'मुस्लिम विरोधी' भावनाओं को आगे बढ़ा रहे भारतीय और अमेरिकी नेता : एमनेस्टी इंटरनेशनल

Update: 2020-02-24 14:01 GMT

एमनेस्टी इंटरनेशनल यूएसए के कार्यकारी निदेशक मार्गरेट हुआंग ने कहा कि दशकों से अमेरिका-भारत मानव अधिकारों और मानव गरिमा के मूल्यों को साझा करने का दावा करते आये हैं। अब उन साझा मूल्यों में भेदभाव, कट्टरता और शरणार्थियों और शरण चाहने वालों के प्रति शत्रुता है...

जनज्वार। मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सोमवार को कहा कि अमेरिका और भारत दोनों देशों के नेताओं की नीतियां मुस्लिम विरोधी भावना को प्रभावित करती है। इस अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ने आरोप लगाया है कि दोनों सरकारें अब जिन मूल्यों को साझा कर रहे हैं वो कट्टरता और शत्रुता हैं।

मनेस्टी इंटरनेशनल यूएसए और एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा से पहले संयुक्त बयान में यह बयान जारी किया गया। ट्रम्प, फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रम्प के साथ दो दिन की यात्रा के लिए भारत पहुंचे हैं, जिसका उद्देश्य दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच व्यापार में तनाव को फिर से ठीक करना है।

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मनेस्टी इंटरनेशनल यूएसए के कार्यकारी निदेशक मार्गरेट हुआंग ने बयान में कहा, 'अमेरिका और भारतीय नेताओं दोनों की नीतियां 'मुस्लिम विरोधी भावना को आगे बढ़ा रही हैं। दशकों से अमेरिका-भारत मानव अधिकारों और मानव गरिमा के मूल्यों को साझा करने का दावा करते आये हैं। अब उन साझा मूल्यों में भेदभाव, कट्टरता और शरणार्थियों और शरण चाहने वालों के प्रति शत्रुता है।'

Full View 11 दिसंबर को संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम और ट्रम्प द्वारा मुस्लिम बहुल आबादी वाले देशों के प्रवासियों को निशाना बनाने के संबंध में अपनी बात कह रहे थे।

मनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के कार्यकारी निदेशक अविनाश कुमार ने कहा कि कश्मीर में इंटरनेट और राजनीतिक बंदी महीनों से चली आ रही है और नागरिकता संशोधन अधिनियम विरोधी प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई दिखाती है कि सहानुभूति और इच्छाशक्ति की कमी है। उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रपति ट्रम्प और प्रधानमंत्री मोदी से अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करने और उनकी द्विपक्षीय बातचीत में हमारी चिंताओं को दूर करने का आह्वाहन करते हैं।

स मानवाधिकार संगठन ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और एनआरसी का भी हवाला दिया और कहा कि यह विशेष रूप से मुसलमानों को कारागार और राज्यविहीनता की ओर धकेल सकता है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर एक अखिल भारतीय स्तर पर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर बनाने की दिशा में पहला कदम है। जैसा कि आलोचकों ने भी जिक्र किया है कि एनआरसी, सीएए के साथ मिलकर कई भारतीय मुस्लिमों को राज्यविहीन करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है चूंकि नागरिकता कानून मुसलमानों को बाहर करता है।

Full View ने सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और जन सुरक्षा अधिनियम के तहत जम्मू और कश्मीर में राजनीतिक नेताओं को हिरासत में रखने की पुलिस की कार्रवाई की भी आलोचना की। बयान में आगे कहा गया, 'विरोध प्रदर्शनों के दौरान इंटरनेट शटडाउन के मामले में भारत भी सबसे अधिक शटडाउन वाला देश बन गया है।'

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यान में आगे कहा गया, 'इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने 'कपड़ों के द्वारा प्रदर्शनकारियों की पहचान' या 'देशद्रोहियों को गोली मारने' के बयानों ने 'डर और विभाजन की कहानी को आगे बढ़ाया है, जिसने आगे की हिंसा को हवा दिया है।'

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