जगह भी कब्जा ली। पद और पैसे की धौंस से इसने इस जमीन के एक हिस्से पर स्कूल बनाकर बाकी और घेरी हुई सरकारी जमीन को अपनी ऐशगाह बना लिया। कोरोना के दौरान प्रेमनाथ इसी महिला और उसकी नाबालिग बेटी का पास बनवाकर यहां लेकर आ गया। इसके बाद इस अधिकारी ने एक झूठे मामले में इसकी माँ को जेल भेज दिया और उसके बाद माँ को जेल से छुड़वाने के नाम पर युवती पर संबंध बनाने को लेकर लगातार दबाव बनाता रहा। आरोप है कि प्रेमनाथ का साफ कहना था कि अगर अपनी माँ को जेल से बाहर निकालना है तो जैसे वह कहता है, करना पड़ेगा। 23 फरवरी 2021 को भी प्रेमनाथ ने गाड़ी भेजकर युवती को बुलाकर नापाक हरकत करने की कोशिश की। इसके बाद माँ की जमानत के बहाने यह फिर रानीखेत लेकर आया और ऑफिस में छेड़छाड़ रेप की कोशिश की और कैमरों को बंद करवा दिया। पूरा मामला तब खुला जब इसकी माँ जेल से बाहर आई। माँ बेटी ने प्रेमनाथ की करतूतों का काला चिट्ठा इसी साल 17 जून को खोलने की नियत से मामले की शिकायत दर्ज करवाने की कोशिश की तो पता चला कि यह राजस्व क्षेत्र है, जिसका काम पटवारी ही देखता है। युवती की माँ ने पटवारी को शिकायत दर्ज की तो कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्हें किसी ने यह भी बताया कि स्थानीय पटवारी भी आरोपी से मिला हुआ है। तब इस मामले में माँ बेटी ने दिल्ली से आकर अल्मोड़ा डीएम से मुलाकात कर कार्रवाई की मांग की तो पूरे मामले में इस प्रभावशाली अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।