जो जीवनभर लूटता रहा जल-जंगल-जमीन, कर्नाटक की भाजपा सरकार ने उसी को बना दिया वन मंत्री

Update: 2020-02-14 03:30 GMT

कर्नाटक की येदियुरप्पा सरकार ने अवैध खनन, वन अपराध समेत 15 मामलों के आरोपी को सौंपा वन, पारिस्थितिकी और पर्यावरण विभाग, भरपूर बल्लारी से चार बार विधायक रह चुके आनंद सिंह..

जनज्वार। कर्नाटक की बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने अवैध खनन और वन अपराधों समेत 15 लंबित मामलों के आरोपी आनंद सिंह को नया वन एवं पर्यावरण मंत्री बना दिया है। भरपूर बल्लारी जिले से चार बार विधायक रह चुके आनंद सिंह के खिलाफ साल 2012 से ये आपराधिक मामले लंबित हैं। आनंद सिंह का खनन और परिवहन का कारोबार भी है।

नंद सिंह को पहले सोमवार को खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग का मंत्री बनाया गया। मुख्यमंत्री येदियुरप्पा से पोर्टफोलियो में बदलाव की मांग के बाद उन्हें वन, पारिस्थितिकी और पर्यावरण विभाग भी सौंप दिया गया। मुख्यमंत्री ने इस बात की अनदेखी करते हुए उन्हें वहीं विभाग सौंप दिया जिसमें वह कई लंबित मामलों में आरोपी हैं।

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ये मामले पिछली बीजेपी सरकार (2008-13) के कार्यकाल से जुड़े हैं। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक बीजेपी के सूत्रों ने बताया, विजयनगर से विधायक आनंद सिंह खाद्य एवं आपूर्ति विभाग मिलने से नाराज थे और ऊर्जा मंत्रालय की मांग कर रहे थे लेकिन उन्हें संतुष्ट करने के लिए वन एवं पर्यावरण विभाग का जिम्मा सौंपा गया।'

Full View दें कि आनंद सिंह कांग्रेस के उन 14 विधायकों में शामिल थे जिन्होंने विधायकी से इस्तीफा देकर कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की कुमारस्वामी सरकार को गिराने में भूमिका निभाई थी। सिंह ने बाद में दिसंबर 2019 में बीजेपी के टिकट पर बेल्लारी के विजयनगर सीट से चुनाव जीता था। वह बेल्लारी के ही रहने वाले हैं।

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सूत्रों ने बताया कि सिंह को तब वन एवं पर्यावरण विभाग दिया गया जब उनकी एक और मांग मानने से सीएम येदियुरप्पा ने इनकार कर दिया। सिंह ने बेल्लारी जिले को बांटकर दो जिले बनाने की मांग सीएम से की थी लेकिन मुख्यमंत्री ने इसे खारिज कर दिया। अब उन्हें संतुष्ट करने के लिए नया विभाग आवंटित किया है। सिंह को खनन माफिया कहा जाता रहा है। उन्होंने उप चुनाव में दिए गए हलफनामे में अपनी कुल संपत्ति 173 करोड़ रुपये बताई थी। उन पर सीबीआई केस भी चल रहा है, जो ट्रायल फेज में है।

Full View बताया कि आनंद सिंह पूर्व मंत्री जनार्दन रेड्डी के साथ ही उस केस में आरोपी हैं, जिसमें अवैध उत्खनन के जरिए सरकारी खजाने को करीब 200 करोड़ रुपये की चपत लगाने के आरोप हैं। इन पर आपराधिक षडयंत्र, चोरी, आपराधिक तौर पर भरोसा तोड़ने, धोखाधड़ी और बेईमानी समेत आपराधिक फर्जीवाड़े के आरोप हैं। यह मामला बेंगलुरू की स्पेशल कोर्ट में चल रहा है और 26 फरवरी को सुनवाई होनी है।

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