निर्भया को न्याय : देश में पहली बार एक साथ फांसी पर लटकाए गए 4 बलात्कारी

Update: 2020-03-20 05:31 GMT

निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले के चारों दोषियों को फांसी दे दी गई है. आज सुबह 5:30 बजे तिहाड़ जेल में इन चारों को फांसी पर लटकाया गया...

जनज्वार। निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले के चारों दोषियों को फांसी दे दी गई है. आज 20 मार्च को सुबह 5:30 बजे तिहाड़ जेल में इन चारों को फांसी पर लटकाया गया. इससे पहले बीती रात में चले ड्रामे के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फांसी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.

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पहले भी हो चुकी है एक साथ चार लोगों को फांसी

निर्भया केस के चारों गुनहगारों मुकेश, अक्षय सिंह, पवन और विनय को फांसी दी गई. ये चारों तिहाड़ जेल में बंद थे. ये पहला मौका नहीं है जब एक साथ चार लोगों को फांसी दी गई, इससे पहले भी एक बार ऐसा हो चुका है. इससे पहले 27 नवंबर 1983 को जोशी अभयंकर मामले में एक साथ चार लोगों को फांसी दी गई थी. जोशी अभयंकर मामला दस लोगों की हत्या से जुड़ा था. ये मामला इतना बड़ा था कि कोर्ट ने इस कृत्य के लिए चार दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी और चारों को पुणे की यरवदा जेल में फांसी दी गई थी.

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रेप के मामले में एक साथ चार को फांसी देने का ये पहला मौका

पहले चार लोगों को फांसी तो दी जा चुकी है, लेकिन ये पहला मौका है जब रेप के मामले में एक साथ चार लोगों को फांसी दी गई. रेप के मामले में पिछली बार फांसी 2004 में दी गई थी. पश्चिम बंगाल के धनंजय चटर्जी को फांसी दी गई थी. धनंजय ने 14 साल की लड़की की रेप के बाद बेरहमी से हत्या की थी. इसके बाद धनंजय को फांसी की सजा सुनाई गई थी. ये मामला 14 साल चला था. धनंजय को फांसी कोलकाता की अलीपुर जेल में दी गई थी. धनंजय को सुबह चार बजे जल्लाद ने फांसी पर लटका दिया था. इस काम को कोलकाता के जल्लाद नाटा मलिक ने अंजाम दिया था.

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