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6 साल का कुपोषित बच्चा गोलू बाबा बना तांत्रिक, रोग भगाने के लिए अंधविश्वासियों का लग रहा उसके घर पर तांता
6 साल के बच्चे के चमत्कारी होने के अंधविश्वास को फैलाने में शासन-प्रशासन भी पूरी तरह है उतारू, जहां पुलिस अधिकारी ले रहे उससे आशीर्वाद, वहीं भाजपा के स्थानीय विधायक संजय गुप्ता कहते हैं गोलू है दैवीय शक्तियों से भरा हुआ, गोलू बाबा के छूने से उनकी तकलीफ हो गयी है दूर
तांत्रिक बना दिये गये 6 साल के बच्चे गोलू के गांव बेरूई में डीएम और एसपी समेत तमाम दूसरे बड़े अफसर भी पहुंचे जांच करने, मगर भारी संख्या में अंधविश्वासी भीड़ को देखकर नहीं ले सके कोई भी फैसला
जनज्वार। 21वीं शताब्दी में जब पूरा विश्व विज्ञान और तर्क से परे कोई पाखंड या चमत्कार मानने के लिए तैयार नहीं है, तब उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी में अफवाह और अंधविश्वास ने छह साल के एक बच्चे को चमत्कारी मान लिया है।
कुछ दिनों पहले यह अफवाह फ़ैली कि छह साल का एक बच्चा जिसे भी छू लेता है, उसकी गंभीर से गंभीर बामारियां दूर हो जाती हैं। इस अफवाह को ऐसे पंख लगे कि इन दिनों बच्चे के घर पर रोज़ाना पांच से दस हजार की भीड़ अपना इलाज कराकर कथित रूप से बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए आ रही है। छह साल का गोलू अब गोलू बाबा बन चुका है। लोग उसकी एक झलक पाने और उसके हाथों का स्पर्श कराने के लिए रोते और तड़पते नज़र आते हैं। वैसे गोलू बाबा के पास आने वाले तमाम लोग गंभीर बीमारियों से ठीक होने का दावा भी कर रहे हैं।
प्रयागराज से सटे ज़िले कौशाम्बी के संड़वा सरैंया निवासी छह साल के गोलू को पुलिस ने नजरबंद कर लिया था, लेकिन बाद में दोबारा गांव लाया गया। इस बीच गोलू की तबीयत ठीक नहीं थी तो पुलिस की सुरक्षा में उसे जिला अस्पताल लाया गया। सीएमएस के चेंबर में गोलू को बैठाया गया। इसकी जानकारी होते ही अस्पताल की नर्स व अन्य लोग आशीर्वाद लेने पहुंच गए। मंझनपुर के इंस्पेक्टर सिपाही आदि ने भी गोलू से आशीर्वाद लिया।
एलआईयू के एक दरोगा ने भी आशीर्वाद लिया। सीएमएस के चेंबर में स्टाफ नर्स व अन्य कर्मचारी भी 'बालक बाबा' से आशीर्वाद लेते देखे गए। गोलू का सिटी स्कैन किया गया तो पता चला उसका वजन कम होता जा रहा है। उसका सिर भी बढ़ रहा है। डॉक्टर ने बताया कि खान-पान की कमी की वजह से गोलू का वजन पांच किलो कम हुआ है। परीक्षण के बाद पुलिस सुरक्षा में गोलू को उसके गांव ले जाया गया।
एक गरीब परिवार के छह साल के बच्चे गोलू सरोज ने तकरीबन दो महीने पहले यह दावा किया कि गांव के तालाब में जब वह गिर गया था तो उससे एक मछली ने आकर चुपके से कहा आज के बाद वह जिसे भी छू लेगा, वह पूरी तरह निरोगी हो जाएगा और उसकी गंभीर से गंभीर बीमारी भी दूर हो जाएगी।
खेल खेल में किये गए इस दावे को गोलू ने पहले तो अपने हमउम्र बच्चों पर आजमाया। जब गांव के कुछ बच्चों ने गोलू के छूने से ठीक होने की बात कही तो उसका यह दावा आसपास के गांवों में फैला। कुछ दिन तक तो दिन भर में सौ-पचास लोग ही गोलू बाबा से इलाज के लिए आते रहे, लेकिन पिछले एक महीने में बीमारी से ठीक होने की चाहत रखने वालों की भीड़ लगातार बढ़ती गई।
भीड़ की संख्या पहले सैकड़ों में पहुंची और फिर हज़ारों में। गोलू बाबा पहले स्कूल से आने के बाद दो-तीन घंटे लोगों को छूकर और बीमारी वाले हिस्से को दबाकर कथित तौर पर इलाज करते रह। कुछ दिनों बाद सैकड़ों की भीड़ उसके स्कूल में आकर जबरन क्लास रूम में भी घुसने लगी तो टीचर्स ने उसे स्कूल आने से रोक दिया। वह गांव के ही प्राइमरी स्कूल में दूसरी क्लास में पढ़ता था।
गोलू बाबा के स्पर्श के लिए उमड़ी भीड़
गोलू के गांव बेरूई में डीएम और एसपी समेत तमाम दूसरे बड़े अफसर भी मौके पर पहुंचे, लेकिन भीड़ के अन्धविश्वास को देखकर वह भी कोई फैसला नहीं ले सके। अफसरों को यह डर सता रहा है कि किसी तरह की सख्ती करने पर भीड़ हिंसा पर उतारू हो सकती है और उससे क़ानून व्यवस्था पर खतरा पैदा हो सकता है। गोलू का मेडिकल कराया गया है और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी से जांच कर रिपोर्ट देने को भी कहा है।
हद तो यह है कि 6 साल के बच्चे के चमत्कारी होने के अंधविश्वास को फैलाने में शासन-प्रशासन भी पूरी तरह उतारू है। जहां पुलिस अधिकारी उससे आशीर्वाद ले रहे हैं, वहीं बीजेपी के स्थानीय विधायक संजय गुप्ता कहते हैं कि गोलू दैवीय शक्तियों से भरा हुआ है। यही नहीं भाजपा विधायक खुद गोलू से आशीर्वाद लेने पहुंचे और दावा किया कि गोलू बाबा के छूने से उनकी तकलीफ दूर हो गयी। कौशाम्बी जिले की चायल सीट से भाजपा विधायक संजय गुप्ता भरोसा जताते हैं कि गोलू बाबा अपने चमत्कार से तमाम लोगों को ठीक कर देंगे।
वहीं जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आरके निर्मल कहते हैं, हमने गोलू का परीक्षण किया तो उसके शरीर में ऐसी कोई भी असामान्य चीज नजर नहीं आई जिसके स्पर्श मात्र से असाध्य रोग ठीक हो जाए। बच्चे की उम्र के मुताबिक उसका वेट काफी कम है। सिटीस्कैन से पता चला है कि बच्चे के सिर का आकार भी बढ़ा है। मेडिकल साइंस चमत्कारी बच्चे पर बिल्कुल भी यकीन नहीं करती है। चिकित्सीय जांच के आधार पर बच्चा एकदम सामान्य दूसरे बच्चों की तरह है।