परिवार में कुल 9 सदस्य, सभी के सभी मोतियाबिंद के शिकार

Update: 2017-07-20 15:56 GMT

भोपाल। संतनगर के सेवासदन नेत्र चिकित्सालय में आए एक मामले में नौ सदस्यों का पूरा परिवार ही मोतियाबिंद से ग्रस्त है। पति-पत्नी के अलावा सात बच्चे भी दृष्टबाधिता के करीब पहुुंच चुके हैं। परिवार के मुखिया की आय इतनी नहीं है कि इलाज करा सके इसलिए सेवासदन में सभी के आज नि:शुल्क ऑपरेशन किए जाएंगे।

विदिशा के रंगई गांव में रहने वाले 41 वर्षीय संजेश यादव, उनकी छह बेटियों, एक बेटे और पत्नी सभी की आंखों में मोतियाबिंद है। संजेश और पत्नी चन्द्रकला को जन्म से ही मोतियाबिंद है। बच्चे अंशु 12, साक्षी 10, मुस्कान 9, वैष्णवी 8, सृष्टि 6 और सिमी 4 वर्ष और बेटा शिवानंद केवल 18 माह का है और इन सभी को जन्म के कुछ महीने बाद से ही समस्या शुरू हो गई थी।

सभी बच्चों और उनकी मां को दोनों आंखों में मोतियाबिंद है, जबकि पिता को एक आंख में यह समस्या है।

संजेश गांव के फिल्टर प्लांट में 5,000 रुपए महीने की नौकरी करते हैं। विदिशा में 10 जुलाई को लगे सेवासदन के शिविर में परिवार के साथ संजेश जांच कराने आए। जहां से सभी को मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए संतनगर लाया गया है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रेरणा उपाध्याय ने बताया कि समय रहते यदि किसी डॉक्टर ने इस दंपती की काउंसलिंग की होती तो इतने बच्चे दृष्टिबाधित होने से बच जाते।

डॉक्टरों का दावा है कि उन्होंने पहली बार ऐसा मामला देखा है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. कविता गुप्ता ने बताया कि एक ही परिवार के 9 लोगों को मोतियाबिंद हो ऐसा पहले कभी नहीं देखा। बच्चों को दोनों आंखों में, मां को भी जन्मजात दोनों आंखों में और पिता को एक आंख में मोतियाबिंद है, जिनकी जांचें हो चुकी हैं।

डॉक्टरों ने उम्मीद जताई है कि परिवार के सभी सदस्य यहां से अपने घर रोशनी लेकर जाएंगे। एलसी जनियानी, ट्रस्टी सेवा सदन नेत्र चिकित्सालय कहते हैं कि परिवार के सदस्यों को सिद्धभाऊ के निर्देश पर नि:शुल्क ऑपरेशन और यूएसआईओएल (अमेरिकन) लैंप लगाए जाएंगे। उम्मीद है सभी संतनगर से आंखों में रोशनी लेकर लौटेंगे।

(दैनिक भास्कर से साभार)

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