Dehradun news : देहरादून से लेकर सुदूर पहाड़ और तराई में गूंजी हैलंग की आवाज, दर्जनों जगह घसियारी उत्पीड़न कांड के खिलाफ प्रदर्शन

Protest Against Helang Kand : अगस्त महीने के पहले दिन सोमवार को आज चमोली जिले के हैलंग गांव में घसियारी महिलाओं के साथ हुए दुर्व्यवहार की गूंज पूरे प्रदेश में सुनाई दी।

Update: 2022-08-01 18:36 GMT

Protest Against Helang Kand : अगस्त महीने के पहले दिन सोमवार को आज चमोली जिले के हैलंग गांव में घसियारी महिलाओं के साथ हुए दुर्व्यवहार की गूंज पूरे प्रदेश में सुनाई दी। हैलंग एकजुटता मंच के आह्वान पर प्रदेश के दर्जनों शहरों में अलग-अलग संगठनों ने विरोध-प्रदर्शन करते हुए सरकार को घटना की जांच के लिए अपने पांच सूत्रीय ज्ञापन भेजे। ज्ञापन में हेलंग की पांच सूत्रीय मांगों को अलावा संगठनों ने स्थानीय स्तर पर हिमाचल प्रदेश जैसा भूकानून लागू करने और वृक्ष संरक्षण अधिनियम में संशोधन कर पेड़ काटने की छूट का विरोध जैसी मांगी भी जोड़ी गई।


देहरादून में प्रदर्शन भूकानून संयुक्त संघर्ष मोर्चा और हेलंग एकजुटता मंच के बैनर तले हुए इस प्रदर्शन में उत्तराखंड महिला मंच, भारत ज्ञान विज्ञान समित, उत्तराखंड किसान सभा, सिटीजन फॉर ग्रीन दून, जन संवाद समिति, विकल्प सामाजिक संगठन, चेतना आंदोलन, जन हस्तक्षेप, युवा शक्ति संगठन, एनएपीएसआर, स्वराज अभियान, नेताजी संघर्ष समिति सहित दर्जनभर संगठन शामिल हुए। उत्तराखंड महिला मंच की अध्यक्ष कमला पंत ने महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई लगातार आगे बढ़ाने का संकल्प दिलाया।


इस मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से सात सूत्रीय मांग चमोली जिलाधिकारी को हटाने, हेलंग गुपचुप तरीके से जमीन टीएचडीसी को देने का षडयंत्र करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने, 15 जुलाई की घटना में शामिल पुलिस और सीआईएसएफ कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने, मलबा नदी के फेंकने के लिए टीएचडीसी पर मुकदमा करने और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटना की न्यायिक जांच करवाने के साथ ही हिमाचल प्रदेश जैसा लागू करने और पेड़ काटने की खुली छूट न दिये जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया।


इस मौके पर मुख्य रूप से प्रो. रवि चोपड़ा, कमला पंत, निर्मला बिष्ट, कमलेश खंतवाल, सतीश धौलाखंडी, अनुज पंत, सुरेन्द्र सिंह सजवाण, ऊमा भट्ट, हिमांशु अरोड़ा, रुचि सिंह, जया सिंह, चंद्रकला, हेमलता, शांता नेगी, शंकर गोपाल, शांति सेमवाल, कमलेश्वरी बडोला, वरिष्ठ पत्रकार त्रिलोचन भट्ट, रजनी नेगी, रीना थापा, आरिफ खान, प्रेमलता बलूनी, प्रभात डंडरियाल, मनीष पांडे, धीरज मेहरा, सुनीता नेगी, विपिन गैरोला, शंकुंतला, सतेश्वरी, राजबाला, नीमा देवी सेमवाल, राजेश्वरी नेगी, शांति रावत, रचना, विनीता, शकुंतला, आदि ने हिस्सा लिया।


बागेश्वर के गरुड़ में उत्तराखंड क्रांति दल ने ज्ञापन भेजा। जबकि जिले में सामा में हेलंग आन्दोलन के पक्ष में तहसीलदार सामा-कपकोट के माध्यम से ज्ञापन भेजा गया। बागेश्वर में उपजिलाधिकारी के माध्यम से सवाल संगठन, उत्तराखंड क्रांति दल, वन पंचायत सरपंच संगठन द्वारा संयुक्त ज्ञापन भेजा गया।


धुमाकोट में तहसील में प्रदर्शन कर उपजिलाधिकारी के माध्यम से प्रदेश के मुखिया को ज्ञापन दिया गया। सल्ट (अल्मोड़ा) में रचनात्मक महिला मंच ने हेलंग एकजुटता मंच के आह्वान पर 5 सूत्री मांगों को लेकर उप जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया।

