कार की टक्कर से गिर गई 4 मंजिला होटल की इमारत, एक दर्जन लोगों की मौत

Update: 2018-04-01 08:11 GMT

जनज्वार, इंदौर। इंदौर में कल देर रात कार की टक्कर से एक चार मंजिला होटल की इमारत ढह गई, जिससे मौके पर ही लगभग एक दर्जन की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। स्थानीय लोगों के मुताबिक मरने वालों की संख्या इससे कहीं ज्यादा है।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मात्र 20 सेकेंड में जर्जर होटल की इमारत कार की टक्कर लगने से ध्वस्त हो गई, जिसके नीचे कई लोग दब गए। देर रात टार्च की रोशनी में पुलिस और स्थानीय लोगों ने लाशों को निकाला।

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कहा जा रहा है कि यह बिल्डिंग लगभग 80 साल पुरानी है। इसमें रिपेयरिंग का काम भी चल रहा था। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक इस बिल्डिंग में अवैध गतिविधियां भी संचालित होती थीं।

गौरतलब है कि कल 31 मार्च की देर रात एक कार इंदौर के बस स्टैंड के पास स्थित एमएस होटल से टकराई तो यह हादसा हुआ। अचानक हुई इस दुर्घटना को लोग जब तक समझ पाते तब तक पूरी इमारत ढह चुकी थी। अंधेरे और धूल के गुबार में लोग अपनी जान बचाने के लिए चीखते—चिल्लाते रहे।

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सवाल यह है कि जब यह बिल्डिंग इतनी जर्जर हो चुकी थी तो क्यों नहीं स्थानीय प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। इस घटना के लिए जितना जिम्मेदार होटल मालिक है उससे कम जिम्मेदार प्रशासन भी नहीं है। एक बात और नगर निगम ने इस होटल को पहले से ही जर्जर घोषित कर रखा था, मगर बजाय इस पर एक्शन लेने के वह इस दुर्घटना का इंतजार कर रहा था। हैरानी की बात है कि इतनी पुरानी बिल्डिंग जो कि जर्जर हालत में पड़ी हुई थी उस पर दो मंजिलें और खड़ी कर दी गईं वो भी बिना पिलर के और अंदर भी रिपेयरिंग का काम जारी था।

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लगभग एक हफ्ते पहले इस होटल की छत भी गिर चुकी थी, फिर भी प्रशासन ने इस ओर कान देना मुनासिब नहीं समझा। या हो सकता है कि घूस में मिले पैसों ने उसे अंधा बना दिया हो। स्थानीय लोग कई बार इसकी शिकायत कर चुके थे।

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना को लेकर ट्विटर पर दुख व्यक्त करते हुए कहा "इंदौर के सरवटे बस स्टैंड के पास हुआ हादसा अत्यंत दुखद है। बचाव कार्य सहित पूरी स्थिति पर हमारी नजर है। ईश्वर से प्रार्थना है कि सभी सकुशल हों और घायल शीघ्र स्वस्थ हों।"

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मुख्यमंत्री महोदय काश आपके प्रशासन ने पहले इस तरफ ध्यान दिया होता तो असमय एक दर्जन लोग काल के गाल में समाने से बच गए होते। मगर प्रशासन तो ऐसी घटनाओं के होने के बाद एक्शन लेता है, इस मामले में भी यही हुआ।

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दुर्घटना की खबर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एमवाय अस्पताल के ट्रामा सेंटर में लोगों का तांता लग गया। लोग अपनों को ढूंढ़ते हुए वहां पहुंच रहे थे। दुर्घटनास्थल के आसपास भी भीड़ इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि लोगोंं को लाठीचार्ज कर उग्र भीड़ को काबू में करना पड़ा।

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स्थानीय लोगों के मुताबिक सरवटे बस स्टैंड के पास का यह हिस्सा भीड़-भाड़ वाला इलाका माना जाता है। इस क्षेत्र में 15 से ज्यादा होटल और रेस्टारेंट हैं। वीकेंड होने के कारण कल कुछ ज्यादा ही भीड़ थी।

जिस वक्त हादसा हुआ तब दुर्घटनाग्रस्त होटल के दो दर्जन लोग खड़े थे। देर रात तक पुलिस-प्रशासन और निगम की टीमें मलबा हटाने और दबे हुए लोगों को ढूंढ़ने में लगी रही।

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