दिल्ली में खुरेजी से गिरफ्तार लोगों से मिलने गए वकीलों को जगतपुरी थाने में पुलिस ने पीटा

Update: 2020-02-26 12:37 GMT

जनज्वार। नई दिल्ली के जगतपुरी पुलिस स्टेशन में वकीलों के एक समूह को पुलिस ने पीटा। इस दौरान वकील कह रहे थे कि हमें उन बंदियों से मिलने दिया जाए जिन्हें पुलिस ने खुरेजी प्रोटेस्ट साइट से गिरफ्तार किया गया है। वकीलों का कहना है कि पुलिस ने हमें गिरफ्तार किए गए लोगों से नहीं मिलने दिया और हमारे वीडियो रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया और फिर हमें लाठियों से पीटा व फोन छीन लिया।

कीलों का कहना है कि एक पुलिस अधिकारी ने महिला वकीलों को धक्का देना शुरू कर दिया, इस पर हमारा विरोध किया और अधिक पुलिस हमें पुलिस स्टेशन के बाहर धकेलने में शामिल हो गई। घटना पर वकील प्रशांत दुबे ने बताया कि खुरेजी में सीएए के विरोध में कुछ लोगों को बिना कारण बताए पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद मेरे साथ कुछ सामाजिक कार्यकर्ता और वकील जगतपुरी थाने में खुरेजी में गिरफ्तार किए गए लोगों से मिलने के लिए गए।

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न्होंने आगे कहा कि हम लोग प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी का कारण पता करने के लिए गए थे। लेकिन जैसे ही हम थाने पहुंचे तो पुलिस ने ना तो हमें उन लोगों से बातचीत करने दी उल्टा पुलिस ने हम लोगों के ऊपर बल प्रयोग किया और कुछ लोगों को लाठियां भी मारी गई है। इसके अलावा पुलिस ने महिलाओं के साथ मारपीट करते हुए। उनके फोन छीनने की भी कोशिश की है। महिलाओं को मारते समय कोई भी महिला पुलिसकर्मी वहां मौजूद नहीं थी।

Full View दें कि दिल्ली की हिंसा में अब तक कम से कम 20 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 200 से ज्यादा घायल हुए हैं।जाफराबाद और मौजपुर में सोमवार को सीएए का समर्थन करने वाले और विरोध करने वाले समूहों के बीच संघर्ष ने सांप्रदायिक रंग ले लिया था और इसमें करीब 150 लोग घायल हुए थे। इलाके में तनाव कायम होने के चलते स्कूल बंद हैं और डर के कारण लोग भी घरों से बाहर नहीं निकले। उत्तर पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाके में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गई है, जिसके तहत चार या उससे ज्यादा लोगों के एक जगह इकट्ठा होने पर रोक है।

हीं बुधवार को दिल्ली हिंसा पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस मुरलीधर ने कहा कि स्थिति काफी खराब है। हमने सभी वीडियो देखे हैं। कई नेता भड़काऊ भाषण दे रहे हैं। वीडियो कई सारे न्यूज चैनलों पर मौजूद है। हाईकोर्ट ने सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता, डीसीपी (अपराध) से कहा कि क्या उन्होंने भाजपा नेता कपिल मिश्रा का कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण का वीडियो क्लिप देखा है? दिल्ली पुलिस का कहना था कि उसने कपिल मिश्रा का वीडियो नहीं देखा है जिसके बाद जज भड़क गए।

स्टिस मुरलीधर ने कहा कि हम पुलिस के रवैये से हैरान हैं। कोर्ट ने एसजी से पुलिस कमिश्नर को भड़काऊ भाषण देने वाले बीजेपी नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सलाह देने के लिए भी कहा। अलावा हाई कोर्ट ने अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा का भी वीडियो देखा।

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