अलविदा जनरल रावत! अपने लाल से बिछुड़ते ही अवाक रह गया उत्तराखण्ड, सीएम ने बताया अभिवावक

Bipin Rawat Death: देश के प्रथम सीडीएस जनरल विपिन रावत व उनकी धर्मपत्नी की हैली हादसे में हुई दुखद मौत की खबर के साथ ही उनकी मातृभूमि सहित पूरा प्रदेश गहरे शोक व सदमें में चला गया। सोशल मीडिया पर लोग अपने जाबांज योद्धा को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

Update: 2021-12-08 15:32 GMT

Bipin Rawat Death: देश के प्रथम सीडीएस जनरल विपिन रावत व उनकी धर्मपत्नी की हैली हादसे में हुई दुखद मौत की खबर के साथ ही उनकी मातृभूमि सहित पूरा प्रदेश गहरे शोक व सदमें में चला गया। सोशल मीडिया पर लोग अपने जाबांज योद्धा को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्व. विपिन रावत को अपने अभिवावक के तौर पर याद करते हुए कहा कि "जनरल बिपिन रावत जी एक निष्ठावान और राष्ट्र के लिए सदैव समर्पित रहने वाले सैन्य अधिकारी थे। देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में उन्होंने अभूतपूर्व कार्य किए। उनका आकस्मिक निधन भारत और विशेष रूप से उत्तराखंड के लिए एक अपूरणीय क्षति है। मैं पूरे प्रदेश की ओर से शोकाकुल परिवार के लिए अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं तथा परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना करता हूं कि पवित्र आत्मा को अपने श्री चरणों में यथोचित स्थान दे। अपने शोक संदेश में धामी ने आगे लिखा कि

जनरल बिपिन रावत जी का निधन मेरे लिए एक निजी क्षति भी है। उन्होंने सदैव एक अभिभावक की तरह मेरा संरक्षण और मार्गदर्शन किया। एक सैनिक पुत्र होने के नाते मैं उनके परिवार पर आए इस कष्ट से परिचित हूं। इस अत्यंत दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं परिजनों के साथ हैं।

दूसरी ओर कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत ने सीडीएस जनरल विपिन रावत, उनकी पत्नी श्रीमती मधुलिका रावत व अन्य जवानों के दुःखद निधन पर गहरा शोक प्रकट करते हुए कहा कि ऐसे समय में जबकि देश आंतरिक व बाहरी मोर्चों पर कई परेशानियों से जूझ रहा है, जनरल विपिन रावत की मृत्यु का समाचार पूरे देश को झझकोरने वाला है। उनके असामयिक निधन ने न केवल उत्तराखण्ड ने अपना लाल खोया है, बल्कि देश ने एक बहादुर योद्धा भी खो दिया। ईश्वर समस्त दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करे तथा उनके परिजनों को सम्बल दे।

कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दुर्घटना का समाचार मिलते ही अपने सभी राजनैतिक कार्यक्रमों को तत्काल स्थगित कर दिया। वायु सेना द्वारा स्व. विपिन की मौत की पुष्टि के बाद रावत ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा "चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत नहीं रहे, यह अत्यधिक हृदय विदारक दु:खद व सारे देश को हिला देने वाली घटना है। हमारी गौरवशाली सेना के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत जी कुन्नूर तमिलनाडु में एम.आई.17 जो सबसे सुरक्षित हेलीकॉप्टर माना जाता है, उसके दुर्घटनाग्रस्त होने से कालकल्वित हो गये हैं। उनके साथ 14 और लोग जिनमें उनकी पत्नी श्रीमती मधुलिका रावत जी, ब्रिगेडियर एल.एस. लिद्दर जी, ले. क. हरजिंदर सिंह जी, नायक गुरसेवक सिंह जी, नायक जितेंद्र कुमार जी, लांस नायक विवेक कुमार जी, लांस नायक बी. साई तेजा जी, हवलदार सतपाल जी, 3 टेक्निकल टीम के सदस्य भी कालकल्वित हो गये हैं, यह बहुत दु:खद घटना है। भारत की महान सैन्य परंपरा के ध्वजवाहक जिन पर हम सबको गर्व है, उनको अकाल क्रूर काल ने हम सबसे छीन लिया है। जिसमें उनकी बहुत दु:खद मृत्यु हुई है जिसका हमें व सारे देश को गहरा आघात लगा है।"

रावत ने स्व. रावत के परिवार से जुड़े अपने रिश्ते को याद करते हुए लिखा "उनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत जी भी तीसरी जनरेशन में सेना में थे। एक गौरवशाली सैन्य अधिकारी रहे और उप थल सेनाध्यक्ष रहे और हमारे उनसे घनिष्ठ पारिवारिक रिश्ते थे। देश की इस महान दु:ख की घड़ी में जनरल बिपिन रावत का जाना उत्तराखंड के लिए एक पारिवारिक त्रासदी भी है। जनरल रावत उत्तराखंड के महान सपूत हैं, उनका सपत्नी इस तरह चले जाना अत्यधिक दु:खद है। उत्तराखंड व देश अपने इस महान सपूत को नतमस्तक होकर श्रद्धांजलि अर्पित करता है। भगवान उनकी, उनके साथ स्वर्गवासी हुई उनकी पत्नी और उनके सहयोगियों की आत्मा को शांति प्रदान करें। हम सब उनके शोक संतप्त परिवार हैं। मेरी हार्दिक संवेदनाएं उनके आत्मीयजनों के साथ है।"

वामपंथी नेता व भाकपा माले के गढ़वाल प्रभारी इन्द्रेश मुखैरी ने हैली चॉपर हादसे में स्व. विपिन रावत की पत्नी व अन्य सहयोगियों सहित मौत पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतको के परिवारों प्रति गहरी संवेदनाएं प्रकट की। श्री मैखुरी ने इस हादसे व देश के सर्वोच्च सैन्य अधिकारी की इस तरह मृत्यु को बेहद त्रासद एवं अत्यंत गंभीर बताते हुए कहा कि वायु सेना द्वारा घोषित जांच में निश्चित तौर पर यह स्पष्ट होना चाहिए कि चूक किस स्तर पर हुई, जिससे यह भयावह हादसा हुआ।

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