UP के फतेहपुर में लॉकडाउन ड्यूटी पर तैनात दरोगा-सिपाही समेत 3 की यमुना में डूबने से हुई मौत, लाशें बरामद

Update: 2020-04-26 06:09 GMT

लॉकडाउन के दौरान नदी की सीमाओं से गांवों में घुस रहे लोगों की तलाशी पर निकले दरोगा समेत सिपाही और नाविक की डूबने से हुई मौत, घंटों की मशक्कत के बाद एनडीआरएफ की टीम को बरामद हुई लाशें...

जनज्वार, फतेहपुर। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के किशनपुर थाने में तैनात दरोगा दूसरे जनपदों से उनकी सीमा में लोगों के घुसने की सूचना मिलने पर कल 25 अप्रैल को निरीक्षण को निकले पुलिसकर्मियों की आंधी, तूफान आने पर नाव पलट गयी, जिससे नाविक समेत 2 पुलिसकर्मियों की यमुना में डूबकर मौत हो गयी और एक सिपाही तैरकर बाहर आ गया, जिससे उसकी जान बच गयी। आज 26 अप्रैल को एनडीआरएफ की टीम ने घंटों की खोजबीन के बाद लाशों को बरामद कर लिया है।

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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में शनिवार 25 अप्रैल की शाम आंधी, तूफान में यमुना नदी में नाव डूबने से दारोगा, सिपाही समेत तीन लोग समा गये। यमुना में डूबे सभी पुलिसकर्मी बांदा सीमा से कुछ लोगों के घुसने की सूचना मिलने पर नाव से तलाशी के लिए गए थे।

नाव पलटने की घटना की सूचना जब आला अधिकारियों को मिली तो हड़कंप मच गया। जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक समेत डीआईजी प्रयागराज भी घटनास्थल पर पहुंचे। गोताखोरों के जरिये सभी की तलाश की गयी।

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जानकारी के मुताबिक किशनपुर थाने में तैनात एसआई रामजीत कांस्टेबल शशिकांत के साथ लॉकडाउन का निरीक्षण करने के लिये निकले थे। निरीक्षण के दौरान वह यमुना के मुड्यन घाट पर नाव से सवार होकर बाँदा सीमा तक गए हुए थे। उन्हें कुछ लोगों के बाँदा जनपद से यमुना के रास्ते फतेहपुर जिले की सीमा में घुसने की सूचना मिली थी, जिसके बाद दरोगा रामजीत ने कुछ अन्य कांस्टेबलों को फ़ोन कर बुला लिया। पुलिस का अमला नाव में सवार होकर निरीक्षण कर रहा था, तभी अचानक मौसम खराब होने की वजह से आंधी व तेज तूफान आने से नाव नदी में ही पलट गई।

नाव पलटने से दरोगा रामजीत, सिपाही शशिकांत नाविक की डूबने से मौत हो गयी। घटना की सूचना मिलते ही डीएम संजीव सिंह, एसपी प्रशांत वर्मा सहित कई थानों का पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। लापता की तलाश में घंटों रेस्क्यू अभियान जारी रहा।

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सपी प्रशांत वर्मा कहते हैं, एक सिपाही निर्मल यादव जो नदी तैरकर बाहर निकल पाया है, बचा है। उसके अलावा घंटों तक कोई नहीं मिला था। एसपी का कहना है कि पुलिस टीम के साथ रहे नाविक की भी इस घटना में मौत हो गयी। खागा विधायक कृष्णा पासवान भी रेसक्यू अभियान चला रही टीम के साथ मौकास्थल पर मौजूद रहे।

मुना नदी में डूबे लोगों की तलाश के लिए स्थानीय गोताखोरों के अलावा पीएसी के गोताखोर भी लगाए गए थे। एनडीआरएफ की टीम को भी मौके पर बुलाया गया। जिले के आलाधिकारी और बड़ी संख्या में पुलिस के कर्मचारी मौके पर पहुंच गये। घंटों तलाश के बाद तीनों के शव बरामद किये गये। नदी में डूबे उपनिरीक्षक रामजीत भारती जौनपुर जिले के मछलीशहर के रहने वाले हैं, और सिपाही शशिकांत गाजीपुर जिले के खजुहा गांव के निवासी हैं। उपनिरीक्षक रामजीत का तबादला को सात महीने पहले फतेहपुर जनपद में हुआ था। फिलहाल तैनाती किशनपुर थाने में की गई थी।

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स मामले में जिले के पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा का कहना है कि नदी में डूबे उपनिरीक्षक रामजीत भारती और कांस्टेबल शशिकांत और नाविक रवि के शव बरामद कर लिये गये हैं।

पर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) राजेश कुमार ने रविवार को बताया कि शनिवार 25 अप्रैल को करीब चार बजे शाम को किशनपुर थाने में तैनात उपनिरीक्षक रामजीत सोनकर (52) हमराही सिपाही शशिकांत (25) व सिपाही निर्मल यादव के साथ लॉकडाउन के नियमों का पालन कराने के लिए गश्त पर यमुना नदी के किनारे गए थे। वहां तीनों ने नाविक रवि (27) को बुलाकर नौका के जरिये बांदा जिले की सीमा में गश्त के बाद करीब साढ़े छह बजे शाम को लौटते समय लखनपुर-जोरावर गांव के पास तेज आंधी और ओलावृष्टि के दौरान उनकी नौका असंतुलित होकर बीच जलधारा में पलट गई।

न्होंने बताया कि एक सिपाही निर्मल यादव करीब चार सौ मीटर पानी तैर कर बाहर निकल आया, किंतु उपनिरीक्षक रामजीत, सिपाही शशिकांत और नाविक रवि गहरे पानी में डूब गए।

एसपी ने बताया कि जाल डालकर गोताखोर रातभर तीनों की तलाश करते रहे, लेकिन बारह घण्टे की मशक्कत के बाद एनडीआरएफ के दल ने तीनों शव आज सुबह नौ बजे के करीब पानी से बरामद कर पाए हैं। तीनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और हादसे की जांच शुरू कर दी गयी है।

कुमार ने बताया कि एसआई मूलत: जौनपुर जिले के रहने वाले हैं, मगर उनका परिवार प्रयागराज में रह रहा है। सिपाही शशिकांत गाजीपुर जिले के कासमाबाद क्षेत्र और नाविक बिहार प्रान्त का रहने वाला है। नाविक एक मछली ठेकेदार के साथ में यहां काम करता था।

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