आधी रात को रो रहा था 3 माह का बच्चा तो मां ने चुप कराने के लिए काट दी जीभ

Update: 2019-11-08 14:36 GMT

एक महिला ने अपने 3 माह के मासूम बच्चे के साथ जो किया, उस पर सहज विश्वास करना बहुत मुश्किल लगता है, महिला ने आधी रात को अपने बच्चे को चुप कराने के लिए उसकी जीभ काट दी, और उसके बाद नदी में फेंक दिया...

जनज्वार। एक मां अपने मासूम बच्चे को चुप कराने के लिए प्यार भरी लोरियां सुनाने या फिर दुलारने के जीभ काट दे तो इसे क्या कहेंगे। लगेगा कि यह कोई काल्पनिक घटना है, भला कोई सगी मां अपने बच्चे की जीभ कैसे काट सकती है।

गर यह एकदम सच्ची घटना है। कर्नाटक के चिकमंगलुरु में एक महिला ने अपने 3 माह के मासूम बच्चे के साथ वो किया, जिस पर सहज विश्वास करना बहुत मुश्किल लगता है। 28 साल की इस महिला ने 5 नवंबर की आधी रात को अपने बच्चे को चुप कराने के लिए उसकी जीभ काट दी, जिससे उसकी मौत हो गयी।

पने बच्चे को मौत के घाट उतारने वाली इस महिला का नाम कमला है। बच्चे को मां द्वारा मौत के घाट उतारने के इस मामले का खुलासा तब हुआ जब चिकमंगलुरु के बेत्तादवारकेरे गांव के कुछ लोगों ने भद्रा नदी में एक बच्चे को तैरते हुए देखा। इसके बाद गांव वालों ने तुरंत पुलिस को फोन किया और इस घटना की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर 3 माह के मृत बच्चे तेजस की लाश बाहर निकाली।

हालांकि इससे पहले कमला अपने बच्चे तेजस के गुम होने की शिकायत पुलिस के पास दर्ज करा चुकी थी, ताकि उसका जुर्म साबित न हो पाये।

5 नवंबर की आधी रात को कमला का बच्चा तेजस जोर-जोर से रो रहा था। बच्चे के लगातार रोने की वजह से कमला का पारा बढ़ता जा रहा था। लग रहा था कि तेजस की तबीयत ठीक नहीं है। बच्चा लगातार रो रहा था और चुप होने का नाम नहीं ले रहा था। इससे कमला का गुस्सा आसमान पर पहुंच गया और उसने उसे चुप कराने के लिए उसकी जीभ काट दी। बाद में रातोंरात उसकी लाश भद्रा नदी में फेंक आयी।

मला ने पुलिस को फोन कर अपने बच्चे के गायब होने की शिकायत की थी। मासूम का शव बरामद होने के बाद पुलिस ने कमला को शिनाख्त के लिए बुलाया तो कमला ने बच्चे की पहचान अपने बेटे के तौर पर की, मगर जब पुलिस ने उससे कुछ सवाल पूछे तो वह घबरा गयी।

बाद में पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपने बेटे की जान लेने का सच कबूल किया। कमला ने पुलिस को बताया कि आधी रात को उसका बेटा बहुत तेज-तेज रो रहा था, चुप कराने पर भी जब चुप नहीं हुआ तो उसने उसकी जीभ काट दी। जीभ काटने के बाद बच्चे का रक्तस्राव रुक नहीं रहा था और उसकी मौत हो गयी। बच्चे की मौत के बाद उसने उसे भद्रा नदी में फेंक दिया, ताकि किसी को भी उस पर शक नहीं हो। दूसरे दिन अपने बच्चे के गायब होने की शिकायत भी पुलिस में कर दी।

पुलिस ने कमला को गिरफ्तार कर लिया है और उसके खिलाफ इंडियन पैनल कोड (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) के तहत केस दर्ज कर लिया है।

गौरतलब है कि ऐसा ही एक मामला उत्तराखण्ड के हरिद्वार में भी 5 नवंबर को सामने आया है। हरिद्वार के सर्वप्रिय विहार कालोनी में रहने वाली संगीता बलूनी ने भी अपने छह महीने के बेटे को गंगा में डुबोकर मार डाला। पुलिस ने इस मामले में हत्यारी मां को गिरफ्तार कर लिया है।

स तरह के मामलों में मनोचिकित्सक कहते हैं कि ऐसा हारमोन में आने वाले बदलाव के कारण भी हो सकता है, अन्यथा कोई भी मां अपने बच्चे के प्रति इतनी क्रूर नहीं हो सकती कि उसकी जान ही ले ले। इस तरह के कई मामलों की स्टडी के दौरान पाया गया है कि प्रसवोत्तर अवसाद के कारण महिलायें ऐसा कदम उठाती हैं, और घरवाले भी उनका इलाज नहीं कराते। अगर परिजन ध्यान दें तो महिलाओं को इस अवसाद से उबारा जा सकता है। प्रसवोत्तर अवसाद एक ऐसी स्थिति है जो बच्चे के जन्म के बाद होती है। इसमें माँ में गंभीर अवसाद के लक्षण दिखायी देते हैं और इसका कारण प्रसव के बाद का तनाव या हार्मोनल परिवर्तन होता है। ऐसे में यदि महिला का इलाज नहीं दिया गया तो तो प्रसवोत्तर अवसाद दिमाग पर गहरा असर डालता है और शायद कमला के केस में भी ऐसा ही कुछ हुआ होगा।

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