ज़ोमेटो के बाद अब स्वीगी भी नौकरी से निकालेगी हज़ारों कर्मचारियों को

Update: 2020-05-20 07:04 GMT

स्वीगी अपने खर्चों में कटौती की योजना पहले से ही बना रही थी। हाल ही में उसने अपने उन प्रोजेक्ट्स को भी रोक दिया है जिनके लिए उसे बाजार से पूंजी मिल भी गयी थी, अब होंगे हजारों कर्मचारी बाहर...

जनज्वार। वैसे तो सरकार ने लॉकडाउन 4.0 के तहत सभी तरह की दुकानों और फ़ूड आउटलेट्स को खोलने की अनुमति दे दी है, ताकि काम-धंधा एक बार फिर पटरी पर लौटे, लेकिन खाने-पीने की चीज़ों की होम डिलीवरी करने वाली कंपनियां लॉकडाउन के बहाने अपने कर्मचारियों की छंटनी करने पर आमादा हैं।

स क्षेत्र में अग्रणी कंपनी स्वीगी अगले कुछ दिनों के दौरान विभिन्न स्तरों के अपने 1,100 कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है। कंपनी का मानना है कि कोविड-19 का क्लाउड किचन यानी खाने की डिलीवरी के कारोबार पर बुरा असर पड़ रहा है।

यह भी पढ़ें : योगी सरकार ने 16 लाख कर्मचारियों को दिया बड़ा झटका, 6 भत्तों को किया खत्म, इतनी कम हो जाएगी सेलरी

भी कुछ दिन पहले ही एक अन्य फूड डिलिवरी कंपनी जोमैटो ने कहा था कि वह अपने 13 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी करेगी, जिससे करीब 520 कर्मचारी प्रभावित होंगे।

चीन की टेनसेंट एवं प्रोसस एनवी के निवेश वाली स्वीगी में करीब 8,000 कर्मचारी हैं और यह अपने कुल कर्मचारियों में से 13.75 की छंटनी कर रही है। स्वीगी के सह-संस्थापक और सीईओ श्रीहर्ष मजेटी ने कंपनी के ब्लॉग में ई-मेल पोस्ट कर कहा है - 'दुर्भाग्यवश हमें अगले कुछ दिनों के दौरान कई शहरों और मुख्यालय में कार्यरत 1,100 कर्मचारियों को अलविदा कहना होगा। प्रबंधन टीम और मेरे लिए यह फैसला हाल के समय में सबसे मुश्किल और सबसे अधिक माथापच्ची वाला फैसला रहा है।'

यह भी पढ़ें : मोदी के बाद योगी ने कर्मचारियों और पेंशनरों की जेब पर की चोट, महंगाई सहित 6 भत्तों पर लगा दी रोक

जेटी ने कहा कि कंपनी पिछले साल दिसंबर से खाने की डिलिवरी के कारोबार में तेजी से मुनाफे की राह पर आगे बढ़ रही थी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने कंपनी पर अनिश्चितता का तगड़ा प्रहार किया है, जिससे वह लागत और आगे की राह की तैयारी के बारे में ज्यादा सोचने को मजबूर हुई है। कोविड-19 का डिलिवरी और डिजिटल कारोबार पर लंबे समय तक असर बना रह सकता है। मजेटी ने कहा कि यह कोई नहीं जानता कि यह अनिश्चितता कितनी लंबी रहेगी।

स्वीगी के सह-संस्थापक और सीईओ श्री हर्ष मजेटी ने अपनी मेल में कहा है - 'इसलिए हमें इस मुश्किल दौर से पार पाने के लिए तैयारी करनी होगी ताकि हम आगे मजबूती से उभर कर सामने आएं।'

स्वीगी ने हाल में कहा था कि उसके निवेशकों का कंपनी के नेतृत्व में भरोसा बना हुआ है। कंपनी चीन की टेनसेंट होल्डिंग्स और प्रोसस एनवी जैसे निवेशकों से 12 चरणों में 1.6 अरब डॉलर की धनराशि जुटा चुकी है। अगले कुछ दिनों के दौरान स्विगी की मानव संसाधन टीम और लाइन प्रबंधक प्रभावित कर्मचारियों से एक-एक करके बातचीत करेंगे। सभी प्रभावित कर्मचारियों को कम से कम तीन महीने का वेतन मिलेगा, भले ही उनके नोटिस की कितनी भी अवधि हो। जिन कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है, उन्हें स्विगी में नौकरी का हर एक साल पूरा करने के लिए एक महीने की अतिरिक्त अनुग्रह राशि दी जाएगी। यह नोटिस अवधि के भुगतान से अलग होगी।

यह भी पढ़ें : संविदा सफाई कर्मचारियों को नहीं मिल रहा वेतन, प्रधानमंत्री मोदी को भेजेंगे खून से लिखा बैनर

स तरह कर्मचारियों को अपनी नौकरी के वर्षों के आधार पर 3 से 8 महीने तक का वेतन मिलेगा। उदाहरण के लिए अगर किसी व्यक्ति की नोटिस अवधि तीन महीने है और उसने कंपनी में पांच साल पूरे कर लिए हैं तो उसे आठ महीने का वेतन मिलेगा। कंपनी इन कर्मचारियों और उनके परिवार के नामित सदस्यों को 31 दिसंबर, 2020 तक चिकित्सा बीमा मुहैया कराएगी।

सके पहले अप्रैल में बेंगलुरु स्थित स्वीगी के प्रवक्ता ने कहा था कि लगातार बढ़ते लॉकडाउन के चलते कंपनी क्लाउड किचेन के कर्मचारियों की छंटनी करने, किराये को लेकर मकान-मालिकों से दोबारा बातचीत करने और अपनी कुछ दुकानों को बंद करने जा रही है। प्रवक्ता ने यह भी बताया था कि कंपनी अपने मासिक कैश बर्न को घटा कर 5 मिलियन डॉलर करना चाहती है, जबकि पिछले साल मई में इसका मासिक कैश बर्न 40 मिलियन डॉलर था।

साफ़ है कि स्वीगी अपने खर्चों में कटौती की योजना पहले से ही बना रही थी। हाल ही में उसने अपने उन प्रोजेक्ट्स को भी रोक दिया है जिनके लिए उसे बाजार से पूंजी मिल भी गयी थी।

यह भी पढ़ें : सफाईकर्मी पिता की मौत के बाद नौकरी के लिए अफसरों के चक्कर काट रही बेटी ने की खुदकुशी, भूखे पेट सो रहे थे भाई-बहन

सल में महामारी के चलते पिछले दो महीनों में घर तक खाना पहुँचाने के धंधे में 60 से 70 फीसदी की कमी आई है। इसीलिये पिछले कुछ महीनों से ज़ोमेटो और स्वीगी दोनों ने ही रोज़मर्रा के उपभोग की चीज़ों की होम-डिलीवरी के क्षेत्र में कदम रख लिया है और घर-घर शराब पहुँचाने की उनकी बातचीत भी अनेक राज्य सरकारों के साथ चल रही है।

Tags:    

Similar News