JNU हमले के मामले में छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत 22 के खिलाफ मामला दर्ज

Update: 2020-01-07 06:16 GMT
JNU हमले के मामले में छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत 22 के खिलाफ मामला दर्ज
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जेएनयू हमले के मामले विश्वविद्यालय प्रशासन की शिकायत पर पुलिस ने 22 के खिलाफ दर्ज किया मामला, हमले में घायल आइशी घोष का नाम भी शामिल, हिंदू रक्षा दल ने ली हमले की जिम्मेदारी..

जनज्वार। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रों पर हुए हमले के बाद एक ओर जहां हिंदू रक्षा दल हमले की जिम्मेदारी ले रहा है वहीं दूसरी ओर दिल्ली पुलिस ने जेएनयू की छात्रसंघ अध्यक्षा आइशी घोष और 22 अन्य छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी है। दिल्ली पुलिस ने यह एफआईआर जेएनयू प्रशासन की ओर से मिली शिकायत के आधार पर की है।

Full View दें कि रविवार 5 जनवरी की रात जेएनयू में करीब 50-60 नकाबपोशों ने छात्रों और शिक्षकों पर हमला कर दिया था। इस हमले में खुद आइशी घोष को गंभीर चोटें आईं, जबकि 25-30 से अन्य छात्र घायल हुए। घायलों में अधिकांश छात्र लेफ्ट से जुड़े थे। इस दौरान टीवी पत्रकार आशुतोष मिश्रा और स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव पर भी हमला किया गया। यही नहीं मदद के लिए आई एंबुलेंस को भी हमलावरों ने निशाना बना लिया था। इसके बाद योगेंद्र यादव ने आरोप लगाया था कि पुलिस के संरक्षण में यह हमला किया जा रहा है।

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दिल्ली के वसंतकुंज पुलिस स्टेशन में जिन छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है उनमें आइशी घोष, विवेक कुमार, गौतम शर्मा, गीता कुमारी, साकेत मून, सतीश यादव, राजू कुमार, चुनमुन यादव, कामरान, मानस कुमार, दोलन और सारिका चौधरी समेत 22 लोगों के नाम शामिल हैं।

खुद के साथ हुई इस मारपीट के बाद योगेंद्र यादव ने ट्वीट किया था, 'पुलिस और मीडिया की मौजूदगी में मेरे ऊपर भीड़ ने हमला किया, उस वक्त मेरे साथ संस्कृत विभाग के प्रोफेसर मिश्रा भी थे। थोड़ी चोट आई है, लेकिन मैं सुरक्षित हूं। जेएनयू के उत्तरी गेट के बाहर मुझे रखा गया है। पुलिस की सुरक्षा में कैम्पस के अंदर गुंडों की तोड़फोड़ जारी है।'

योगेंद्र यादव ने बताया था कि जब एबीवीपी के लोगों ने मेरे साथ मारपीट की तब पुलिसकर्मी वहां खड़े थे, लेकिन कुछ नहीं कर रहे थे। यदि पुलिस डरी हुई है तो वह अपनी वर्दी उतार सकती है।

Full View दें कि यह पहला मामला नहीं है जब जेएनयू इस तरह से सुर्खियों में आया हो। इससे पहले साल 2016 में जेएनयू के छात्रसंघ अध्यक्ष और अन्य के खिलाफ देशविरोधी नारे लगाने का आरोप लगाया था लेकिन पुलिस करीब तीन साल बाद भी आरोपियों पर दोष साबित नहीं कर पायी है। इसके अलावा जेएनयू का छात्र नजीब अहमद अभी तक लापता है।

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हीं नहीं इसी सप्ताह के भीतर पांच जनवरी की शाम जेएनयू छात्र संघ और एबीवीपी के सदस्यों के बीच झड़प हुई थी, उससे पहले कल 4 जनवरी को भी एबीवीपी के लोगों ने जेएनयू छात्रसंघ महासचिव सतीश कुमार यादव और अन्य छात्रों के साथ मारपीट की थी, जिसमें एक छात्रा का हाथ और एक का पैर टूटा गया था।

स मामले की लेकर देश और दुनियाभर में आलोचना हो रही है। वहीं सोशल मीडिया पर सक्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री की ओर से न कोई ट्ववीट आया है और न ही कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि विदेश मंत्री डॉ.एस. जयशंकर ने इस घटना की निंदा की है।

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