Uttarakhand Election 2022: अब शादी समारोह में हरीश रावत ने सेंकी टिक्की, देखें वीडियो
Uttarakhand Election 2022: उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव निबटते ही खुद मुख्यमंत्री बनने का शिगूफा छोड़कर कांग्रेस में घमासान मचाकर हरीश रावत अब शादी समारोह में टिक्की तलते नजर आ रहे हैं।
Uttarakhand Election 2022: उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव निबटते ही खुद मुख्यमंत्री बनने का शिगूफा छोड़कर कांग्रेस में घमासान मचाकर हरीश रावत अब शादी समारोह में टिक्की तलते नजर आ रहे हैं। चुनाव के बाद भी चुनावी मोड में एक के बाद एक कई घोषणाएं करके कांग्रेस पार्टी में प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू कर चुके रावत अब भी मीडिया की सुर्खियों में बने हुए हैं। कभी जलेबी बनाकर तो कभी चुनाव के बीच कबड्डी खेलने से लेकर तमाम कौतुक करने वाले हरीश रावत उत्तराखंड में चुनाव से पहले भी जहां फ्रंट फुट में बैटिंग कर रहे थे तो चुनाव निबटने के बाद भी वह अपने बयानों और हरकतों की वजह से सुर्खियों में हैं।
चुनाव के दौरान कांग्रेस के पूरे चुनावी अभियान को मुखिया होने के नाते उन्होंने न लगातार फ्रंट फुट पर रखा बल्कि बीच-बीच में अपनों के साथ ही विपक्षियों को भी राजनैतिक झटके देते रहे। लेकिन प्रदेश में मतदान समाप्त होने के बाद भी हरीश रावत जनादेश का जिन्न ईवीएम से बाहर निकलने से पहले ही एक के बाद एक घोषणा करते जा रहे हैं। मतदान के 3 दिन में बैक टू बैक हरीश रावत सरकार बनते ही तीन योजनाएं तत्काल शुरू करने की बात कह चुके हैं। जिसमें घसियारी महिलाओं को पेंशन देने की योजना, मंगल गीत गाने वाले महिलाओं को अट्ठारह सौ रुपए पेंशन, मुंडन संस्कार करने वाले पुरोहितों के लिए पेंशन शामिल हैं।
हरीश रावत की इन घोषणाओं को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जहां मुंगेरीलाल के हसीन सपने बता रही है तो खुद हरीश रावत प्रदेश में चार दर्जन के आस-पास सीटें मिलने का दावा करते हुए अपने मुख्यमंत्री बनने की ही घोषणा कर रहे हैं। यह बात भी गौर करने लायक है कि उनकी खुद की पार्टी कांग्रेस के नेता-प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत उनकी मुख्यमंत्री बनने वाली घोषणा का प्रतिवाद कर रहे हैं। रावत ने तो द्वारिकाप्रसाद माहेश्वरी की "होता यदि मैं किन्नर नरेश तो राज महल में सोता, सोने का सिहासन होता सर पर मुकुट चमकता…" के काव्य पाठ के माध्यम से हरीश रावत के बयान को कपोल-कल्पना बता दिया।
लेकिन इस सबसे बेफिक्र हरीश रावत इसके बाद हल्द्वानी के एक विवाह समारोह में लोगों को टिक्की तलकर खिलाते हुए दिखाई दिए। जहां वह स्टॉल पर खड़े होकर खुद टिक्की तलते हुए लोगों को टिक्की परोसने लगे। इसके अलावा हल्द्वानी में ही वह एक चाय की दुकान में बन्द-मक्खन खिलाते भी नजर आए। हरीश रावत की यह अदा कोई नई नहीं है। इससे पहले भी हरीश रावत कभी जलेबी बनाने तो कभी कोई और कौतुक करते रहे हैं। लेकिन उनका हर कौतुक तब ही होता है, जब वह कोई तीर किसी बड़े निशाने पर लगा चुके होते हैं। इस बार भी ऐसा ही है।