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आंदोलन

जेएनयू हिंसा के विरोध में आज देशभर में व्यापक विरोध-प्रदर्शन, दर्जनों छात्रों को नकाबपोशों ने पीटा था बुरी तरह से

Prema Negi
6 Jan 2020 3:43 AM GMT
जेएनयू हिंसा के विरोध में आज देशभर में व्यापक विरोध-प्रदर्शन, दर्जनों छात्रों को नकाबपोशों ने पीटा था बुरी तरह से
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नकाबपोश हमलावरों ने अध्यापकों को भी नहीं छोड़ा, मारपीट में छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष को काफी चोटें आई हैं और लगभग 30 अन्य छात्र भी बुरी तरह घायल हुए हैं...

दिल्ली, जनज्वार। जेएनयू में फीस बढ़ोत्तरी के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से धरना—प्रदर्शन कर रहे छात्रों—शिक्षकों पर पहले 4 जनवरी और फिर 5 जनवरी को नकाबपोश दर्जनों लोगों ने कैंपस में घुसकर अपना निशाना बनाया, उसके खिलाफ देशभर में आवाज उठने लगी है। जेएनयू छात्रसंघ से जुड़े पीड़ित छात्रों का कहना है कि हम पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोगों ने नकाब पहनकर हमला किया। इस हमले में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष बुरी तरह घायल हैं और लगभग 30 अन्य छात्रों को भी बुरी तरह पीटा गया है।

ल 5 जनवरी को जेएनयू में नकाबपोशों ने पहले कैंपस के अंदर फिर पुलिस की मौजूदगी में हिंसा का जो तांडव मचाया, उससे तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं। इसमें कई पत्रकारों और छात्रों पर ​हुई हिंसा का विरोध कर रहे नेताओं को भी निशाना बनाया गया। स्वराज अभियान के प्रमुख योगेंद्र यादव के साथ भी इस दौरान मारपीट की गयी। योगेंद्र यादव को पीटने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसके अलावा वायरल हो रहे एक अन्य वीडियो में नकाबपोश दर्जनों लोग डंडे और लोहे की रॉड लेकर कैम्पस में मारपीट करते नजर आ रहे हैं।

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योगेंद्र यादव ने भी जेएनयू हिंसा के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को जिम्मेदार ठहराया है और कहा जब एबीवीपी के लोगों ने मेरे साथ मारपीट की तब पुलिसकर्मी वहां खड़े थे, लेकिन कुछ नहीं कर रहे थे। यदि पुलिस डरी हुई है तो वह अपनी वर्दी उतार सकती है। कल देर रात जेएनयू में नकाबपोशों द्वारा की गयी हिंसा के विरोध में लाखों लोगों ने पुलिस मुख्यालय के आगे प्रदर्शन किया।

जेएनयू के छात्रों के मुताबिक कैंपस में 200 से भी ज्यादा एबीवीपी से जुड़े उपद्रवी कैंपस में चेहरा ढककर और हाथों में डंडे लिए घुस गये और उन्होंने बड़े पैमाने पर छात्रों को जमकर पीटा, वाहनों के साथ भी तोड़फोड़ की गयी। साबरमती हॉस्टल समेत कई बिल्डिंगों में जमकर तोड़फोड़ की गई है।

माम वीडियो और मीडिया में आई खबरों के मुताबिक जेएनयू छात्रसंघ और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के सदस्यों के बीच 5 जनवरी की शाम में विश्वविद्यालय परिसर में झड़प हुई, जिसमें एबीवीपी के लोगों ने हॉस्टल के अंदर घुसकर जेएनयू छात्रसंघ से जुड़े लोगों से मारपीट की। इसमें छात्रसंघ अध्यक्ष को बुरी तरह पीटा गया। आइसी घोष और कुछ अन्य छात्रों के खून से सने फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इस घटना को एबीवीपी से जुड़े लोगों ने तब अंजाम दिया जब विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ द्वारा एक बैठक आयोजित की गयी थी।

मलावरों ने अध्यापकों को भी नहीं छोड़ा। इस मारपीट में छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष को काफी चोटें आई हैं और लगभग 30 अन्य छात्र भी बुरी तरह घायल हुए हैं, जिन्‍हें उपचार के लिए एम्‍स में भर्ती कराया गया है। इस बवाल के बाद जेएनयू, एम्‍स, दिल्‍ली पुलिस मुख्‍यालय के बाहर रातभर प्रदर्शन हुए।

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जेएनयू में हुई इस हिंसा का देशभर में विरोध हो रहा है। आज कई टॉप यूनिवर्सिटीज और अन्य लोगों ने जेएनयू में हुई हिंसा के विरोध में प्रदर्शनों का आह्वान किया है। जेएनयू छात्रसंघ से जुड़े एक छात्र कहते हैं, एबीवीपी के हमलावरों की तादाद 200 के लगभग थी।

जेएनयू में छात्रों पर हुए हमले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस ने एक स्पेशल टीम गठित कर ली है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने इसकी जांच के आदेश जारी किये हैं। दिल्ली पुलिस की जॉइंट कमिश्नर शालिनी सिंह इस मामले की पड़ताल करेंगी।

देर रात जेएनयू के छात्रों ने दिल्‍ली पुलिस के साथ बैठक कर यह मांग की है कि घायलों को उचित चिकित्‍सा सहायता दी जाए और जिन लोगों ने तांडव मचाया है, उन्‍हें गिरफ्तार किया जाए। वहीं इस मामले में दिल्ली पुलिस का कहना है कि दिल्ली जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में कल 5 जनवरी को हुई हिंसा के संबंध में हमें कई शिकायतें मिली हैं। हम जल्द ही आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेंगे।

गौरतलब है कि जेएनयू में फीस बढ़ोतरी को लेकर पिछले 68 दिन से प्रदर्शन चल रहा है। रविवार 5 जनवरी की सुबह भी छात्र अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद कर रहे थे। इसी दौरान मारपीट की घटना हुई। जेएनयू छात्र संघ ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर इस घटना में शामिल होने का आरोप लगाया है। वहीं एबीवीपी का कहना है कि इस सबके पीछे लेफ्ट से जुड़े छात्रों का हाथ है।

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