आपसी झगड़े में 12 साल की दलित बच्ची को घरवालों के सामने अगवा करने के बाद किया सामूहिक बलात्कार

Update: 2019-06-11 06:49 GMT

आपसी विवाद के चलते दलित लड़की के परिजनों से बलात्कार आरोपियों का झगड़ा हुआ तो बदला लेने के लिए सबके सामने अगवा कर ले गए 12 साल की बच्ची को, विरोध करने पर की मारपीट और किया बच्ची का सामूहिक बलात्कार....

अरविंद गिरि की रिपोर्ट

गोरखपुर, जनज्वार। उत्तर प्रदेश और अपराधों का तो लगता है जैसे चोली—दामन का साथ हो गया है। खासकर महिलाओं के साथ होने वाले अपराध यानी बलात्कार का तो यह पर्याय बनता जा रहा है और इंसानियत शर्मसार। मगर शासन—प्रशासन के कान में जूं नहीं रेंगती। एक तरफ तो बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे दिए जाते हैं और असलियत में महिला न बच रही हैं और न ही सुरक्षित हैं।

ऐसी ही एक घटना सामने आयी है उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में, जहां 7 जून को 6 लोगों ने 12 साल की दलित लड़की के साथ गैंगरेप किया। मगर बच्ची के परिजनों की शिकायत के बावजूद पुलिस द्वारा इस मामले को टरकाने की बात भी सामने आयी, बाद में मामला मीडिया में उठने के बाद घटना की रिपोर्ट दर्ज की गई।

मामले की जांच कर रही पुलिस के मुताबिक यह घटना अहिरौली बाजार थाने के अंतर्गत आने वाले एक गांव की है। हमने 6 में से 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और दो को भी जल्द ही पकड़ लिया जायेगा।

एसपी आरएन मिश्रा के मुताबिक '6 आरोपियों के खिलाफ POCSO एक्ट, एससी/एसटी एक्ट और आईपीसी के सेक्शन 376 (बलात्कार) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पीड़िता का मेडिकल टेस्ट भी किया गया है।'

वहीं गैंगरेप पीड़ित बच्ची के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने सामूहिक दरिंदगी की लिखित तहरीर को दरकिनार कर दुष्कर्म का मुकदमा हाटा कोतवाली में दर्ज किया है। बच्ची के शरीर पर कई जगह दरिंदगी के निशान थे। हम लोगों ने पहले नाजुक हालत में उसे पिपराइच सीएचसी में भर्ती कराया और उसके बाद थाने पहुंचे थे, मगर यहां भी हमें निराश होना पड़ा।

परिजनों के अनुसार इस मामले में पुलिस ने पहले आरोपियों को बचाने और लीपापोती करने का पूरा प्रयास किया। इतना ही नहीं शिकायत करने गये पीड़िता पक्ष को पहले थाने से भगा दिया गया, मगर क्षेत्रीय जनता के दबाव में हाटा क्षेत्राधिकारी रामप्रसाद और थानाध्यक्ष कोतवाली घटना की जांच करने गांव गये। ग्रामीणों द्वारा बच्ची के साथ हुए सामूहिक बलात्कार की पुष्टि के बाद दुष्कर्म की धारा में दर्ज हुए मामले को सामूहिक दुष्कर्म में तब्दील किया गया। इसके अलावा हरिजन एक्ट, पास्को एक्ट और 376 नारी लज्जा भंग और मारपीट में 6 नामजद व्यक्तियों पर पुलिस कप्तान कुशीनगर के आदेश पर मुकदमा हाटा कोतवाली में दर्ज किया गया।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, 7 जून को आरोपियों का नाली निर्माण को लेकर लड़की के परिवारवालों से झगड़ा हुआ था, जिसके बाद सरेआम दबंगई दिखाते हुए उसी शाम को आरोपी दलित बच्ची के परिजनों के सामने ही उसको उठा ले गए और सामूहिक बलात्कार किया। जब आरोपी बच्ची को जबरन उठाकर ले जा रहे थे तो परिजनों ने विरोध किया। विरोध करने पर आरोपियों ने दलित परिवार के साथ जमकर मारपीट की।

जिन चारा बलात्कार आरोपितों को पुलिस ने पकड़ा है उनमें चंदन प्रसाद, वीरु यादव, गौतम प्रसाद व जयवीर को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर दिया गया। मजिस्ट्रेट के सामने हुए बयान के बाद उनके आदेश पर इन चारों बलात्कार आरोपियों को जिला कारागार देवरिया भेज दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक गांव में आपसी विवाद के चलते दलित लड़की के परिवार वालों से आरोपियों का झगड़ा हुआ था, जिसके बाद परिवारवालों के सामने ही लड़की को उठा लिया और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। जब परिवारवालों ने इसका विरोध किया तो आरोपियों ने उन्हें भी पीटा। इस मामले में 8 जून को ही पीड़ित बच्ची की मां ने पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई और यह मामला 9 जून को दज किया गया।

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