Ramnagar News: नहीं लगा आदमखोर बाघ का शिकार बने युवक का कोई सुराग, बाघ पकड़ने को लगाए गए पिंजरे
Ramnagar News: शनिवार की शाम नेशनल हाइवे पर बाघ द्वारा चलती बाइक से उठाए गए युवक का शव घटना के दो दिन बाद भी बरामद नहीं हो पाया है। लंबा वक्त गुजर जाने के बाद अब इस युवक का शव बरामद होने की संभावनाएं भी क्षीण हो चली हैं।
Ramnagar News: शनिवार की शाम नेशनल हाइवे पर बाघ द्वारा चलती बाइक से उठाए गए युवक का शव घटना के दो दिन बाद भी बरामद नहीं हो पाया है। लंबा वक्त गुजर जाने के बाद अब इस युवक का शव बरामद होने की संभावनाएं भी क्षीण हो चली हैं। दूसरी ओर विभाग की ओर से हमलावर बाघ को पकड़ने के लिए इलाके में पिंजरे लगा दिए गए हैं। लेकिन बाघ अभी पकड़ से दूर है।
मालूम हो कि शनिवार की शाम अंधेरे में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 309 पर नैनीताल-अल्मोड़ा जनपद सीमा के निकट मोहान क्षेत्र में अमरोहा निवासी दो युवकों की बाइक पर एक बाघ हमला कर बाइक के पीछे बैठे एक युवक को उस समय अपने जबड़े में दबोचकर जंगल में ले गया था जब यह युवक अल्मोड़ा से वापस रामनगर की ओर आ रहे थे। वन विभाग द्वारा चलाए गए सर्च ऑपरेशन में पहले इस युवक का खून से लथपथ बैग और मोबाइल तथा रविवार को युवक का केवल एक हाथ ही बरामद हो सका था।
दूसरी तरफ रविवार को ही मोहान के ग्रामीणों ने भी इस हमलावर बाघ को पकड़ने के लिए नेशनल हाइवे पर जाम लगाया था। ग्रामीणों का इल्जाम था कि बाघ की वजह से उनके स्कूल जाने वाले बच्चों की सुरक्षा खतरे में पड़ी हुई है। बाघ की आवाजाही के चलते उनका जनजीवन त्रस्त हो गया है। ग्रामीणों के तेवर देखते हुए वन विभाग के अधिकारियों ने बाघ को जल्द पकड़ने की मांग की थी।
जिसके बाद सोमवार को बाघ प्रभावित इस इलाके में बाघ को पकड़ने के लिए विभाग की ओर से विभिन्न स्थानों पर पिंजरे लगा दिए गए हैं। इसके अलावा पशु चिकित्सकों के नेतृत्व में बाघ को बेहोश करने के लिए ट्रेंकुलाईज गन के साथ एक टीम ने भी सारा दिन बाघ की तलाश में पूरे क्षेत्र में भागदौड़ की लेकिन हमलावर बाघ का कोई सुराग नहीं लग सका। इसके अलावा बाघ द्वारा शिकार बनाए गए युवक के शव की तलाश में लगी वन विभाग की टीमों को भी लापता युवक का शव बरामद नहीं हो पाया है। घटना के दो दिन बाद भी युवक का शव न बरामद होने पर अब उसका शव मिलने की भी संभावनाएं क्षीण हो चली हैं।
हमलावर बाघ को लेकर बढ़ा संशय
एक ओर जहां हमलावर बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग पिंजरे लगा रहा है तो दूसरी ओर इस इलाके में हमलावर बाघ को लेकर संशय बना हुआ है। क्षेत्र में बाघ द्वारा हमला करने का पैटर्न इस इलाके से पहले ही एक हमलावर बाघिन को पकड़े जाने के बाद भी न बदलने से अब आशंका इस बात की भी जताई जा रही कि पकड़ी गई बाघिन निर्दोष तो नहीं।
बाइक सवार पर बाघ द्वारा हमला किए जाने का सिलसिला कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में तब हुआ था जब 16 जून को धनगढ़ी गेट के पास खलील अहमद नामक बाइक सवार मजदूर को बाघ ने मार दिया था। इसके एक हफ्ते बाद ही जब एक और बाइक सवार वनकर्मी को बाघ ने घायल किया तो वन विभाग ने धनगढ़ी से लेकर मोहान तक कैमरा ट्रैप लगाए गए। जिसमें एक बाघिन व उसके तीन बच्चे दिखाई दिए थे। इसी बाघिन को वन विभाग ने बीती आठ जुलाई को रेस्क्यू टीम ने पकड़कर रेस्क्यू सेंटर भेज दिया था। रेस्क्यू के दौरान इस बाघिन को जब पकड़ा गया था तो उसके तीन बच्चे भी मौके पर थे।
रेस्क्यू अभियान के दौरान टीम पर बाघिन और उसके गुस्साए बच्चों ने चार बार हमला करने की भी कोशिश की थी। इससे पहले इस क्षेत्र में एक भिखारी को भी बाघ ने अपना शिकार बनाया था। ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा था कि धनगढ़ी से लेकर मोहान तक यही बाघिन बाइक सवारों पर हमला कर रही थी। लेकिन इस बाघिन के पकड़े जाने के बाद भी बाइक सवार पर हमला करने का क्रम नहीं थमा है। इसी के साथ एक और बाघिन इसी इलाके में ट्रेस की गई है जो अपने दो बच्चों के साथ घूम रही है। ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि बाइक सवारों पर हमला करने का सिलसिला रेस्क्यू की गई तीन बच्चों वाली बाघिन ने नहीं बल्कि आजाद घूम रही दो बच्चों वाली बाघिन ने शुरू किया हो।
कैसे होगी शिनाख्त?
ऐसे में बड़ा सवाल है कि बाइक सवारों पर हमला करने वाली असली बाघिन की पहचान कैसे हो ? इस मामले में वन्य जीवों पर गहरा अध्ययन रखने वाले एक जानकर ने जनज्वार को बताया कि अटैक के दौरान हमलावर बाघ के बाल हमला करने वाली जगह टूटकर चिपक जाते हैं। ऐसे हुए तमाम हमलों की सीरीज में हमले का निशाना बनी बाइक पर हमलावर बाघिन के बरामद बालों के सैंपल को पकड़ी गई बाघिन के डीएनए से मिलान के लिए लैब टेस्ट के लिए भेजा जाएगा। इस प्रक्रिया से पकड़ी गई बाघिन के हमलावर होने न होने की पुष्टि हो जायेगी। यदि पकड़ी गई बाघिन हमलावर नहीं निकली तो उसे रिलीज करने पर भी विचार किया जा सकता है।