अमित शाह ने खुलेआम किया चैलेंज : डंके की चोट पर कह रहा हूं, वापस नहीं होगा CAA

Update: 2020-01-21 11:55 GMT

CAA के समर्थन में रैली कर रहे अमित शाह बोले, देश में कांग्रेस, सपा, बसपा और तृणमूल CAA-NRC और NPR धरने और दंगे करवा रहे हैं, CAA में किसी की नागरिकता छीनने का नहीं, बल्कि नागरिकता देने का है प्रावधान...

जनज्वार। पूरे देशभर में CAA-NRC और NPR का भारी विरोध हो रहा है, पूरा देश जगह—जगह शाहीनबाग में तब्दील हो चुका है, 2 दर्जन से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं, सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया। वहीं भाजपा संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन में घर-घर तक पहुंचने की कवायद में जुटी है। CAA-NRC के कैंपेनिंगके तहत ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह लखनऊ पहुंचे और उन्होंने ताल ठोककर कहा कि CAA को किसी भी हाल में वापस नहीं लिया जाएगा।

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में मंगलवार 21 जनवरी को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखऊ में एक जनसभा को संबोधित किया। अपने भाषण की शुरुआत 'भारत माता की जय' के नारों से करते हुए अमित शाह ने समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, तृणमूल कांग्रेस को नागरिकता कानून को लेकर हो रही हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया।

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मित शाह बोले कि 'CAA के खिलाफ विपक्ष प्रचार कर रहा है कि संशोधित नागरिकता कानून की वजह से मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी। ममता दीदी, राहुल बाबा, अखिलेश यादव चर्चा करने के लिए सार्वजनिक मंच तलाश लो, हमारा स्वतंत्र देश चर्चा करने के लिए तैयार है। CAA की कोई भी धारा, मुसलमान छोड़ दीजिए, अल्पसंख्यक छोड़ दीजिए किसी भी व्यक्ति की नागरिकता ले सकती है तो वह मुझे दिखा दीजिए।'

गौरतलब है कि CAA के समर्थन में अमित शाह की यह छठी रैली है। इससे पहले वे अहमदाबाद, जोधपुर, नई दिल्ली, जबलपुर, वैशाली में CAA पर लोगों के समर्थन के लिए विशाल जनसभाओं को संबोधित कर चुके हैं।

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मित शाह ने कहा, 'मैं आज डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसको विरोध करना है करे, CAA वापस नहीं होने वाला है। मैं वोट बैंक के लोभी नेताओं को कहना चाहता हूं, आप इनके कैंप में जाइए, कल तक जो सौ-सौ हेक्टेयर के मालिक थे, वे आज एक छोटी सी झोपड़ी में परिवार के साथ भीख मांगकर गुजारा कर रहे हैं।'

हीं केंद्रीय मंत्री अमित शाह कांग्रेस पर हमलावर होते हुए बोले, 'कांग्रेस के पाप के कारण धर्म के आधार पर भारत के दो टुकड़े हुए। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की संख्या कम होती रही। आखिर कहां गए ये लोग। कुछ लोग मार दिए गए, कुछ का जबरन धर्म परिवर्तन किया गया। तब से शरणार्थियों के आने का सिलसिला चल रहा है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्षों से प्रताड़ित लोगों को उनके जीवन का नया अध्याय शुरू करने का मौका दिया है।'

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मित शाह ने कहा 'देश में भ्रम फैलाया जा रहा है, दंगे कराए जा रहे हैं, आगजनी फैलाई जा रही है, यह धरना प्रदर्शन, विरोध, यह भ्रांति एसपी-बीएसपी, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस फैला रहे हैं, जबकि CAA में किसी की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है, इस बिल के अंदर नागरिकता देने का प्रावधान है। सीएए के खिलाफ राहुल, ममता, अखिलेश, मायावती ब्रिगेड कांव-कांव कर रहे हैं।'

स दौरान अमित शाह ने जेएनयू हिंसा पर जुबान खोलते हुए कहा, 'नेहरू जी ने कहा था कि केंद्रीय राहत कोष का उपयोग शरणार्थियों को राहत देने के लिए करना चाहिए। इनको नागरिकता देने के लिए जो करना चाहिए वह करना चाहिए, लेकिन कांग्रेस ने कुछ नहीं किया। दो साल पहले JNU के अंदर देश विरोधी नारे लगे। मैं जनता से पूछने आया हूं कि जो भारत माता के एक हजार टुकड़े करने की बात करें, उसको जेल में डालना चाहिए या नहीं। मोदी जी ने उनको जेल में डाला और ये राहुल एंड कंपनी कह रही है कि यह बोलने की स्वतंत्रता का अधिकार है।'

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मित शाह ने कहा, 'पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान जैसे देश जहां भारत के विभाजन के बाद करोड़ों हिंदू वहां रह गए, सिख वहां रह गए, ईसाई, जैन, बौध, पारसी वहां रह गए। मैंने उनके दर्द को सुना है। बड़ी तादाद में हिंदुओं को वहां परेशान किया जाता है। जब विभाजन हुआ तब पाकिस्तान में 23% अल्पसंख्क थे, लेकिन आज 3 % बचे हैं।'

मित शाह यहां भी नेहरू को कोसने से बाज नहीं आये। कहा कि जवाहर लाल नेहरू ने जो गलती की थी, आज हमारे नेता नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को उखाड़कर फेंक दिया। कश्मीर हमारा अभिन्न अंग नहीं माना जा रहा था। आज कश्मीर में तिरंगा आसमान की ऊंचाइयों को छू रहा है। ममता, राहुल कहते थे, धारा 370 नहीं हटना चाहिए। पेट में क्यों दर्द हो रहा था।

स दौरान अयोध्या मंदिर मुद्दे जोकि भाजपा की वोट राजनीति का अहम मुद्दा रहा है, पर भी अमित शाह जनता से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा 'कांग्रेस जब तक सत्ता में थी, तबतक अयोध्या में प्रभु श्रीराम का मंदिर नहीं बनने दिया। कोर्ट में कपिल सिब्बल खड़े होकर केस में अड़ंगा लगाते थे। मोदी सरकार बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट में केस तेजी से चला और अब अयोध्या में आसमान छूने वाला श्रीराम का मंदिर बनने वाला है।'

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