परिवार समेत यात्रा कर रहे मुस्लिम परिवार पर किया हमला बताता है कि देश में सांप्रदायिक मानसिकता वहशी होती जा रही है...
लखनऊ, 14 जुलाई 2017। रिहाई मंच ने फर्रुखाबाद की एक ट्रेन में मुस्लिम यात्रियों पर हुए सांप्रदायिक हमले को एक बार फिर यूपी में जुनैद काण्ड को दोहराने की कोशिश करार दिया।
गौरतलब है कि 53 साल के शाकिर अपनी फैमिली के साथ फर्रुखाबाद-शिकोहाबाद पैसेंजर ट्रेन में सफर कर रहे थे। कुछ लोग ट्रेन में चढ़े और महिलाओं के साथ छेड़खानी शुरू कर दी जब इस छेड़छाड़ का विरोध किया तो शाकिर के परिवार और उन लोगों के बीच बहस होने लगी।
उन लोगों ने फोन करके अपने साथियों को बुला लिया और परिवार से मारपीट शुरू कर दी। पीड़ितों पर रॉड से हमला किया गया। उन लोगों ने न सिर्फ उन्हें लूटा बल्कि औरतों के साथ बदतमीजी भी की। उन्होंने मानसिक तौर पर कमजोर उनके 17 साल के बेटे पर भी रहम नहीं खाया। शाकिर के सिर और हाथ में गंभीर चोटें आईं हैं।
शाकिर के साथ उनकी पत्नी आसिया, बेटी अर्शी, तीन बेटे अरासान, फैजान, फिजू, शाकिर के भाई आरिफ, उनके भतीजे, शाकिर के साले शाहिद और उनकी दो बहनें शहनाज और मेनाज भी जख्मी हुए हैं। इनमें चार के सिर में चोट आई है। चार के हाथ में फ्रैक्चर हुआ है।
मंच ने पहलू खान मामले में आरोपी रवीन्द्र की जमानत पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जिस तरह से लचर विवेचना से पुलिस मोहसिन, अखलाक, अयूब और अब पहलू खान के हत्यारोपियों को जमानत दिलवा रही है उससे साफ है कि सरकार ऐसा कर उन हत्यारोपियों के हौसले का बुलंद कर रही है जिससे वो इस तरह की हिंसा और करें।
फर्रुखाबाद की ट्रेन में मुस्लिम यात्रियों के साथ हिंसा पर रिहाई मंच प्रवक्ता शाहनवाज आलम ने कहा कि जिस तरह से ट्रेन का शीशा तोड़कर दर्जनों हमलावरों ने ‘मुल्ले हैं मारो इन्हें’ कहकर हमला किया और महिलाओं के साथ अभद्रता की उसने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जुनैद जैसी घटना को यूपी में दोहराने की कोशिशें लगातार जारी हैं।