Uttarakhand News: उत्तराखंड में सूचना आयुक्त पद पर हुई राज्य वरिष्ठ पत्रकार की तैनाती
Uttarakhand News: उत्तराखंड के वरिष्ठ जनपक्षीय पत्रकार एवं राज्य आंदोलनकारी योगेश भट्ट को उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश का नया सूचना आयुक्त बनाया है। इस संबंध में प्रभारी सचिव सुरेंद्र नारायण पांडे की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है।
सलीम मलिक की रिपोर्ट
Uttarakhand News: उत्तराखंड के वरिष्ठ जनपक्षीय पत्रकार एवं राज्य आंदोलनकारी योगेश भट्ट को उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश का नया सूचना आयुक्त बनाया है। इस संबंध में प्रभारी सचिव सुरेंद्र नारायण पांडे की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है। ये आदेश 25 नवंबर को जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बनी चयन समिति ने शासन को प्राप्त आवेदनों के आधार पर उनका चयन किया है। समिति में नेता प्रतिपक्ष यशपाल और कैबिनेट मंत्री चन्दनराम दास शामिल थे।
बैंक कालोनी अजबपुर कलां देहरादून निवासी योगेश भट्ट की गिनती सक्रिय राज्य आंदोलनकारियों में की जाती है। साथ ही वह पत्रकारिता के क्षेत्र में भी जाने पहचाने नाम हैं। कई बड़े प्रिंट मीडिया में उन्होंने अपनी सेवाएं दी हैं । पत्रकारिता के दौरान उनकी पहचान एक आरटीआइ कार्यकर्ता के रूप में भी रही। सूचना अधिकार (आरटीआई) के तहत विभिन्न मामलों की सूचना पर आधारित उनकी कई खबरों ने प्रदेश की सरकारों को जनपक्ष की ओर जाने के लिए मजबूर किया। उत्तराखंड राज्य आन्दोलन में काफी सक्रिय रहे योगेश भट्ट उत्तरांचल प्रेस क्लब में अध्यक्ष और महामंत्री जैसे कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रह चुके हैं। उनकी इस नियुक्ति से पत्रकार जगत और जनपक्षधर लोगों में खुशी का माहौल है।
इस नियुक्ति पर डॉ. एसपी सती की यह त्वरित टिप्पणी करते हुए लिखा कि श्री योगेश भट्ट की सूचना आयुक्त के पद पर नियुक्ति जेठ की तपती दुपहरी में सल्ल से ठंडी हवा का झौंका जैसा है। जब हर तरफ अयोग्यताओं का बोलबाला हो, जहां हर तरफ अराजकता पसरी हो, वहां योगेश को इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया जाना कुल मिला कर सरकार के प्रति सकारात्मक माहौल बनने का एक कृत्य माना जा सकता है।
वरिष्ठ पत्रकार त्रिलोचन भट्ट ने योगेश से अपनी पहली मुलाकात को याद करते हुए लिखा है, "शायद यह मुलाकात 7 नवम्बर 1995 को श्रीयंत्र टापू पर श्रीनगर में तब हुई थी जब वह वहां राज्य आंदोलन के तहत चल रहे अनशन में हिस्सा लेने के लिए आए थे। उनकी उम्र तब बाइस तेईस साल रही होगी जब का दस नवंबर को हम सबको पुलिस ने बर्बर तरीके से पीटकर सहारनपुर जेल में ठूंसा गया। इसी जेल में मेरी योगेश के प्रति अवधारणा और पुख्ता हुई कि यह लड़का चट्टान की तरह है। धमकियों से लेकर प्रलोभनों तक योगेश के पास जो पत्रकारिता के सैकड़ों अनुभव हैं, उनके दम पर योगेश सूचना आयुक्त के रूप में शानदार कार्य करेंगे।
एक्टिविस्ट और चकबंदी आंदोलन के कपिल डोभाल ने लिखा, राज्य आंदोलन के अग्रणी चिन्तक, राज्य हित के पथ प्रदर्शक, वरिष्ठ पत्रकार योगेश भट्ट जी को राज्य सूचना आयुक्त बनाना एक अभूतपूर्व फैसला है। अरुण नेगी ने लिखा, पहली बार सूचना आयुक्त ऐसे व्यक्ति बने हैं, जिनकी पत्रकारिता का कायल उत्तराखंड में हर विचारधारा से जुड़े लोग हैं। हम सब सरकार के इस कदम की प्रशंसा करते हैं। जयदीप सकलानी लिखते हैं, उत्तराखंड के नव नियुक्त सूचना आयुक्त भाई योगेश भट्ट को हार्दिक बधाई। सरकार द्वारा अब तक लिया गया सबसे बढ़िया फैसला। उम्मीद नहीं विश्वास है, योगेश की काबिलियत पर। पत्रकार चारु तिवारी की राय में उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन के समय के साथी, प्रतिबद्ध पत्रकार, संवेदनशील व्यक्ति भाई योगेश भट्ट जी को उत्तराखंड का मुख्य सूचना आयुक्त बनाया गया है. यह खबर इसलिए सुखद और उम्मीद जगाने वाली है कि एक जनसरोकारी और विषयों की समझरखने वाले व्यक्ति को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है। मूल रूप से चमोली जनपद के निवासी योगेश भाई का लंबा समय पत्रकारिता में बीता है। उन्हें उत्तराखण्ड के उन पत्रकारों में माना जाता है जो जनता के सवालों को पूरे तथ्यों और आंकड़ों के साथ रखते रहे हैं. उनकी कई रिपोर्ट काफी चर्चित रही हैं। उन्होंने विभिन्न मीडिया हाउसों में महत्वपूर्ण दायित्व निभाने के अलावा पोर्टल और सोशल मीडिया में भी प्रभावी दखल दिया है। उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हमारे लिए हमेशा गर्व की बात है कि वह मेरे साथ पंचेश्वर से उत्तरकाशी तक जन संवाद यात्रा में शामिल रहे। बागेश्वर में जिला प्राधिकरण के खिलाफ, गैरसैण में स्थाई राजधानी के आंदोलन, नैनीसार जैसे आंदोलनों में हम साथ रहे।
वैसे यह दुर्भाग्य ही रहा कि इन पंक्तियों के लेखक का भट्ट जी पुराना परिचय नहीं रहा। लेकिन दस साल पहले साल 2012 में देहरादून (तब देहरादून से प्रकाशित) जनवाणी कार्यालय में हुई पहली मुलाकात के बाद से जितना उन्हें जानने का प्रयास किया, वह उससे अधिक गहराई में दिखे। जनवाणी से मुक्त होने के बाद भट्ट जी ने औपचारिक तौर पर किसी और संस्थान को ज्वाइन नहीं किया। लेकिन सोशल मीडिया पर उनकी पैनी कलम की धार से निकले शब्द कई अखबारों की सुर्खियों में बने रहे। निसंदेह योगेश भट्ट को सूचना आयुक्त के रूप के कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। लेकिन पहले भी कई चुनौतियों का सफल सामना करने वाले योगेश भट्ट से उनके साथियों को पूरी उम्मीद है कि वह अपने उन्हीं ताप तेवरों के साथ अपनी इस नई पारी की जिम्मेदारी निभाने में सफल होंगे, जिसके लिए उन्हें जाना जाता है।