मसूरी में सिया चौहान आदि ने हैलंग घटना के विरोध में ज्ञापन दिया।


नैनीताल के डांठ व मुख्य बाजार इलाके में जुलूस के दौरान नुक्कड़ सभाएं करते हुए पहाड़ फाउंडेशन के कई कार्यकर्ता व उत्तराखंड लोकवाहिनी के वरिष्ठ नेता तथा पत्रकार राजीव लोचन शाह के नेतृत्व में कुमाउं कमिश्नर दीपक रावत को ज्ञापन सौंपकर उनके साथ हैलंग का दर्द साझा किया गया।


सुदूर पिथौरागढ़ शहर में जिलाधिकारी पिथौरागढ के मध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। पिथौरागढ़ के इस कार्यक्रम में हेमा देवी, सुनीता, साजिया बेगम, तारा देवी, अनवरी बेगम, भागीरथी देवी, इंद्रा देवी, कमला देवी, खीम जैठी आदि शामिल हुए तो मुनस्यारी में भी हैलंग का दर्द दिखाई दिया।

रुद्रपुर में हैलंग एकजुटता मंच के तत्वाधान में हेलंग की घटना के विरोध में तथा राज्य में वन अधिकार कानून 2006 को तत्काल लागू किया करने की मांग को लेकर जिलाधिकारी रुद्रपुर युगल किशोर पंत के माध्यम से मुख्यमंन्त्री उत्तराखंण्ड को ज्ञापन भेजा गया।


चम्पावत के टनकपुर में हैलंग एकजुटता मंच की ओर से एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंन्त्री के लिए ज्ञापन भेजा गया।

उत्तरकाशी में हैलंग की दुर्भावनापूर्ण घटना के विरोध में उत्तरकाशी के जागरूक व समाज के प्रति जिम्मेदार लोगों ने घटना में लिप्त अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार को ज्ञापन दिया। यहां किसान नेता चतर सिंह, रमेश कुड़ियाल, दिनेश सेमवाल, दीपक रमोला, बुद्धि सिंह कुमाई, प्रताप पोखरियाल, तरुण बिजलवाण, प्रताप सिंह बिष्ट, कल्पना ठाकुर, संदीप उनियाल, अब्बल सिंह असवाल, फूल सिंह, दिनेश भट्ट मौजूद रहे।


कर्णप्रयाग में प्रदर्शन के बाद हेलंग के मसले पर ज्ञापन उपजिलाधिकारी, कर्णप्रयाग के मार्फत मुख्यमंत्री को भेजा गया। हैलंग की महिलाओं से घास छीनने, उन्हें छह घंटे हिरासत में रखने और डेढ़-दो साल की बच्ची को एक घंटे तक कस्टडी में रखने वाले सीआईएसएफ़ और पुलिस कर्मियों को निलंबित कर, उनके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही करने, पूर्वाग्रह से ग्रसित हो कर उत्पीड़ित महिलाओं के विरुद्ध अभियान चलाने वाले चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना को तत्काल उनके पद से हटाये जाने और पहली बार जिलाधिकारी नियुक्त होने के बाद ऐसी पूर्वाग्रह युक्त कार्यवाही करने को ध्यान में रखते हुए उन्हें किसी सार्वजनिक पद पर नियुक्त न करने की मांग की गयी। साथ ही वन पंचायत नियमावली व वनाधिकार कानून 2006 का उल्लंघन करके ली गयी वन पंचायत की तथाकथित स्वीकृति को रद्द करने और इस अवैध अनुमति को आधार बना कर पेड़ काटने वालों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही करने की भी मांग की गयी। इसके अलावा ग्राम सभा से गुपचुप ली गयी तथाकथित अनुमति को भी निरस्त करने, टीएचडीसी के विरुद्ध मलबा नदी में डालने और पेड़ काटने के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर वैधानिक कार्यवाही करने टीएचडीसी व अन्य परियोजना निर्माता कंपनियों के कामों की जनता की भागीदारी के साथ मॉनिटरिंग (अनुश्रवण) की व्यवस्था किए जाने की मांग भी उठी।


हेलंग प्रकरण की जांच उच्च न्यायालय के सेवारत अथवा सेवानिवृत न्यायाधीश से करवाये जाने जैसी मांगों को लेकर दिए गए ज्ञापन के समय इन्द्रेश मैखुरी, किशन सिंह बिष्ट, धन सिंह बिष्ट, प्रेम सिंह कंडवाल, राकेश लाल, शांति प्रसाद मैखुरी, अंशी देवी, अरविंद चौहान, हर्ष बल्लभ थपलियाल, मुन्ना रावत, देवेंद्र सिंह, सुभाष चंद्र आदि मौजूद रहे।

अल्मोड़ा में हेलंग मामले पर सख्त कार्रवाई और प्लीज एंड वैली को जब्त करने की मांग के साथ उत्तराखंडी अस्मिता के लिए संघर्षरत ताकतों द्वारा गठित हेलंग एकजुटता मंच के आव्हान पर गांधी पार्क अल्मोड़ा में धरना प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन में डांडा कांडा (हवालबाग) अल्मोड़ा में सरकारी जमीनों पर कब्जा करने के साथ अपराध, अराजकता का केंद्र बन चुके प्लीज एंड वैली फाउंडेशन को सरकार के पक्ष में जब्त करने की मांग भी की गई।


उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि 15 जुलाई को हेलंग में हुई घटना उत्तराखंड के हर क्षेत्र में रोज हो रही घटनाओं का चरम बिंदु है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पिछले 22 वर्षों में यहां की सरकारों और राजनीतिक दलों ने प्राकृतिक संसाधनों की पूंजीपतियों, माफियाओं व सरकारी, गैर सरकारी कंपनियों के पक्ष में निर्मम लूट की है जिससे उत्तराखंडी अस्मिता खतरे में है। जिसके खिलाफ निर्णायक संघर्ष शुरू करने का वक्त आ गया है।

किसान सभा व सीपीएम के नेता दिनेश पांडे ने कहा की हेलंग को लेकर पूरे प्रदेश में संघर्षशील ताकतों की एकजुटता एक बदलाव का संकेत दे रही है। ग्रीन हिल ट्रस्ट की नेत्री डॉ. वसुधा पंत ने कहा की हेलंग की घटना उत्तराखंडी अस्मिता पर हमला है और एक जनांदोलन है जिसमें सबकी भागीदारी जरूरी है। इस कार्यक्रम में उछास के दीपांशु पांडे, रेनुका, चंपा सुयाल, हेमा पांडे, प्रेम सिंह नेगी, नंदाबल्लभ उप्रेती, आनंद राम, सबाना, नीता टम्टा समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल थे।


भिकियासैण में भी उप जिलाधिकारी भिकियासैंण के माध्यम से अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद सिंह नेगी के नेतृत्व में ज्ञापन दिया गया। यहां ज्ञापन देने वालों में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी प्रयाग दत्त शर्मा, अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला संयोजक श्याम सिंह, एडवोकेट मोहन कोली, हरीश चंद्र पांडे, रमेश आदि सम्मिलित रहे।

भीमताल में हैलंग मुद्दे पर ज्ञापन देने पहुंचे कार्यकर्ताओं ने मुख्य विकास अधिकारी की अनुपस्थिति में कार्यालय में ज्ञापन दिए जाने की औपचारिकता पूरी की। जिसमें वन पंचायत अधिकार संघर्ष मोर्चा के तरुण जोशी, हेमा जोशी, शीला आर्य, लता आर्य, चंपा अलचौनी, बचुली देवी, रजनी वोरा, लता जंतवाल, दीपा जोशी, मंजू देवी आदि मौजूद रहीं।

रामनगर में भी हेलंग एकजुटता मंच के प्रदेशव्यापी आह्वान पर नगर के विभिन्न सामाजिक राजनैतिक संगठनों ने पांच सूत्रीय मांगों को लेकर उपजिलाधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन कर एसडीएम गौरव चटवाल के माध्यम से एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार रामनगर के विभिन्न सामाजिक राजनीतिक संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता एसडीएम कार्यालय के बाहर नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए।


धरना स्थल पर राज्य आंदोलनकारी उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रभात ध्यानी के संचालन में हुई सभा में हेलंग चमोली गढ़वाल का दौरा कर लौटे मुनीष कुमार, ललिता रावत ने टीएचडीसी कंपनी एवं औद्योगिक केंद्रीय सुरक्षा बल के द्वारा की गई अभद्रता के बारे में बताया कि टीएचडीसी कंपनी किस तरह से शासन प्रशासन से मिलकर स्थानीय लोगों का उत्पीड़न कर रही है। इस अवसर पर ललित उप्रेती, मनमोहन अग्रवाल, तुलसी छिम्बाल, कौशल्या, पान सिंह नेगी, नवीन नैथानी, चिंताराम, सरस्वती जोशी, रवि, महेश जोशी, किशन शर्मा, लालमणि, गोपाल असनोड़ा, राजेंद्र सिंह, प्रियांशु, चेतन जोशी, उषा पटवाल, प्रेम राम, दुर्गा देवी, मंजू, संतोषी देवी, शाइस्ता, मुनीष कुमार, ललिता रावत, प्रभात ध्यानी आदि मौजूद रहे।


टिहरी में हैलंग एकजुटता मंच की ओर से जिलाधिकारी गढ़वाल को ज्ञापन देने वालों में भाकपा माले के जयप्रकाश पाण्डेय, साहब सिंह सजवाण, अरण्य रंजन, एएस बेलवाल, प्रभा रतूड़ी आदि मौजूद रहे। इसके अलावा चोखुटा वन पंचायत ने वृक्षारोपण कार्यक्रम के माध्यम से अपना विरोध और हेलन के समर्थन में मुख्यमंत्री को ज्ञापन मेल किया गया तो कोकिलबना और बडेत में भी हेलंग की घटना के विरोध में बैठके आयोजित करने और ज्ञापन दिए जाने की खबर है।

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