Haridwar News: अब हरिद्वार जिले में लगा भाजपा को झटका, सुबोध ने थामा बसपा का दामन
Haridwar News: उत्तराखंड के जनपद हरिद्वार की भगवानपुर विधानसभा सीट पर ही नही बल्कि समूचे जनपद में अपना राजनीतिक वजूद रखने वाले सुबोध राकेश की भाजपा को अलविदा कहने की अटकलों को आज विराम लग गया है।
Haridwar News: उत्तराखंड के जनपद हरिद्वार की भगवानपुर विधानसभा सीट पर ही नही बल्कि समूचे जनपद में अपना राजनीतिक वजूद रखने वाले सुबोध राकेश की भाजपा को अलविदा कहने की अटकलों को आज विराम लग गया है। रविवार को सुबोध ने बसपा के स्टेट हेड के सामने उनके गाज़ियाबाद स्थित घर पर बसपा में अपनी वापसी कर ली है। बसपा के राज्य प्रभारी के मुताबिक शीघ्र ही उन्हें भगवानपुर विधानसभा का प्रत्याशी घोषित किया जाएगा।
बसपा के वरिष्ठ नेता उत्तराखंड प्रभारी शमशुद्दीन राईन ने गाज़ियाबाद स्तिथ अपने आवास पर सादे समारोह में प्रेसवार्ता के दौरान सुबोध राकेश के बसपा शामिल किए जाने के साथ ही भगवानपुर विधानसभा से शीघ्र ही प्रत्याशी बनाए जाने की घोषणा का इशारा किया। शमशुद्दीन राईन के मुताबिक उत्तराखंड में 2022 में बसपा किंगमेकर की भूमिका में उभरेगी। बिना बसपा के उत्तराखंड में किसी भी दल की सरकार नही बनेगी।
राकेश परिवार का हरिद्वार की राजनीति में खासा हस्तक्षेप माना जाता है। सुबोध राकेश के बड़े भाई स्व. सुरेन्द्र राकेश बसपा से दो बार विधायक रहे हैं। 2012 में वह बसपा कोटे से उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट का हिस्सा रहे। उनके निधन के बाद खाली हुई सीट के उपचुनाव में स्व. सुरेंद्र की पत्नी ममता राकेश निर्वाचित हुई थी। जिन्होंने बाद में कांग्रेस पार्टी जॉइन कर ली थी। जबकि भाई सुबोध राकेश ने भाजपा की सदस्यता ले ली थी।
बसपा राज्य प्रभारी ने सुबोध के पार्टी में शामिल होने पर उनका स्वागत करते हुए कहा कि सुरेंद्र राकेश के निधन से उत्तराखंड में बसपा व राज्य की जनता खासकर दलित समाज को बड़ी राजनीतिक हानि हुई थी। वह दलित समाज के बड़े नेता थे। दलित समाज उनकी एक आवाज पर उनके साथ खड़ा था। सुबोध राकेश भी अपने बड़े भाई के नक्शे-कदम पर चल रहे हैं उनके पार्टी में आने से पूरे जनपद हरिद्वार में ही नही बल्कि प्रदेश में बसपा का जनाधार बढ़ेगा।
बसपा में शामिल होने के बाद सुबोध राकेश ने बहन कु: मायावती व तमाम बसपा परिवार का आभार जताते हुए कहा कि पार्टी ने जिन उम्मीदों के साथ उनपर विश्वास जताया है वे उनपर खरा उतरेंगे। वह बसपा में शामिल नही हुए हैं बल्कि उन्होंने घर वापसी की है। बड़े भाई सुरेंद्र राकेश अपने दल बसपा से दो बार विधायक बने। क्षेत्र की अवाम व उनके दलित समाज की इच्छा, मंशा भी अपने घर यानी बसपा में ही शामिल होने की ही थी। आज उन्होंने अपने समर्थकों के साथ ही क्षेत्र की जनता की इच्छाओं को बसपा में शामिल कर पूरा किया है। सुबोध राकेश के अनुसार राज्य में इस बार के विधानसभा चुनाव में खण्डित जनादेश आ रहा है। बिना बसपा के कोई सरकार नही बनेगी।