दिल्ली में मिला एक और राम रहीम, 16 हजार गोपियों से संबंध बनाने का था लक्ष्य
राम रहीम की सनसनी के बाद दिल्ली के रोहिणी इलाके में एक और सेक्स ठग बाबा सामने आया है, लेकिन सवाल ये है कि औरतों पर पचास तरह के प्रतिबंध लगाने वाले ये कौन से परिवार हैं जो भक्ति के नाम पर अपनी लड़कियों को भोगने के लिए किसी जालसाल यौन अपराधी के पास छोड़ आते हैं...
जनज्वार, दिल्ली। अब एक और बलात्कारी बाबा का चेहरा बेनकाब हुआ है। इस बाबा ने तो औरों से भी कहीं आगे बढ़कर 16000 लड़कियों से यौन संबंध बनाने का टारगेट रखा था। महिलाओं को अपने जाल में फंसाकर यह ढोंगी कहता था कि वह आधुनिक कृष्ण है। चूंकि भगवान कृष्ण की 16000 पटरानियां थीं, तो वह भी इतनी ही महिलाओं से यौन संबंध बनाना चाहता था।
घटनाक्रम के मुताबिक दिल्ली स्थित रोहिणी के विजय विहार इलाके में एक आध्यात्मिक विश्वविद्यालय संचालित किया जाता है। इस आश्रम का संचालक वीरेंद्र देव दीक्षित है, जो खुद को कान्हा का अवतार बताता था। बाबा दावा करता था कि मेरी शरण में आने वाली महिलाएं अध्यात्म का ज्ञान लेकर ईश्वर को प्राप्त होती हैं।
इतना ही नहीं हमेशा महिलाओं के बीच रहने वाला वीरेंद्र देव दीक्षित अपने सारी शिष्याओं से कहता था कि वह कृष्ण का अवतार है, इसलिए जो भी उसके साथ संबंध बनाएगा वह इस संसार रूपी भवसागर से मुक्त हो जाएगा।
जब इस बात का खुलासा हुआ तो हाईकोर्ट ने आध्यात्मिक विश्वविद्यालय आश्रम की जांच के निर्देश जारी किये। छानबीन में महिला पुलिस के साथ पहुंची महिला आयोग की टीम को इस बात के पुख्ता प्रमाण के बतौर एक वीडियो मिला जिससे यह बात साबित होती है कि वीरेंद्र देव दीक्षित 16000 महिलाओं को अपनी हवस का शिकार बनाना चाहता था।
आश्रम से पुलिस ने कार्रवाई के दौरान कई लड़कियों को मुक्त कराया और बाबा के दो सहयोगियों को अपनी हिरासत में लिया।
गौरतलब है कि यह मामला तब संज्ञान में आया जब इस आश्रम में नाबालिग लड़कियों और महिलाओं को बंधक बनाकर किए जाने वाले यौन शोषण—बलात्कार के खिलाफ एक एनजीओ ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस लड़की की गुहार पर यह मामला खुला है उसका कहना है कि बाबा नशे के बाद रोज 10 लड़कियों का बलात्कार करता था। इतना ही नहीं उसे नंगी लड़कियों ने अपनी मालिश करवाने का शौक था।
मामले की गंभीरता को समझते हुए कोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग से कहा था कि वह इस मामले में कार्रवाई करे और आरोपियों की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करे। महिला आयोग की टीम ने इस मामले की रिपोर्ट कोर्ट को कल 20 दिसंबर को सौंप दी है।
रिपोर्ट देखने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर ने टिप्पणी की है कि यह मामला राम-रहीम जैसा हो सकता है, जिसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए।
इस मामले में एक तथ्य यह भी गौर करने वाली है कि जब महिला आयोग और पुलिस की टीम यहां छापेमारी करने गई थी तो बाबा के अनुयायियों ने आश्रम में उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया था। हालांकि जहां तक टीम पहुंची वहीं बाबा के अश्लील वीडियो, किताबें और कई वर्जित दवाओं के साथ अन्य आपत्तिजनक सामान जब्त किया था।
वीडियो में दिख रहा है कि वीरेंद्र देव दीक्षित खुद को कृष्ण बताते हुए़ लड़कियों से कह रहा है कि वह उसकी गोपियां बन जाएं तो उनका उद्धार हो जाएगा। तरह—तरह की लुभावनी और लच्छेदार बातें कह वह लड़कियों—महिलाओं को यौन संबंध बनाने के लिए तैयार करता था।
आश्रम में लड़कियों को कई—कई दिन तक एक कमरे में बंद रखा जाता था। बाबा के अनुयायी इस दौरान उन्हें बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के वीडियो दिखा लड़कियों का ब्रेनवॉश करते थे।
मामले की छानबीन करने के बाद दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद ने कहा कि महिलाओं को नशे के दवा दी जाती थीं। आश्रम के पड़ोस में बने घरों में रहने वाले लोगों ने भी इस बात की पुष्टि की कि रात में लड़कियां यहां से आती-जाती हैं। यहां देह व्यापार चलता है।
पीड़ित महिलाओं ने यह भी बताया कि जब वे सेक्स करने लायक नहीं रहतीं, बुढ़ापे की तरफ बढ़ रही होती हैं तो उन्हें बाहर निकाल दिया जाता है। बाबा की शिष्याओं के नाम पर यहां उड़ीसा, बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु,उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत तमाम राज्यों के गरीब घरों की लड़कियों को बाबा के भोग के लिए लाया जाता था।