निजामुद्दीन मरकज से छत्तीसगढ़ लौटे 159 जमातियों की लिस्ट में 108 निकले हिंदू, उच्च न्यायालय ने जांच के दिए आदेश
लॉकडाउन के दौरान निज़ामुद्दीन इलाक़े में तब्लीग़ी जमात के मुख्यालय में फंसे लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की ख़बर जब सामने आई तो देश के दूसरे राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ सरकार ने भी तबलीग़ी जमात की जाँच पड़ताल शुरु कर दी
जनज्वार। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को दिल्ली के निज़ामुद्दीन के तब्लीग़ी जमात मरकज़ से वापस लौटने वाले 52 व्यक्तियों का पता लगाने के लिए ‘गहन तलाशी अभियान’ शुरू करने का निर्देश दिया है. याचिकाकर्ता की, कथित रुप से निज़ामुद्दीन के तब्लीग़ी जमात मरकज़ से छत्तीसगढ़ लौटे जिन 159 लोगों की सूची के आधार पर अदालत ने यह आदेश जारी किया है, उसमें 108 ग़ैर-मुस्लिम हैं.
जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस गौतम भादुड़ी की पीठ ने गुरुवार को कोविड-19 से जुड़े कई मामलों की एक साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से की गई सुनवाई के बाद ये आदेश जारी किया.कोविड-19 से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान अदालत के समक्ष याचिकाकर्ता की ओर से यह जानकारी पेश की गई कि नई दिल्ली के निज़ामुद्दीन के तब्लीग़ी जमात मरकज़ में भाग लेने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य में लौटे लोगों की जाँच नहीं की गई है.
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याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि छत्तीसगढ़ लौटे 159 तब्लीग़ी जमात के सदस्यों में से केवल 107 व्यक्तियों का परीक्षण किया गया है, जिनमें से केवल 87 रिपोर्टें प्राप्त हुई हैं. इस प्रकार जिन 23 लोगों की परीक्षण रिपोर्ट प्रतीक्षित है और जिन 52 लोगों का परीक्षण ही नहीं हुआ है, अगर वे कोविड-19 से संक्रमित हुए तो वे छत्तीसगढ़ राज्य में कोविड-19 के विस्तार का कारण हो सकते हैं.इसके बाद अदालत ने तब्लीग़ी जमात के लापता 52 लोगों के लिये ‘सघन तलाशी अभियान’ चलाने और 23 लोगों की परीक्षण रिपोर्ट की स्थिति से अदालत को अवगत कराने का आदेश दिया.
अदालत के इस आदेश के बाद शाम होते ही सोशल मीडिया पर उन 52 लोगों की तलाश को लेकर बड़ी संख्या में लोगों ने सरकार को घेरना शुरु किया, जो कथित रुप से ‘लापता’ हैं.
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याचिकाकर्ता के वकील गौतम क्षेत्रपाल ने निज़ामुद्दीन के तब्लीग़ी जमात मरकज़ से छत्तीसगढ़ लौटे 159 लोगों की जो सूची बीबीसी मीडिया को उपलब्ध कराई है, उसमें 108 ग़ैर मुस्लिम हैं. इस सूची में सबका नाम, पता और सेलफ़ोन नंबर दर्ज है.
बीबीसी हिंदी के मुताबिक इनमें से अधिकांश लोगों का कहना था कि उनका तब्लीग़ी जमात या इस्लाम धर्म से कोई लेना-देना नहीं है. हालांकि सभी के सभी लोगों ने मार्च के दूसरे-तीसरे सप्ताह में दिल्ली की यात्रा की थी और दिल्ली से लौटने के बाद स्वास्थ्य विभाग के कहने पर होम क्वारंटीन में हैं. दिल्ली में मार्च के अंतिम सप्ताह में लॉकडाउन के दौरान निज़ामुद्दीन इलाक़े में तब्लीग़ी जमात के मुख्यालय में फंसे लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की ख़बर जब सामने आई तो देश के दूसरे राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ सरकार ने भी तबलीग़ी जमात की जाँच पड़ताल शुरु कर दी.
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राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 6 अप्रैल को राज्य में तब्लीग़ी जमात की एक सूची ट्वीट करते हुये लिखा, “सतर्कता और सावधानी से बड़ा कोई हथियार नहीं है. हमने #COVID-19 पर समय रहते कार्रवाई की. लॉक-डाउन समय पर किया और उसे सख़्ती से लागू किया. उसी का नतीजा है कि हमारे सारे टेस्ट नेगेटिव मिल रहे हैं. हम साथ मिलकर ही इस संकट से निपट सकते हैं.”ट्वीट के साथ जारी की गई सूची के अनुसार राज्य भर में तब्लीग़ी जमात के 107 लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया, जिसमें से 83 लोगों के परिणाम निगेटिव थे जबकि 23 लोगों की जाँच के परिणाम नहीं आये थे.
सतर्कता और सावधानी से बड़ा कोई हथियार नहीं है।
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राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव विशेषज्ञों का हवाला देते हुये कहते हैं कि हम संक्रमण के मामले में अमरीका से महीने भर पीछे हैं. इस तरह से देखें तो अप्रैल के अंत और मई के प्रथम सप्ताह तक संक्रमण के ऐसे मामले और बढ़ने की आशंका है. इसका तब्लीग़ी जमात से कोई लेना-देना नहीं है.