महिला ने काले जादू में सिद्धी पाने के लिए बच्ची का खून पीकर उतार दिया मौत के घाट
ओडिशा के सुंदरगढ़ इलाके के आदिवासी बहुल गांव झुमका में अंधविश्वासी महिला ने काले जादू में सिद्धी पाने के लिए अपने पड़ोस की एक 4 साल की बच्ची का खून पीकर कर दी उसकी हत्या, बच्ची को तड़पता छोड़ भाग गयी घटनास्थल से...
जनज्वार। इक्कीसवीं सदी में जहां तमाम विकास के दावे किये जाते हैं, वहीं हमारा समाज अंधविश्वास की जद से बाहर निकलने को तैयार नहीं है। रोज-रोज ऐसी घटनायें सामने आती रहती हैं जो न सिर्फ इंसानियत को शर्मसार करती हैं, बल्कि अंधविश्वास के बढ़ते जाने का भी प्रत्यक्ष उदाहरण हैं।
जादू-टोने, डायन-बिसही के नाम पर कहीं किसी को जबरन मानव मल, मूत्र पिला दिया जाता है, तो कभी किसी की हत्या कर दी जाती है। हाल में अंधविश्वास के नाम ओडिशा में एक महिला ने 4 साल की बच्ची के साथ जो किया वह न सिर्फ नृशंसता की इंतहा है, बल्कि इंसानियत को शर्मसार करने वाला भी है। कालू जादू में सिद्धी पाने के नाम पर एक महिला ने बीते शनिवार यानी 19 अक्टूबर केा 4 साल की मासूम की जान लेकर उसका खून पी लिया।
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जानकारी के मुताबिक ओडिशा में एक अंधविश्वासी महिला ने काले जादू में सिद्धी पाने के लिए एक 4 साल की बच्ची की हत्या कर उसका खून पिया। यह मामला ओडिशा के सुंदरगढ़ इलाके के आदिवासी बहुल गांव झुमका का है। महिला ने यह जघन्य वारदात अपनी पड़ोसी के साथ अंजाम दी और फिर उसे तड़पती हुई हालत में छोड़कर घटनास्थल से भाग गयी।
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक झुमका गांव में इंद्राणी साध नाम की महिला की 4 साल की बेटी शनिवार 19 अक्टूबर को आंगनवाड़ी केंद्र से आने के बाद अपने घर के बाहर खेल रही थी और शाम को वह अचानक लापता हो गई। परिजनों और अन्य ग्रामीणों ने पूरे गांव में उसकी तलाश की, मगर बच्ची कहीं नहीं मिली। जब बच्ची की तलाश करते हुए आरोपी महिला के घर के पास ग्रामीण पहुंचे तो वहां मासूम बच्ची को बेहोशी की हालत में टिन के डिब्बे से बरामद किया गया।
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बच्ची की गर्दन और पेट पर चोट के निशान और खून के धब्बे थे। बच्ची की हालत देखकर परिजन उसे तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। बच्ची की मौत की सूचना के बाद पूरे गांव में तनाव फैल गया। प्रशासन ने तनाव को कम करने और किसी भी तरह की हिंसा को रोकने के लिए पूरे इलाके में दो जवानों के दो प्लाटून को तैनात कर दिया और आरोपी महिला को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया।
ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक महिला काले जादू के नाम पर तरह-तरह के कांड पहले भी करती रहती थी। बच्ची का खून भी उसने काले जादू के अभ्यास के लिए किया, ताकि उसे सिद्धियां प्राप्त हों। उसने बच्ची पर चाकू से वार किया और उसका खून पिया और उसके बाद उसे टिन के डिब्बे में बंद कर घर के पास छोड़ भाग गयी।
पुलिस हिरासत में हालांकि महिला ने इस बात से इंकार किया कि उसने बच्ची को मौत के घाट उतारा है। उसने पुलिस से कहा कि उसने बच्ची का खून नहीं पिया, उसे इस बारे में कुछ पता नहीं है। नवीन साहा जोकि इस जघन्य वारदात में सहआरोपी है, उसे उसने बच्ची की हत्या का आरोपी बताया। कहा कि शायद नवीन साहा उसे मारकर ले आया होगा। मुझे नहीं पता कि मेरे घर में बच्ची का शव कैसे मिला।'
वहीं बच्ची की हत्या में संलिप्त रहे नवीन साहा का कहना है कि 'मैंने बच्ची को नहीं मारा है, मैं इस घटना के बारे में कुछ भी नहीं जानता, मेरे घर पर मेरे बच्चे और मेरे परिवार के सदस्य मौजूद थे। उनसे भी जानकारी ले लो, मैं अपने घर पर ही मौजूद था।'